मुंबई उच्च न्यायालय के ’एक से अधिक विवाह करने की छूट’ के निर्णय को चुनौती देगा यूनाइटेड हिंदू फ्रंट

 



 नई दिल्ली :  यूनाइटेड हिंदू फ्रंट मुंबई उच्च न्यायालय के मुसलमानों को एक से अधिक विवाह करने के पक्ष में दिए गए निर्णय को चुनौती देगा। ठाणे नगर निगम के उप पंजीकरण कार्यालय में एक मुस्लिम व्यक्ति ने अल्जीरिया की एक महिला के साथ तीसरी शादी को पंजीकृत करने का अनुरोध किया था जिसे प्राधिकारियों ने खारिज कर दिया। इसका कारण महाराष्ट्र विवाह ब्यूरो विनिमयन एवं विवाह पंजीकरण अधिनियम के तहत विवाह की परिभाषा में केवल एक विवाह को शामिल किया गया है ना कि एक से अधिक विवाह को।  मुंबई उच्च न्यायालय की पीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि मुसलमान को पर्सनल ला के अंतर्गत चार विवाह करने का अधिकार है।

 फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जय भगवान गोयल ने आज यहां कहा कि देश संविधान से चलता है ना कि शरिया कानून से। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कि एक से अधिक विवाह होने पर बच्चे भी ज्यादा होंगे। बढ़ती जनसंख्या को देश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत  किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता। ’पर्सनल लॉ’ का हवाला देकर मुंबई उच्च न्यायालय के इस निर्णय से हम सहमत नहीं है और हमारा लीगल सेल इस फैसले को शीघ्र ही चुनौती देगा क्योंकि उच्च न्यायालय के इस निर्णय की आड़ में मुसलमान में एक से अधिक विवाह करने की होड़ लग जाएगी जिससे मुस्लिम महिलाओं का जीवन भी नरक बन जाएगा। श्री गोयल ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी इस संदर्भ में देशहित में स्वयं संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

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