हयातपुर में 'नई सोच, नया संकल्प’ के साथ गांव के बदलाव के लिए पहुंची न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड


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एटा। गाँवों की धूलभरी पगडंडियों और सरसों की खिलती पांतों के बीच यदि कोई आवाज़ गूंजती है, तो वह होती है बदलाव की  और यही बदलाव लेकर पहुँचीं सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुसुम पथरिया, जब उन्होंने एटा जनपद के ’हयातपुर गाँव’ में एक जनसभा और संवाद। 

कार्यक्रम की शुरुआत समाज के उन स्तंभों को नमन कर हुई, जिन्होंने वर्षों से चुपचाप सेवा और सहनशीलता से समाज का मार्ग प्रशस्त किया है। बुज़ुर्गों को शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया, वहीं गाँव की परिश्रमी महिलाओं को मंच पर आमंत्रित कर उनके योगदान की सराहना की गई। यह केवल एक सांकेतिक सम्मान नहीं था, बल्कि यह उस विचार का प्रतीक था कि हर महिला और हर बुजुर्ग समाज की आत्मा हैं।

बैठक में डॉ. पथरिया ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम उस विचार पर चर्चा कर रहे हैं, जिसकी जड़ें केवल नारी जीवन में नहीं, बल्कि पूरे समाज के ताने-बाने में गहरी पैठ रखती हैं  महिला सशक्तिकरण। यह कोई नारा नहीं, बल्कि वह चेतना है, जो प्रत्येक महिला को अपने स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करती है।  

उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब हम महिलाओं को अवसर और सम्मान देते हैं, तब समाज का भविष्य अपने आप उज्ज्वल हो जाता है। उनके शब्दों ने सभा में बैठी महिलाओं के मन में आत्मविश्वास और आशा की किरण जगाई।

शिक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि यह वह दीपक है, जिससे अंधकार नहीं, आशा जलती है। उन्होंने ग्रामीण बालिकाओं के लिए विशेष शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने की बात कही और यह आश्वासन भी दिया कि फ्री ट्यूशन, शैक्षणिक सामग्री और नैतिक शिक्षा जैसे प्रयासों से बेटियों को आगे बढ़ाया जाएगा।

ग्रामवासियों को आयुष्मान भारत योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही एक प्रस्ताव आया कि हयातपुर में स्वास्थ्य जांच शिविर और महिलाओं के लिए विशेष पोषण अभियान चलाया जाएगा।

बैठक में उपस्थित महिलाओं और बुज़ुर्गों को यह महत्वपूर्ण सूचना दी गई कि सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड ने महिलाओं की सुरक्षा, अधिकार और सहायता के लिए 24Û7 निरूशुल्क हेल्पलाइन सेवा 01169652503  शुरू की है।

इस सेवा के माध्यम से महिलाएं किसी भी प्रकार की कानूनी, मानसिक या सामाजिक समस्या के समाधान के लिए तत्काल संपर्क कर सकती हैं। 

डॉ. पथरिया ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि इस नंबर को हर घर की दीवार पर लिखा जाना चाहिए, ताकि ज़रूरत के समय पर सहायता केवल एक कॉल की दूरी पर हो।

डॉ. पथरिया ने बताया कि बोर्ड महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, खाद्य प्रसंस्करण जैसी कई स्वरोजगार आधारित प्रशिक्षण योजनाएँ शुरू करने जा रहा है, जिससे वे न केवल स्वयं का जीवन संवारेंगी, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करेंगी।

उन्होंने सामाजिक न्याय कार्ड के बारे में बताते हुए कहा कि इसके अंतर्गत गरीब और वंचित वर्गों को निरूशुल्क विधिक सहायता, घरेलू विवाद समाधान, महिला उत्पीड़न के मामलों में त्वरित न्याय और आकस्मिक परिस्थितियों में वित्तीय सहयोग जैसी अनेक सुविधाएँ दी जाती हैं। ग्रामीणों को इस योजना से जुड़ने का आग्रह किया गया।

बैठक में उपस्थित किसानों ने अपशिष्ट जल की समस्या और सिंचाई संसाधनों की कमी को साझा किया। डॉ. पथरिया ने वादा किया कि स्वच्छ जल और जल संरक्षण योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और इसके लिए पंचायत स्तर पर पहल शुरू की जाएगी। 

बैठक की सफलता के पीछे समर्पित प्रयास’एटा इकाई की ओर से रंजीत सिंह (अध्यक्ष) राम सिंह (उपाध्यक्ष) विजेंद्र सिंह (सचिव) नरपत सिंह (निदेशक)  अन्य सभी समर्पित  सदस्यगण का रहा।

हयातपुर ग्राम प्रतिनिधि सुरेशपाल (ग्राम प्रधान) अनीता देवी (महिला स्वयंसेविका) व महिला मंडल की अन्य सक्रिय सदस्याएं भी बैठक में मौजूद रहीं।

बैठक का समापन करते हुए डॉ. पथरिया ने यह कहा कि हमें समझना होगा कि जब हम महिलाओं को सम्मान देते हैं, तो हम केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज का उत्थान करते हैं। एक सशक्त महिला सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे परिवार, समाज और देश के लिए प्रेरणा बनती है।

हयातपुर की यह बैठक केवल संवाद का अवसर नहीं थी, बल्कि यह एक नई शुरुआत थी  एक ऐसे समाज की कल्पना की, जहाँ नारी को उसके अधिकार, सम्मान और अवसर बिना किसी शर्त के मिलें।  

यह आयोजन प्रेमचंद की कहानियों की तरह ही जीवन से जुड़ा हुआ था सरल, सच्चा और समाज को दिशा देने वाला।

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