किसानों के लिए मोदी सरकार जितनी राशि पहले कभी किसी ने नहीं दी- श्री तोमर

अकेले पीएम-किसान स्कीम में महीनेभर में किसानों को दिए 17,986 हजार करोड़ रू.


प्रारंभ से अब तक 9.39 करोड़ किसान परिवार लाभान्‍वित, 71,000 करोड़ रू.अंतरित


298.3 मिलियन टन रिकॉर्डखाद्यान्‍नउत्‍पादनकी उम्मीद, अन्नदाताओं पर हमें गर्व


बागवानी फसलों का भी रिकार्ड उत्‍पादन, रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने से किसान खुश


किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी किसानों को मिला फायदा, प्रक्रिया की गई सरल


पीएमएफबीवाई से किसानों को लाभ, 9,214 करोड़ रू. प्रीमियम के बदले 50,289 करोड़ रू. भुगतान


रबी फसलों की एमएसपीबढ़ाने से किसान खुश, खरीद केंद्रों की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ाई गई


केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकार वार्ता में दी प्रगति की जानकारी


नई दिल्ली । देश में फसलों की कटाई व बुआई की स्थिति बताने के साथ ही खेती-किसानी की भलाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति समेत कृषि मंत्रालय से संबंधित अन्य गतिविधियों की जानकारी देने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि COVID-19 संकटके चलते प्रभावी लाकडाउन के दौरानप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर, किसानों को हरसंभव राहत दी गई है। अकेले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम में ही गत 24 मार्च से अब तक करीब एक महीने में किसानोंके खातों में17,986 करोड़ रूपए जमा किए गए हैं। प्रारंभ से अब तक 9.39 करोड़ किसान परिवार लाभान्‍वित हुए हैं तथा 71,000 करोड़ रू. की राशि अंतरित की जा चुकी है। किसानों की भलाई के लिए पहले कभी किसी भी सरकार ने इतने कम समय में इतनी ज्यादा राशि नहीं दी। साथ ही बताया कि जीडीपी में कृषि के योगदान के भी बढ़ने की उम्मीद है।


पत्रकार वार्ता में श्री तोमर के साथ नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चंद्र तथा कृषि मंत्रालय के सचिव श्री संजय अग्रवाल भी मौजूद थे। श्री तोमर ने बताया कि इस वर्ष फरवरी में पीएम-किसान का एक वर्ष पूरा हुआ। इस एक वर्ष में ही किसानों को सीधे आय संबंधी सहायता देने का निर्णय लिया गया। पीएम मोदी जी की सरकार ने सभी किसान परिवारों के लिए इस स्‍कीम को लागू कर अपना वचन निभाया,क्‍योंकि पहले मूल स्‍कीम के तहत केवल छोटे और सीमांत किसान ही शामिल थे। कोविड महामारी के दौरान भी इस कार्यक्रम से बड़ीसंख्‍या में किसान लाभान्‍वित हुए हैं। हमने किसानों को 24 मार्च 2020 से अबतक 17,986 करोड़ रू.अंतरित किए हैं। प्रारंभ से अबतक 9.39 करोड़ किसान परिवार लाभान्‍वित हुए हैं तथा इस संबंध में 71,000 करोड़ रू. की राशि अंतरित की गई है। एक अप्रैल से 31 जुलाई 2020 की अवधि के लिए देय किस्‍त का अप्रैल के पहले पखवाड़े की अवधि के भीतर 8.13 करोड़ लाभार्थियों को भुगतान कर दिया गया था।


रिकॉर्डखाद्यान्‍नउत्‍पादन- श्री तोमर ने बताया कि वर्ष 2018-19 में 285.20 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ था, जबकि 2019-20 (अनुमानित) में यह आंकड़ा 291.95 मिलियन टन है और अब 2020-21 (लक्षित) में 298.3 मिलियन टन उत्पादन की उम्मीद है। दलहन के उत्‍पादन में 28.3 प्रतिशत की वृद्धि करके प्रोटीन क्रांति लाई गई है, जिसके तहत वर्ष2014-15 में दलहन का उत्‍पादन 17.20 एमटी से बढ़कर 2019-20 में 23.02 एमटी हो गया।ग्रीष्‍मकालीन फसलों पर विशेष ध्‍यान दिए जाने के कारण पिछले वर्ष 41.31 लाख हेक्‍टेयर के सापेक्ष इस वर्ष 57.07 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र पर बुआई की गई है, जो कि 38 प्रतिशतज्यादा है।


बागवानी फसलों का रिकार्ड उत्‍पादन- वर्ष2018-19 में 310.74 मिलियन टन, 2019-20 (अनुमानित) में 313.35 मिलियन टनबागवानी फसलों का रिकार्ड उत्‍पादन।


