विकसित भारत में बुंदेलखंड को अपना स्थान मिलना चाहिए : राजा बुंदेला

 



 25 फरवरी को  नई दिल्ली में अपनों बुंदेलखंड ट्रस्ट रजि. द्वारा बुंदेली आन बान शान तथा सर्वांगीण विकास को समर्पित एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक उत्थान का  एक दिवसीय बुंदेली उत्सव आयोजन का आयोजन किया गया,अपनो बुंदेलखंड ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश सक्सेना तथा संरक्षक राजा बुंदेला ने बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन उद्योग, खनिज संपदा, फिल्म, खेलकूद शिक्षा, एवम अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था आदि की अनंत संभावनाओं की ओर ध्यान देते हुए सरकार से मांग की है कि विकसित भारत में बुंदेलखंड को अपना स्थान मिलना चाहिए,बुंदेली उत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नोएडा से सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा जी ने नोएडा एनसीआर में रह रहे सभी बुंदेलखंड वासियों से से कहा हम आपके सुख, दुःख में हमेशा साथ खड़े हैं, और आप सभी के लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे, बुंदेलखंड के विकास में हमारा जो भी सहयोग होगा मैं हमेशा साथ रहूंगा और आपकी हमेशा मदद करूंगा, इस आयोजन में बुंदेलखंड से आए हुए विभिन्न वक्ताओं द्वारा बुंदेली विरासत के संरक्षण और बुंदेलखंड में ड्राई पोर्ट की स्थापना पर्यटन स्थलों के संरक्षण तथा सुंदरीकरण बुंदेली भाषा को संविधान के आठ में अनुच्छेद में जोड़ने एवं बुंदेली युवाओं के प्रतिभा पलायन को रोकने तथा कृषि एवं वन उपज की व्यवस्था करने की पुरजोर मांग करते हुए बुंदेलखंड विकास परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विजय खैरा ने कहा राजनीति से ऊपर उठकर हम सभी बुंदेलखंड वासियों को एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ना चाहिए और सदन में ऐसे लोगों को चुनकर भेजना चाहिए जो सदन के अंदर बुंदेलखंड के विकास की बात करे और बुंदेलखंड वासियों की हक की लड़ाई लड़े,हाकी के जादूगर मेज़र ध्यानचंद के सुपुत्र अशोक ध्यानचंद ओलंपिक हॉकी खिलाड़ी ने बुंदेलखंड में एक स्पोर्ट्स अकादमी तथा स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय को स्थापित करने की करतें हुए कहा की बुंदेलखंड के युवाओं में जोश और जज्बे की कोई कमी नही हैं अगर बुंदेलखंड के युवाओं को अच्छी सुविधाएं मिलेगी तो बुंदेलखंड के युवा ज़रूर खेल के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करेंगे, प्रसिद्ध इतिहासकार तथा साहित्यकार  संतोष पटेरिया (महोबा) ने बुंदेली खनिज एवम् भू संपदा के प्रबंधन करने के लिए सरकार से मांग की। पूर्व निदेशक पुरातत्व संग्रहालय झांसी डॉक्टर एस के दुबे ने कहा कि बुंदेलखंड में अनेक सुंदर मंदिर,ऐतिहासिक किले,झीलें तथा प्राकृतिक पर्यटन स्थल हैं इनको व्यवस्थित एवं संरक्षित करने की आवश्यकता है, इन पर्यटन स्थलों पर सुंदरी करण करके पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं एवं रोजगार सृजन कर सकते हैं, बुंदेली कवि इंजीनियर मोहम्मद परवेज तथा कवित्री श्री सुश्री कल्पना कौशिक,कवि गुरमीत(गुनी) ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं का मनमोहा। 

कार्यक्रम के दौरान राजन धमेरियां तथा लोकेश रैकवार के निर्देशन में बुंदेली फाग, गायन, राई नृत्य का अद्भुत कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड से आए हुए सभी बुंदेलखंड वासियों ने बुंदेली व्यंजनों का स्वाद चखा, बुंदेली व्यंजनों में प्रमुख बुंदेली बरा, मंगोड़ा और तिली के लड्डू ,जिसका इंतजाम अवधेश चौबे  द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बुंदेलखंड बिकास परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश चौबे जी द्वारा बुंदेलखंड में विकास की अपार संभावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा की बुंदेलखंड में अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था और अच्छी पढ़ाई व्यवस्था भी होनी चाहिए,कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजा बुंदेला जी ने पृथक बुंदेलखंड की मांग करते हुए कहा की सब बीमारियों का एक की इलाज बुंदेलखंड राज्य।

कार्यक्रम को सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता धीरेंद्र परमार ,साइबर क्राइम विशेषज्ञ, विराग गुप्ता, समाजसेवी हरिमोहन विश्वकर्मा, इतिहासकार यशवंत बुंदेला ,साहित्यकार विवेक मिश्र ने भी अपने गंभीर विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम का कुशल संचालन डाक्टर राजेंद्र पुरवार  द्वारा किया गया और अंत में कृष्ण कुमार दीक्षित पूर्व डिप्टी कमिश्नर के द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री माननीय, गृहमंत्री को प्रेषित ज्ञापन को पढ़कर सभी को सुनाया ,और कार्यक्रम के समापन के बाद एक प्रतिनिधि मण्डल के द्वारा राष्ट्रपति,माननीय प्रधानमन्त्री , गृहमंत्री को ज्ञापन दिया गया।

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