टिड्डी समस्या से सामूहिक रूप से निपटेंगे, यूके से आएगी नई मशीनें- कृषि मंत्री


कीटनाशक कंपनियों के प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से की चर्चा
देश में कृषि का क्षेत्र प्राथमिकता में, मोदी सरकार नहीं आने देगी कोई परेशानी- श्री तोमर
टिड्डी समस्या को लेकर युद्धस्तर पर सामूहिक प्रयत्नों के कारण दुनिया में भारत की प्रशंसा हुई
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री 
नरेंद्र सिंह तोमर ने टिड्डी समस्या को लेकर, बुधवार को कीटनाशक कंपनियों के प्रमुखों और अन्य 
प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा की। इस दौरान श्री तोमर ने कहा कि कृषि का क्षेत्र देश 
में प्राथमिकता का क्षेत्र है, जिसमें मोदी सरकार कोई परेशानी नहीं आने देगी। राज्य सरकारों व जिला 
प्रशासन के सहयोग से सरकार टिड्डी समस्या से निपटने के लिए पूरे प्रयत्न कर रही है, जिसमें काफी हद तक 
सफलता मिली है। यूके से नई मशीनें भी आ जाएगी, जिनका आर्डर दिया जा चुका है।
इस चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री तोमर के साथ कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला व श्री 
कैलाश चौधरी तथा संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। श्री तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने टिड्डी 
समस्या को लेकर अनेक कदम उठाए हैं। यह ज्वलंत विषय है। लंबे अरसे बाद पिछले साल टिड्डी दलों का 
हमला हुआ, तो सभी लोग एकाएक घबरा गए, लेकिन संतोष की बात है कि किसानों के साथ ही हम-सबने 
मिलकर इससे मुकाबला किया और टिड्डी दलों को मारकर नुकसान रोकने की कोशिश की गई। जिन 
किसानों को नुकसान हुआ, केंद्र एनडीआरएफ से मदद दे रहा है। युद्धस्तर पर हमारे सामूहिक प्रयत्नों के 
कारण दुनिया में भारत की प्रशंसा हुई। कीटनाशक कंपनियों का भी इसमें योगदान रहा। 
उन्होंने बताया कि पिछली बार समस्या को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठकें की गई, जिसमें कर्मचारी-
मशीनों सहित सारे साधन बढ़ाने की तैयारी की गई है, सभी उपाय किए जा रहे हैं। आपदा से निपटने का 
जज्बा हम-सबमें है, जिससे मिल-जुलकर इस संकट से निजात पा लेंगे। वीडियो कांफ्रेसिंग में कीटनाशक 
कंपनियों के प्रमुखों / प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए। इन्होंने अलग-अलग क्षेत्र तय करने का भी सुझाव दिया, 
ताकि सभी को सुविधा हो, इस पर मंत्री जी ने सहमति जताई। सभी कंपनियों ने अपने सीएसआर व अन्य 
संसाधनों के उपयोग संबंधी आश्वासन दिया एवं बताया कि वह राज्य सरकारों तथा कृषि मंत्रालय के 
अधिकारियों के साथ मिलकर इस समस्या को नियंत्रण करने हेतु हरसंभव प्रयास करेंगे।
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अब तक राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाडमेर 
व नागौर जिले तथा पंजाब के फाजिल्का में डेढ़ सौ जगह 14,300 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण किया गया है। 
वर्तमान में श्रीगंगानगर, फलौदी (जोधपुर), बाडमेर, अजमेर व नागौर जिले में झुंड सक्रिय है। 


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