रियायती संस्‍थागत ऋण के लिए सार्वभौमिक पहुंच- कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड(केसीसी) के लाभ दिए जाने हेतु फरवरी 2020 में केसीसीसेच्‍यूरेशन अभियान चलाया गया था।केसीसी के तहत पंजीकरण प्रक्रिया को एक पृष्‍ठ वाला प्रपत्र बनाकर सरल कर दिया गया है तथा इस संबंध में केवल ज़मीन के दस्‍तावेज की प्रति ही प्रस्‍तुत की जाएगी।बैंकों को तब से लेकर अब तक पीएम-किसान लाभार्थियों से 75 लाख से अधिक आवेदन प्राप्‍त हुए है। लगभग 20 लाख आवेदकों को करीब 18 हजार करोड़ रू.स्‍वीकृतभी कर दिए गए हैं।


रबी फसलों की एमएसपीबढ़ाने से किसान खुश-श्री तोमर ने बताया कि वर्ष2019-20 में रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि करके किसानों को दिवाली का उपहार दिया गया था।विभिन्‍न फसलों की उत्‍पादन लागत के सापेक्ष 50 प्रतिशत से 109 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई थी।गेहूं और जौ की एमएसपी में 85 रू., चने में 255 रू.,मसूर में 325 रू. और सरसों की एमएसपी में 225 रू. प्रति क्‍विंटल की वृद्धि की गई।25,637 करोड़ रू. की कीमत वाली 54.46 लाख एमटी दलहन और तिलहन की खरीद के लिए स्‍वीकृति जारी कर दी गई है।रबी फसल के दलहन-तिलहन से संबंधित केंद्रों को पिछले वर्ष 1485 के सापेक्ष इस वर्ष 2790 अर्थात दोगुना कर दिया गया है। जैसे-जैसे खरीद बढ़ेगी,आवश्‍यकतानुसार और अधिक केंद्र खोले जाएंगे। श्री रमेश चंद्र ने बताया कि खरीद केंद्रों में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


पीएम फसल बीमा योजना किसानोंके अनुकूल बनाई- श्री तोमर ने जानकारी दी कि किसानों की मांग पूरी करने के लिए इस स्‍कीम को सभी किसानें के लिए स्‍वैच्‍छिक बनाया गया है। प्रीमियम में किसानें के हिस्‍से में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, अब भारत सरकार पूर्वोत्‍तरराज्‍यों के लिए पहले की अपेक्षा 50 प्रतिशत के बजाय 90 प्रतिशतप्रीमियमराजसहायता देयता को वहन करेगी। श्री तोमर के अनुसार, पीएमएफबीवाईसे किसानों को हुए लाभ को इससे ही समझा जा सकता है कि 9,214 करोड़ रू. की प्रीमियम के बदले 50,289करोड़ रू. का भुगतान किया गया है। अधिकांश राशि का भुगतान लाकडाउन अवधि के दौरान कर दिया गया, जिससे किसानों को राहत मिली है।


किसानकल्याणहेतुतकनीक- एक नई तकनीक के साथ ई-नामकोकिसानों की सहायता के लिए प्रस्तुतकियागया है।2 अप्रैल 2020 को ई-नाम में 3 नए मॉड्यूललॉन्च किए गए थे-



  • वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंगमॉड्यूल: ई-एनडब्ल्यूआर के साथई-नामको एकीकृत किया।

  • एफपीओमॉड्यूल:जो सीधे अपने संग्रह केंद्रों से उपज, बोली और भुगतान अपलोड करने में सक्षम बनाता है। एफपीओ आसपास के शहरों और कस्बों में भी सब्जियों की आपूर्ति कर रहेहैं। माल की आवाजाही और उसके व्यापार से उत्पन्न सभी समस्याओं का समाधान वास्तविक समय (रियलटाइम) के आधार पर किया जाता है। राज्यों ने पहले ही एफपीओकेलिए पास/ई-पास जारी करने का निर्णय ले लिया है।किसानों और व्यापारियों के लिए कृषि उपज की आवाजाही के सही तरीके की पहचान करने के लिए किसान रथऐपलॉन्च किया है।लॉजिस्टिक्सएग्रीगेटर्स केऊबराइजेशनमॉड्यूलके रूप में 37 लाख से अधिक ट्रक और 2.3 लाख ट्रांसपोर्टर पहले से ही इस मॉड्यूल से जोड़ दिए गए हैं। इसी तरह, अखिल भारतीय कृषि परिवहन कॉलसेटर शुरू किया गया है। इस सेंटर की स्‍थापनासब्‍जी, फलों और कृषि आदानों जैसी नाशवान जिंसों की अंतर्राज्‍यीय ढुलाई के लिए राज्‍यों के बीच समन्‍वय के लिए की गई है। कॉलसेटर के नंबर 18001804200 और 14488 हैं।

  • लॉकडाउन अवधि के दौरानरेलवे ने तीव्र गति से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए 567 पार्सलस्पेशल (जिसमें से 503 टाइम टेबलपार्सल ट्रेनें हैं) ट्रेनोंकेपरिचालनहेतु67 मार्गनिर्धारितकिए। इन ट्रेनों ने देश भर में 20,653 टन खेप पहुंचाई है।


लॉकडाउन के दौरान खेती के लिए की गई विशेष छूट- खेत में किसानों व श्रमिकों द्वारा खेती कार्य करने के साथ ही खेती-किसानी के संबंध में लॉकडाउन के दौरान विशेष छूट दी गई है।


 


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