सेल ने भारतीय रेलवे को R260 ग्रेड वैनेडियम अलॉयड स्पेशल ग्रेड प्राइम रेल की शुरू की आपूर्ति

सेल के भिलाई संयंत्र ने अपने नए और आधुनिक 


यूनिवर्सल रेल मिल से शुरू किया उत्पादन


नई दिल्ली / भिलाई : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) ने भारतीय रेलवे के लिए R260 ग्रेड की वैनेडियम अलॉयड स्पेशल ग्रेड प्राइम रेल को सफलतापूर्वक रोल किया, जिसकी पहली खेप को सेल के निदेशक (परियोजना एवं व्यापार योजना) एवं सीईओ, भिलाई इस्पात संयंत्र (अतिरिक्त प्रभार) श्री आनिर्बान दासगुप्ता ने 30 जून, 2020 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में इंजीनियरिंग रेलवे बोर्ड के सदस्य श्री विश्वेश चौबे, इस्पात मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी श्रीमती रसिका चौबे और ज्वाइंट सेक्रेटरी श्री पुनीत कंसल समेत सेल अध्यक्ष श्री अनिल कुमार चौधरी एवं भारतीय रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की ऑनलाइन गरिमामय उपस्थिति रही।


सेल अध्यक्ष ने कहा, “सेल का भिलाई संयंत्र भारतीय रेलवे के कड़े तकनीकी मानकों और बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी प्रक्रियाओं में ज़रूरी बदलावों के जरिये लगातार नए वैल्यू एडेड प्रोडक्ट के विकास के लिए जुटा रहा है। यह वैनेडियम माइक्रो-अलॉयड स्टील रेल के दबाव सहन करने की शक्ति (higher yeild strength) को बढ़ाएगी। इसके साथ ही यह ग्रेड न केवल और अधिक शुद्ध (क्लीनर) स्टील सुनिश्चित करेगी बल्कि बेहतर मकैनिकल गुण भी प्रदान करेगी। सेल का भारतीय रेलवे के साथ पिछले कई दशकों की ऐतिहासिक साझेदारी है और सेल भारतीय रेलवे के लिए उसके ज़रूरी मानकों के हिसाब से लगातार रेल का उत्पादन कर रहा है।”


भारतीय रेलवे अधिक स्पीड और एक्सल लोड की रेल की ओर बढ़ रहा है, जिसके लिए सेल ने R260 ग्रेड विकसित करने के साथ ही सफलतापूर्वक उत्पादन शुरू कर दिया है। भारतीय रेलवे 550 मेगा पास्कल से अधिक की उच्च शक्ति के साथ न केवल कठिन बल्कि और अधिक दबाव वाली रेल यातायात को सहन करने में सक्षम होगी बल्कि और अधिक टिकाऊ भी बनकर उभरेगी। सेल भारतीय रेलवे को यह रेल 260 मीटर लंबे वेल्डेड पैनल के रूप में आपूर्ति कर रही है।


सेल-भिलाई द्वारा रोल की गई नई ग्रेड की रेल भारतीय रेलवे अनुसंधान एवं विकास विंग (RDSO) द्वारा प्रदान की गई R260 ग्रेड मानकों पर आधारित है। RDSO द्वारा प्रदान की गई R260 ग्रेड, यूरोपियन स्पेसिकेशन के 2.5 पीपीएम (अधिकतम) हाईड्रोजन कंटेन्ट की तुलना में 1.6 पीपीएम (अधिकतम) हाईड्रोजन कंटेन्ट समेत कई मानकों में यूरोपियन स्पेसिकेशन अधिक क्षमतावांन है। सेल-भिलाई ने अपने नए और आधुनिक यूनिवर्सल रेल मिल से R260 रेल का उत्पादन शुरू कर दिया है।


सेल भारतीय रेल की उस गति की आधारशिला है, जिस पर पूरा देश दौड़ता है और आर्थिक विकास रफ़्तार पकड़ता है। इस तरह सेल और रेल का एक दूसरे के साथ रेल उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों को लेकर रोज का नाता है। सेल ने रेल की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए उसकी आवश्यकता के अनुसार मात्रा, गुणवत्ता और लंबाई को साल-दर-साल बढ़ाया है। इसके साथ ही सेल ने भारतीय रेलवे द्वारा बताये गए स्पेसिफिकेशन के अनुसार विश्वस्तरीय रेल रोल करने के लिए मानकों में लगातार सुधार किया है। सेल निर्मित रेल देश की एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँच बढ़ाती है। महारत्न सेल के भिलाई स्टील प्लांट को रेल स्टील-मेकिंग को पूरा करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यहां तक कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित सटीक मानक को भी अधिक बेहतर बनाया गया है। सेल और भारतीय रेलवे की देश की बदलती रेल परिवहन की जरूरतों को पूरा करने कि दिशा में रेल उत्पाद और प्रक्रिया को लगातार और बेहतर बनाने के लिए निभाई जा रही साझेदारी “आत्मनिर्भर भारत” अभियान का अनुकरणीय मिसाल है।  


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