संदेश

ईश्वर के अनंत आनंद को तलाश रही है हमारी आत्मा

चित्र
योगदा सत्संग सोसाइटी का एम्स ऋषिकेश में प्रेरक आध्यात्मिक सत्र योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) के संन्यासी ब्रह्मचारी सौम्यानंद की एम्स ऋषिकेश में ध्यान-योग विषय पर आध्यात्मिक सभा का आयोजन किया गया। प्रेरक प्रवचन में ब्रह्मचारीजी ने कहा कि “खुशी बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर हो सकती है, मगर मनुष्य को आंतरिक आनन्द बिना किसी शर्त के प्राप्त होता है, लिहाज़ा जिस खुशी को हम सब संसार में ढूंढ रहे हैं, वह वास्तव में ईश्वर का अनंत आनन्द है और उसी आनन्द को हमारी आत्मा तलाश रही है।” पूर्व में नेत्र-रोग विशेषज्ञ रह चुके ब्रह्मचारी सौम्यानंद ने एम्स संस्थान के प्राध्यापकों व विद्यार्थियों को ‘क्रियायोग विज्ञान—एक आनन्दमय एवं सफल जीवन की कुंजी’ विषय पर प्रवचन दिया। उन्होंने आध्यात्मिक सभा में बताया कि “मन की आदर्श स्थिति समता की स्थिति है, जहां हम बाहरी परिस्थितियों से प्रभावित हुए बिना रहते हैं।" ब्रह्मचारी के अनुसार ध्यान के द्वारा ही हम उस स्थिति को प्राप्त कर सकते हैं।                                                                           योग-विज्ञान पर आयोजित आध्यात्मिक सभा में

मौकेदारों ने किया प्रज्ञा ठाकुर का संहार

चित्र
 *राष्ट्र-चिंतन*   *प्रज्ञा ठाकुर के उत्थान और पतन की कहानियां*         *आचार्य विष्णु हरि सरस्वती*  =================== प्रज्ञा ठाकुर की राजनीतिक जड़ खोखली थी, शून्य थी फिर भी उसने अपने आप को बरगद के पेड समझ लिया। राजनीतिक रणनीति में शून्य थी लेकिन उसने अपने आप को राजनीति का चाणक्य समझ लिया। खुद भस्मासुर बन गयी। जिस डाल पर बैठी थी उसी डाल को काटने लगी। आत्मघाती रार में फंस गयी। अहंकार को अपनी राजनीतिक मानसिकता बना लिया। जिस सीढी पर चढकर संसद तक पहुंची थी उसी को नष्ट करने लगी। संघर्ष के सहचरों को निकाल बाहर फेंकी। नये मौकेदार लोगों से घिर गयी। मौकेदारों ने उन्हें सीधे तार के पेड पर चढा दिया। तार के पेड पर चढने वालों का भला कौन करेगा? नरेन्द्र मोदी को ही चुनौती दे डाली। अहंकार पाल लिया कि भाजपा उनकी चरणवंदना करेगी। संसदीय क्षेत्र की समस्याओं के प्रति अनिच्छुक बन गयी, जनता को भी गुलाम समझ लिया, कह दिया कि नाले-सड़क बनाने के लिए मैं सांसद नहीं बनी हूं, इत्यादि-इत्यादि।                  राजनीति में विद्रोह वर्जित है, विद्रोह का अधिकतर रिजल्ट खुद के संहार जैसा ही होता है। राजनीति में उतावला प

क्रिया योग विज्ञान - खुशी की कुंजी

चित्र
  वाईएसएस ब्रह्मचारी सौम्यानंद ने आईआईटी रूड़की में प्रेरक प्रवचन दिया रूड़की : योगदा सत्संग सोसाइटी के संन्यासी ब्रह्मचारी सौम्यानंद ने कहा, "खुशी बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर हो सकती है, लेकिन खुशी बिना किसी शर्त के होती है, और जिस खुशी की तलाश हम सभी कर रहे हैं, वह भगवान का वह अनंत आनंद है जिसे हमारी आत्माएं तलाश रही हैं।" भारत (वाईएसएस), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-रुड़की के छात्रों और कर्मचारियों को "क्रिया योग विज्ञान - एक आनंदमय और सफल जीवन की कुंजी" विषय पर एक व्याख्यान में संबोधित करते हुए। “मन की आदर्श स्थिति समता की स्थिति है जहां हम बाहरी परिस्थितियों से अप्रभावित रहते हैं। ध्यान के द्वारा, हम उस स्थिति को प्राप्त कर सकते हैं, ”ब्रह्मचारीजी ने दर्शकों को समझाया। उन्होंने बताया कि परमहंस योगानंद द्वारा अपनी क्रिया योग शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए स्थापित आध्यात्मिक संगठन वाईएसएस द्वारा प्रस्तुत आत्म-साक्षात्कार के पाठ ने हजारों आध्यात्मिक साधकों को ध्यान का यह मार्ग प्रदान किया है। सफलता के प्रचलित पारंपरिक भौतिक आयाम को भ्रामक और अंततः मोहभंग की ओर

समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए इन्द्रा चौधरी समेत 12 महिलाएं पुरस्कृत

