महिला शोधकर्ताओं के समर्थन के लिए ‘वाईजर’

 


नई दिल्ली (इंडिया साइंस वायर): विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में महिलाओं की भागीदारीबढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय, जर्मनी सरकार द्वारा भारत-जर्मन विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र (आईजीएसटीसी) स्थापित किया गया है।

आईजीएसटीसी के वीमेन इन्वोलवेमेंट इन साइंस ऐंड इंजीनियरिंग रिसर्च (WISER) कार्यक्रम के पहले 11 पुरस्कार विजेताओं को हाल में नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर भारत और भूटान में जर्मनी के राजदूत एच.ई. डॉ फिलिप एकरमैन एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित उपस्थित थे।

वाईजर कार्यक्रम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और अनुसंधान साझेदारी के अंतर्गत पारस्परिक विशेषज्ञता का उपयोग करके भारत एवं जर्मनी में महिला शोधकर्ताओं की वैज्ञानिक क्षमता के विकास और उनके शोध कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

वाईजर-2022 कार्यक्रम के अंतर्गत अकादमिकशोध संस्थानों अथवा उद्योगों में नियमित या फिर दीर्घकालिक अनुसंधान पदों पर कार्यरत भारत की दसमहिला शोधकर्ताओं और जर्मनी की एक महिला शोधकर्ता समेत कुल 11 महिला शोधकर्ताओं को अनुसंधान एवं विकास तथा उद्योग परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्हें भागीदार देशों में नये परियोजना अनुदान के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।

तीन वर्ष की अवधि या परियोजना के पूरा होने तक यह कार्यक्रमविज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा गणित के सभी क्षेत्रों के लिए खुला है। यह शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं पर काम करने के लिए सुविधा एवं समर्थन प्रदान करता है। इसमें एकमहीने तक के छोटे प्रवास के लिए प्रति वर्ष एक यात्रा शामिल होगी।

इस अवसर पर, भारत और भूटान में जर्मन राजदूतएच.ई. डॉ फिलिप एकरमैन ने विशिष्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महिला शोधकर्ताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि उनके योगदान से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतजर्मनी सहयोग और मजबूत होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में सलाहकार और अंतररष्ट्रीय सहयोग मामलों के प्रमुख; तथाआईजीएसटीसी के शासी निकाय के सहअध्यक्ष एस.के. वार्ष्णेय ने कहा है कि इसपहल से लैंगिक समानता बढ़ाने एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

विभिन्न कारणों से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में महिला शोधकर्ताओं का प्रतिनिधित्व बेहद कम है। पिछले कुछ वर्षों में स्थिति में कुछ हद तक सुधार होने के बावजूद विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र में लैंगिक असंतुलन बना हुआ है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा, "वाईजर जैसे कार्यक्रमों से महिला शोधकर्ताओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता प्राप्त करने और नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरने के लिए प्रेरणा मिलेगी।"

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