ट्रेनों , स्टेशनो में कान्टेंीट ऑन डिमान्ड(सीओडी) सेवाओंके लिए मैसर्स मार्गो नेटवर्क का चयन
मैसर्स मार्गो नेटवर्क ज़ी एंटरटेनमेंट की सहायक कंपनी है
रेलटेल ने ट्रेनों ,स्टेशनो में कान्टेंट ऑन डिमान्ड सेवाएं मुहैया कराने के लिए डिजिटल एंटरटेनमेंट सर्विस प्रोवाइडर (डीईएसपी) के रूप में ज़ी एंटरटेनमेंट की सहायक कंपनी मैसर्स मार्गो नेटवर्क का चयन किया है । कान्टेंट ऑन डिमान्ड भारतीय रेलवे के सारे प्रीमियम/एक्सप्रेस/मेल,उपनगरीय ट्रेनें में उपलभ्द कराई जाएगी। यह परियोजना दो वर्षों में कार्यान्वित की जाएगी और कान्टेंट का प्रावधान जैसे कि फिल्में, शो, शैक्षिक कार्यक्रम 10 वर्ष की संविदा अवधि के लिए पेड और अनपेड दोनों फार्मेट्स में उपलब्ध कराए जाएंगे जिसमें कार्यान्वयन के पहले दो वर्ष शामिल हैं।
अधिक गैर किराया राजस्व उत्पन्न करने के उद्देश्य से , रेलवे बोर्ड ने रेलटेल को ट्रेनोंमेंयात्रियों को कान्टेंट ऑन डिमान्ड उपलब्धकराने का कार्य सौंपा है । इस परियोजना में रेलटेल रेलगाड़ियों में स्थापित मीडिया सर्वरों के माध्यम से चलती ट्रेनों में विभिन्न प्रीलोडेड बहुभाषी कान्टेंट (सिनेमा, संगीत वीडियो, सामान्य मनोरंजन, जीवन शैली) आदि उपलब्ध कराएगा । कान्टेंट ऑन डिमान्ड प्लेटफार्मपे इ-कॉमर्स/ एम्–कॉमर्स एबं ट्रेवलबुकिंग ( बस, ट्रैन, टैक्सी) इत्यादि की सुविधा भी प्राप्त होगीऔ र डिजिटल मार्केटिंग के खेत्र में अन्य इनोवेटिव सलूशन भीउपलभ्ध कराये जायेंगे।सीओडी के साथ, यात्री चलती ट्रेनों में अस्थिर मोबाइल नेटवर्क के बावजूद अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान निर्बाध मुफ्त / सदस्यता आधारित मनोरंजन सेवा का आनंद ले सकेंगे ।यात्री निजी उपकरणों पर उच्च गुणवत्ता वाले बफर फ्रीस्ट्रीमिंग का आनंद ले सकेंगे। कान्टेंट समय-समय पर रिफ्रेश की जाएगी। व्यक्तिगत उपकरणों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली बफर फ्रीस्ट्रीमिंग से यात्रा और अधिक मनोरंजक हो जाएगी।
परियोजना के बारे में बात करते हुए, श्रीपुनीत चावला, सीएमडी / रेलटेल, ने कहा , " यह संपूर्ण कार्य 2022 तक पूरा हो जाएगा। कान्टेंट ऑन डिमान्ड से न केवल समग्र यात्री अनुभव में सुधार होगा, बल्कि साथ - साथ विमुद्रीकरण मॉडल के माध्यम से गैर-किराया राजस्व में वृद्धि होगी । इसमें भारतीय रेलोंके सभी 17 जोन को कॅवर किए जाने हैं। इस परियोजना से होने वाली आमदनी मुख्य रुप से तीन3स्ट्रीम जैसे विज्ञापनआधारित विमुद्रीकरण, सदस्यता आधारित विमुद्रीकरण,औरई-कॉमर्स / पार्टनरशिप सर्विसेज विमुद्रीकरणके माध्यम से होगी। "
कुल लगभग 8731 ट्रेनें जिनमें 3003 ट्रेनें (प्रीमियम / मेल / एक्सप्रेस- टू और फ्रॉ) पैन इंडिया और 2864 जोड़ी उपनगरीय ट्रेनें (कुल 5728 ट्रेनें) को सेवा रोलआउट के दायरे में रखा गया है और इसमें सभी वाई- फाई से सज्जित रेलवे स्टेशन शामिल हैं आज की तारीख में जिनकी संख्या 5563से अधिक है।