चित्र
नोएडा : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर नोएडा की असाधारण एवं उत्कृष्ट 12 महिलाओं को नोएडा लोक मंच एवं सहयोगी संस्था द ग्रेट इंडिया पैलेस ने सम्मानित किया।  नोएडा लोक  मंच (NGO)  द्वारा "पहला कदम"सांस्कृतिक  प्रकल्प  के अंतर्गत एवं द ग्रेट इंडिया पैलेस के सहयोग से अंतराष्ट्रीय महिला दिवस  के अवसर  पर असाधारण  व्यक्तित्व  की नोएडा निवासी 12 महिलाओं को समाज में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान दिया गया।  कार्यक्रम की शुरूआत विशिष्ट अतिथि श्रीमति उमा शर्मा निर्देशक कैलाश ग्रुप ऑफ हास्पिटल, विद्या सागर मिश्रा डीसीपी नोएडा एवं महेश सक्सेना महासचिव नोएडा लोक मंच द्वारा दीप प्रज्वलित करके हुई।  दीप प्रज्वलन के उपरांत डॉ. पियूषा कुलश्रेष्ठ एवं डॉ. चित्रा चनना ने महिलाओं को कैंसर के बारे में बताया। वर्तमान में होने वाले सर्वाइकल कैंसर , ब्रेस्ट कैंसर, मासिक धर्म, प्रोस्टेट कैंसर एवं युटेरस कैंसर के बारे में क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए उसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया । जिन असाधारण व्यक्तित्व की 12 महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान दिया गया उनमें सर्व प्रथम हैं  1

दो महान्‌ संत, श्री श्री परमहंस योगानन्द और स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के महासमाधि दिवस

चित्र
 अमरत्व के झरोखे से! डॉ. मंजु लता गुप्ता   ईश्वर के प्रेम से सराबोर  अनेक महान् संतों में से एक गुरु-शिष्य का दिव्य युगल, स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी (गुरु) और श्री श्री परमहंस योगानन्दजी (शिष्य), जिनका महासमाधि दिवस क्रमशः 9 मार्च और 7 मार्च को मनाया जाता है, अमरत्व के झरोखे से झाँकते हुए इस जगत् के ईश्वर प्रेमियों पर दृष्टि बनाए हुए हैं एवं उनका मार्गदर्शन एवं पोषण कर रहे हैं। दोनों ने ही ईश्वर से प्रेम करने के महान् लक्ष्य के साथ अपना जीवन जीया और संसार के समक्ष आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर अमर हो गए।     श्रीयुक्तेश्वरजी और योगानन्दजी का दिव्य मिलन, योगानन्दजी का अपने गुरु के आश्रम में दस वर्ष का कठोर प्रशिक्षण तथा संन्यास ग्रहण कर योगानन्दजी का बालक मुकुन्द से योगानन्द में परिवर्तन आदि कहानियों की शृंखला ‘योगी कथामृत’ में, जो कि एक अद्वितीय गौरव ग्रंथ के रूप में संसारभर में प्रसिद्ध है, में उपलब्ध है। यह पुस्तक पिछले 75 सालों से भी अधिक समय से, सहज और सरल रूप में शाश्वत सत्यों का मंच प्रदान कर इसे पढ़ने वालों में न केवल ईश्वर के प्रति प्रेम उपजाती आई है, अपितु उनको पाने की ललक जगाती है। 

पूर्वोत्तर क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य का विकास

चित्र
जी. किशन रेड्डी उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे। जिन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के महत्व को समझा और यह महसूस किया कि भारत के विकास में पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास कितना महत्वपूर्ण है I अटल जी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास हेतु एक अलग विभाग की संकल्पना की और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास के लिए एक नए मंत्रालय का गठन किया। वे पूर्वोत्तर राज्यों का चहुंमुखी विकास चाहते थे। तत्कालीन अटल सरकार ने इस क्षेत्र के राज्यों में अपने 28 सूत्री कार्यक्रम के जरिए विकास को गति देने की पहल की। जिसमें बिजली उत्पादन, सीमा व्यापार, बागवानी, गावों और शहरों का ढांचागत विकास, सड़क और विमान सेवा में विस्तार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना आदि ऐसे कई क्षेत्र शामिल थे। उनके नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुए शांति प्रयासों में काफी सफलता मिली और अशांत समझे जाने वाले कुछ राज्यों में तेजी से स्थिति बदली। मगर अटल जी के बाद उनके प्रयासों पर फिर कोई ध्यान नहीं दिया गया और पूर्वोत्तर राज्य पुनः विकास की गति में पीछे रह गए। मगर 2014 में मोदी सरकार का आना पूर्वोत्तर रा

विकसित भारत में बुंदेलखंड को अपना स्थान मिलना चाहिए : राजा बुंदेला

चित्र
   25 फरवरी को  नई दिल्ली में अपनों बुंदेलखंड ट्रस्ट रजि. द्वारा बुंदेली आन बान शान तथा सर्वांगीण विकास को समर्पित एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक उत्थान का  एक दिवसीय बुंदेली उत्सव आयोजन का आयोजन किया गया,अपनो बुंदेलखंड ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश सक्सेना तथा संरक्षक राजा बुंदेला ने बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन उद्योग, खनिज संपदा, फिल्म, खेलकूद शिक्षा, एवम अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था आदि की अनंत संभावनाओं की ओर ध्यान देते हुए सरकार से मांग की है कि विकसित भारत में बुंदेलखंड को अपना स्थान मिलना चाहिए,बुंदेली उत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नोएडा से सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा जी ने नोएडा एनसीआर में रह रहे सभी बुंदेलखंड वासियों से से कहा हम आपके सुख, दुःख में हमेशा साथ खड़े हैं, और आप सभी के लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे, बुंदेलखंड के विकास में हमारा जो भी सहयोग होगा मैं हमेशा साथ रहूंगा और आपकी हमेशा मदद करूंगा, इस आयोजन में बुंदेलखंड से आए हुए विभिन्न वक्ताओं द्वारा बुंदेली विरासत के संरक्षण और बुंदेलखंड में ड्राई पोर्ट की स्थापना पर्यटन स्थलों के संरक्षण तथा सुंदर