*रेलवे की दारू और कामचोरी ने ली 300 जानें*

*रेल मंत्री और दोषी अधिकारियों को मोदी ने क्यों बचाया?* *आचार्य विष्णु हरि सरस्वती* मोदी की सरकार ने अभी तक यह जिम्मेदारी तय नहीं कर सकी कि भीषण रेल दुर्धटना किस कारण हुई जिसमें तीन सौ से अधिक जानें गयी और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए। इतनी बड़ी दुर्घटना और हानि के बाद भी जिम्मेदार लोगों की पहचान करने में विफलता मोदी की छबि और कथनी को कंलकित करती है। नरेन्द्र मोदी भी रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को संरक्षण देकर उनके गुनाहों पर पर्दा डालेंगे। दुर्घटना में तकनीकी पक्ष को रख कर रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों को बचाने का खेल जारी है। रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों की कामचोरी के कारण यह हादशा हुआ है। दोनों ओर से सिंगल हरा था। सिंगल दोनों ओर से हरा था तो यह गलती रेलवे कर्मचारियों की है। रेलवे के कर्मचारी और अधिकारी कामचोरी करते हैं, खासकर रात में दारू के नशे में रहते हैं। मैंने खुद कई यात्राओं में रेलवे के टिकट चैकर को शराब के नशे में देखा है, कोच अटेंडेंट को शराब के नशे में देखा है, रेलवे कोच के सफाईकर्मियों को शराब के नशे में देखा है। रेलवे स्टेशन