1 जून को केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून दे सकती है दस्तक 

दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल : मौसम विभाग

 

नई दिल्ली। पश्चिमी हवाओं के तेज होने और संवहनीय बादलों में वृद्धि के परिणामस्वरूप दक्षिण पश्चिम मॉनसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, अंडमान सागर के शेष भाग और अंडमान व  निकोबार द्वीप समूह में कुछ और आगे बढ़ा है।

 

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 5 दिनों के दौरान मॉनसून और आगे बढ़ेगा। अगले 48 घंटों के दौरान मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। 

 

31 मई से 4 जून, 2020 के दौरान दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इस कारण, 1 जून 2020 से केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की प्रबल संभावना है।

 

मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम-मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। अगले 48 घंटों के दौरान इसके कम दबाव के क्षेत्र (डिप्रेशन) के रूप में केंद्रित होने की बहुत संभावना है। अगले 3 दिनों के दौरान इसके उत्तर-पश्चिम की ओर-दक्षिण ओमान और पूर्वी यमन तट जाने की संभावना है।

 

विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 29 मई से 1 जून के दौरान पश्चिम-मध्य अरब सागर में न जाएं। मछुआरों को यह भी सलाह दी गई है कि वे 31 मई से 4 जून, 2020 के दौरान दक्षिण-पूर्व और पूर्व मध्य अरब सागर में न जाएं।

 

इस दौरान, पश्चिमी विक्षोभ और क्षोभमंडल के निचले स्तरों में एक पूर्व-पश्चिम कम दवाब के क्षेत्र के प्रभाव से, 28/30 मई, 2020 के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और आसपास के मैदानी इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर बिजली, ओलों व तेज हवाओं के साथ बारिश/ आंधी की सम्भावना है।

 

इसके परिणाम स्वरूप, उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और मध्य एवं पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान अगले 3-4 दिनों के दौरान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक कम होने की संभावना है। इसलिए उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अलग-अलग इलाकों में गर्मी (हीट वेव) की स्थिति बनी रहेगी तथा शुक्रवार से गर्मी में कमी आयेगी।

 

अगले 24 घंटों के दौरान त्रिपुरा और मिजोरम में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा असम और मेघालय में भारी वर्षा। 28 से 31 मई 2020 के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा तथा 30 से 31 मई, 2020 के दौरान केरल और लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा।

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