राजस्थान पवेलियन में लाख से बनी चूड़ियां महिलाओं की प्रमुख पसंद
*भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, 2025*
नई दिल्ली । नई दिल्ली में चल रहे चौदह दिवसीय भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के राजस्थान पवेलियन की लाख की चूड़ियां एवं लाख से बनी अन्य वस्तुएं दर्शकों विशेषकर महिलाओं को अपनी और खूब आकर्षित कर रही है।
पवेलियन में लाख से चूड़ी बना रहे श्रीमती समीना और अब्दुल शाहिद ने बताया कि भारतीय संस्कृति में लाख को बहुत ही शुभ माना जाता है, विशेषतौर पर भारतीय नारियों में इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है। शादी तथा तीज त्यौहारों, होली, दिवाली व अनेक खुशी के अवसरों पर लाख की चुड़ियों का तथा लाख की अन्य वस्तुओं का आदान प्रदान किया जाता है। लाख को सोने के जेवरों में भी भरा जाता है। वे बताते हैं कि लाख हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। शादी या विवाह का अवसर हो या मकान की नींव भरने का समय, बच्चे के जन्म का मौका हो या सगाई इत्यादि के अवसर पर लाख की चूड़ियां, दुल्हन को सुहाग के प्रतीक के रूप में पहनना अनिवार्य समझा जाता है।
उन्होंने बताया कि हमारे समाज में लाख की इतनी महत्वता को ध्यान में रखते हुए खरीददार खूब खरीदारी करते हैं तथा राजस्थान में लाख से बनी वस्तुओं की अपनी एक विशेष पहचान है जिसकी वजह से महिलाएं विश्वास के साथ लाख का सामान खरीदने के लिए आती हैं। लाख की एक अन्य स्टॉल पर लाख की सामग्रियां बेच रहे वसीर अहमद ने बताया कि आज भी लाख वस्तुओं को बनाने की कला सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। फिर चाहे लाख की चुड़िया हों या सजावटी या दैनिक उपयोग की वस्तु सभी में ये प्रयोग की जाती है। लाख से चूड़ियों के अलावा अगरबत्ती स्टेण्ड,हाथी घोड़ा, ऊंट, एस्टरे, चाबी के छल्ले, फोटो फ्रेम, शीशा, ज्वैलरी बाक्स फ्रुट प्ले, टेबल डायरी, ग्लास इत्यादि चीजें भी तैयार की जाती है जिनकी अच्छी खरीददारी होती है।
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