भगवान राम द्वारा अहिल्या उद्धार

नोएडा। श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीरामलीला मंचन के तीसरे दिन मुख्य अतिथि मनोज गुप्ता भाजपा नोएडा महानगर अध्यक्ष, उमेश त्यागी महामंत्री नोएडा महानगर भाजपा, गणेश जाटव महामंत्री नोएडा महानगर भाजपा, दीपक विग नोएडा महानगर अध्यक्ष समाजवादी पार्टी, डॉ0 डी के गुप्ता सीएमडी फिलिक्स हॉस्पिटल, विपिन मलहन अध्यक्ष एन ई ए, चौ0 कुशलपाल सिंह अध्यक्ष नोएडा एम्प्लाइज एसोसिएशन, योगेंद्र शर्मा अध्यक्ष फोनरवा, के के जैन महासचिव फोनरवा एवं उमेद अग्रवाल द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन के साथ लीला का शुभारंभ हुआ। श्रीराम मित्र मंडल राम लीला समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गोयल एवं महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया। प्रथम दृश्य में ऋषि विश्वामित्र के आश्रम में राजा जनक के दूत का आगमन होता है और वह विस्तार से विश्वामित्र को राजा जनक द्वारा सीता विवाह आयोजन की जानकारी देता है और स्वयंवर में आने का निमंत्रण देता है। अगले दृश्य में प्रभु राम मुनि विश्वामित्र के साथ रास्ते में जाते हैं इसी बीच एक आश्रम दिखाई दिया जिसमें पशु पक्षी व जीव जन्तू नहीं थे। भगवान राम ने पत्थर की शिला देखकर विश्वामित्र जी से पूछा, विश्वामित्र ने पूरी कथा राम जी को बताई कि यह शिला गौतम मुनि की पत्नी हैं जो श्राप वश पत्थर की देह धारण किये है। श्रीराम जी के पवित्र चरणों की रज का स्पर्श पाते ही अहिल्या प्रकट हो जाती हैं एवं भगवान के चरणों में लिपट जाती है और कहती हैं । ऐसी प्रार्थना कर अहिल्या पति लोक को चली जाती हैं। अगले दृश्य में मिथिला में पड़े भयंकर सूखे से राजा जनक बेहद परेशान हो गए थे, तब इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें वसिष्ठ ऋषि ने यज्ञ करने और धरती पर हल चलाने का सुझाव दिया।ऋषि के सुझाव पर राजा जनक ने यज्ञ करवाया और उसके बाद राजा जनक धरती जोतने लगे तभी उन्हें धरती में से सोने की डलिया में मिट्टी में लिपटी हुई एक सुंदर कन्या मिली राजा जनक की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उस कन्या को हाथों में लेकर उन्हें पिता प्रेम की अनुभूति हुई राजा जनक ने उस कन्या को सीता नाम दिया और उसे अपनी पुत्री के रूप में अपना लिया । अगले दृश्य में मुनि विश्वामित्र के साथ चलते-चलते जनकपुर के निकट पहुंच जाते हैं। जनकपुर पहुंचकर श्रीराम एवं लक्ष्मण जनक बाजार में पहुंचते हैं जहाँ तरह तरह की दुकानें सुसज्जित थी विभिन्न प्रकार के पकवान एवं तरह तरह की मिठाईयां देख उनका मन प्रसन्न हो गया । अगले दृश्य मे माता सीता मनचाहे वर के लिए माता गौरी की पूजा करती हैं ताकि उन्हें राम वर के रुप मे प्राप्त हो और वह अपना मन चाहा वर प्राप्त कर सकें इसके साथ ही तीसरे दिन की लीला का समापन होता है। इस अवसर पर समिति के चेयरमैन उमाशंकर गर्ग ,मुख्य संरक्षक मनोज अग्रवाल, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल,उपमुख्य संरक्षक राजकुमार गर्ग, सतनारायण गोयल,बजरंगलाल गुप्ता, चौधरी रविन्द्र सिंह,मुकेश अग्रवाल, तरुणराज अग्रवाल, एस एम गुप्ता, पवन गोयल, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश गोयल,मनोज शर्मा, मुकेश गुप्ता,शांतनु मित्तल, मनीष गुप्ता, चन्द्रप्रकाश गौड़, गौरव मेहरोत्रा, मनीष गोयल, अजीत चाहर, आर के उप्रेती, मुकेश गर्ग, गौरव गोयल, ललित कंसल, सुधीर पोरवाल,मनोज सिंघल, सज्जन मित्तल,सुरेंद्र सिंघल, बल्ली जैन, दीपक अग्रवाल, राजकुमार बंसल, गौरव चौधरी, संतोष त्रिपाठी, प्रवीण गोयल, अर्जुन अरोड़ा, गौरव गोयल, रोहताश गोयल, बीना बाली, सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे। श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल ने बताया कि 29 सितंबर को राजा जनक द्वारा अतिथि राजाओं का स्वागत, धनुष भंग करने का प्रयास एवं हताश होकर बैठना, लक्ष्मण क्रोध, रावण का विवाह मंडप में आगमन, राम द्वारा धनुष भंग, परशुराम क्रोध एवं वरमाला आदि लीलाओं का मंचन किया जायेगा ।

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