रोचक व आनंददायक कविताओं के माध्यम से अपने आसपास की दुनिया से परिचित होंगे बच्चे

 



एस एन वर्मा 

नई दिल्ली : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) बहुभाषिकता की शक्ति और प्राथमिक शिक्षा में बच्चों की भाषाओं को शामिल करने के महत्व के साथ-साथ सार्वभौमिक और उच्च-गुणवत्ता वाली प्रारंभिक बाल शिक्षा के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर   दे रही है। इसी विजन को पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में नर्सरी कविताओं का एक संग्रह तैयार करने के लिए " बालपन की कविता पहल: छोटे बच्चों के लिए भारतीय कविताओं को पुनर्स्थापित करना " शुरू किया है। 

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार इस पहल का उद्देश्य छोटे बच्चे को अपनी मातृभाषा में रोचक और आनंददायक कविताओं के माध्यम से अपने आसपास की दुनिया से परिचित कराना है ताकि उनका फाउंडेशन्स मजबूत हो सके। 

इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय एक प्रतियोगिता का आयोजन भी कर रही है।प्रतिभागी तीन श्रेणियों के तहत लोकगीतों में प्रचलित मौजूदा कविताएँ लेखक का नाम बताते हुए या नई रचित आनंददायक कविताएँ भेज सकते हैं। 

प्रविष्टियाँ सभी भारतीय भाषाओं (भारतीय भाषा) में तथा अंग्रेजी में भी आमंत्रित की जाती हैं. इसमें क्षेत्रीय कविताएँ भी शामिल हो सकती हैं जिनका भारतीय संदर्भ में सांस्कृतिक महत्व हो। इसमें भाग लेने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। प्रतियोगिता के अन्य विवरण माइ गोव वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।

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