आचार्य लोकेशजी ने विश्व में भारत देश व भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया - जे जे सिंह



संत सम्मान व तिरस्कार से परे किन्तु ज़िम्मेदार बढ़ गई है - आचार्य लोकेश

 
विश्व शांति केन्द्र एवं अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेशजी को विश्व में अहिंसा, शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने में उनके द्वारा किया गए विश्वव्यापी प्रयासों हेतु चार्ल्स वॉलटर्स कौंसिल फॉर इन्नोवेशन एंड रिसर्च द्वारा इंडिया हैबिटैट सेण्टर में आयोजित एक विशिष्ठ कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

आचार्य लोकेशजी को यह सम्मान दुनिया भर में अहिंसा, शांति, सद्भावना, मानवता, प्रेम, आपसी भाईचारा के संदेश को फैलाने के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने के लिए दिया गया है। आचार्य लोकेशजी विश्व जनमानस के लिए वो एक आशा की किरण है जो विश्व के आतंकवाद, हिंसा और मनभेदों को ख़त्म करने के लिए सदैव प्रयासरत रहते हैं ।

                          कार्यक्रम के अतिथि  जनरल जोगिन्दर जसवन्त सिंह पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी ने  कहा कि आचार्य डॉ. लोकेशजी सभी के लिए एक प्रेरणा के स्त्रोत हैं और जिनकी ऊर्जा और उपलब्धियां हमें आशा और भविष्य की झलक दिखाने में मदद करती हैं। उन्होने कहा आचार्य लोकेशजी ने विश्वभर में अपने मानवतावादी कार्यों से भारत और भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया है।  उन्हें सम्मानित करना हमारे लिए सम्मान और गौरव का विषय है।

इस अवसर पर जैनाचार्य लोकेश जी को अशोका अवार्ड चिन्ह समर्पित कर सम्मानित किया गया।
 
अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशजी ने इस अवसर पर आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है, यह सम्पूर्ण प्राचीन भारतीय संस्कृति का सम्मान है, यह भगवान महावीर और उनके द्वारा बताए गए विचारों का सम्मान है। आचार्य लोकेशजी ने कहा हालांकि संत सम्मान और तिरस्कार से परे होते हैं किन्तु इस सम्मान से और अधिक कार्य करने की जिम्मेदारी बढ़ गयी है।  उन्होंने कहा हम सब मिलकर विश्व में शांति व सद्भावना को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते है।



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