जेएनयू में स्थापित हो संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाः रामदास आठवले

नई दिल्ली।  रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति स्थापना का सुझाव  दिया है। केंद्रीय मंत्री श्री आठवले ने इस संबंध में कुलपति को पत्र भी लिखा है। माननीय मंत्री ने यह पत्र ऐसे समय लिखा है, जब आगामी 14 अप्रैल को डॉ. आंबेडकर की जयंती भी है। 

श्री आठवले ने कहा है कि जेएनयू के तमाम विद्यार्थियों ने उनसे भेंट के दौरान कैंपस में डॉ अंबेडकर जी की मूर्ति लगाने की मांग की है। इस नाते मेरा सुझाव  स्वामी है कि विवेकानंद की तरह डॉ. आंबेडकर की मूर्ति जेएनयू कैंपस में लगने से अच्छा संदेश जाएगा। 

केंद्रीय मंत्री  रामदास आठवले ने कहा है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश के कोने-कोने के मेधावी और प्रतिभाशाली छात्र पढ़ने आते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर, भारत के आधुनिक निर्माताओं में हैं। उनके विचार व सिद्धांत भारतीय राजनीति और सामाजिक व्यवस्था के लिए हमेशा प्रासंगिक हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने आजीवन सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। वह देश में ऐसी राजनीतिक व्यवस्था के पक्षधर थे, जिसमें सभी को समानता मिले और धर्म, जाति, रंग तथा लिंग आदि के आधार पर किसी के प्रति भेदभाव न किया जाए। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना भी इसी मकसद से हुई है। जिस तरह से विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति स्थापित है , उसी तरह से डॉ. आंबेडकर की भी मूर्ति लगनी जरूरी है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री आठवले ने कहा है कि जेएनयू परिसर में डॉ. आंबेडकर की मूर्ति लगने से छात्रों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता और समानता की भावना आएगी। केंद्रीय मंत्री श्री आठवले ने मूर्ति स्थापना के साथ परिसर में आंबेडकर पार्क भी बनाने का भी सुझाव दिया  है। पार्क में विद्यार्थियों के पढ़ने और ज्वलंत मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बैठने की उचित व्यवस्था हो।

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