*माय होम इंडिया' के तत्वावधान में न्यू महाराष्ट्र सदन में सावरकर जयंती का हुआ आयोजन*
वीर सावरकर पर दुष्प्रचार को तथ्यों से दिया गया करारा जवाब
नई दिल्ली
स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की जयंती की पूर्व संध्या पर ‘माय होम इंडिया’ द्वारा आयोजित एक विशेष संगोष्ठी में सावरकर जी के विचारों और योगदान को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों का तथ्यों के साथ जवाब दिया गया। यह भव्य कार्यक्रम मंगलवार 27 मई को नई दिल्ली स्थित न्यू महाराष्ट्र सदन में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने सावरकर की विचारधारा, उनके राष्ट्रवाद और समाज सुधार के कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, "राष्ट्र कभी नहीं मरता—इज़राइल के लोग बिना देश के भी राष्ट्र की भावना से जुड़े रहे। सावरकर राष्ट्र की वही चेतना हैं, जिन्हें आज कांग्रेस और राहुल गांधी राजनीतिक स्वार्थ में अपमानित कर रहे हैं। यह विडंबना ही है कि जिस सावरकर को इंदिरा गांधी ने सत्तर के दशक में उनके त्याग व बलिदान के लिए सम्मानित किया, उसी सावरकर को आज उनकी ही पार्टी बदनाम करने में लगी है।"
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ‘ऑर्गनाइज़र’ साप्ताहिक के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने मीडिया, शिक्षा संस्थानों और सांस्कृतिक विमर्श में सावरकर के विचारों को सुनियोजित ढंग से विकृत करने के प्रयासों की तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा "अगर किसी ने राष्ट्रहित में अपना सारा का सारा जीवन लगाया तो वह सिर्फ सावरकर ही थे। सावरकर अपने समय से बहुत आगे का सोच कर चलते थे। "
‘माय होम इंडिया’ के संस्थापक एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने सावरकर के जीवन संघर्ष, जेल यात्रा और सामाजिक समरसता के प्रति उनके समर्पण की चर्चा करते हुए युवाओं से आह्वान किया कि वे उनके जीवन से प्रेरणा ले और राष्ट्रहित के लिए कार्य करें।
उन्होंने कहा "सावरकर से अंग्रेज इतने भयभीत थे कि उन्होंने उनकी लिखी पुस्तक को प्रकाशित होने से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया। यह इतिहास में पहला अवसर था जब किसी पुस्तक पर उसके प्रकाशन से पूर्व ही प्रतिबंध लगाया गया था।"
इस कार्यक्रम के दौरान वीर सावरकर के स्मृति में हिंदू केसरी - सेवा सुरक्षा एवं समरसता पुरस्कार की घोषणा की और सुदर्शन न्यूज के संस्थापक व मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके जी को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर अपना वक्तव्य रखते हुए उन्होंने कहा "मदरसों से औरंगजेब निकल रहे हैं इसलिए गुरुकुल से शिवाजी के निकलने की आवश्यकता है। इसलिए माय होम इंडिया के मंच से मैं शिवाजी विश्वविद्यालय और गुरुकुल सावरकर जी के जन्म स्थल के निकट ही खोलने का वादा करता हूं।"
उनके साथ ही अन्य 10 हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को भी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में हिंदुत्व के प्रति उनके द्वारा दिए गए विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संस्था के उपाध्यक्ष डॉ. के. जी. सुरेश और दिल्ली-एनसीआर अध्यक्ष श्री बलदेव राज सचदेवा ने भी विचार रखे और आयोजन के सफल संचालन में अहम भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों, बुद्धिजीवियों, और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी रही। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सावरकर जी के विरुद्ध फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को तथ्यों और शोध के माध्यम से खंडित करना आज की ऐतिहासिक आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत में एक संकल्प लिया गया कि आने वाले समय में सावरकर के विचारों को देशभर में युवाओं तक पहुँचाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे।