गुरु नानक देव की शिक्षाएं जीवन का सार व वैश्विक विकास का दर्शन: विनोद बंसल

      नई दिल्ली । गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं व उनके दर्शन में सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण का मार्ग समाहित है। आज आज दक्षिणी दिल्ली के संत नगर स्थित आर्य समाज मंदिर में आयोजित गुरुनानक ज्ञान यज्ञ के उपरांत उपस्थित जन समूह को श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के सुखद निर्णय पर बधाई देते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं में मानव जीवन का सार तथा वैश्विक विकास का सम्पूर्ण दर्शन समाया हुआ है। बात चाहे धर्म रक्षा की हो या सामाजिक समरसता की, ज्ञान की हो या आध्यात्म की, सेवा की हो या समर्पण की, ये सब बातें गुरु नानक देव जी के जीवन से स्पष्ट झलकती हैं। उनकी शिक्षाओं की मात्र तीन बातों यथा “किरत कर, बंड छक, नाम जप” को भी किसी ने अपना लिया तो उसका इह लोक व परलोक दोंनों ही सुधर जाएंगे। कार्यक्रम के अंत में हरियाणा के सुन्दर पुर कुटिया रोहतक से पधारे पूज्य स्वामी शांतानंद सरस्वती जी ने संध्या पाठ के साथ ध्यान योग कराया।


      गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर वैदिक विदुषी दर्शानाचार्या श्रीमती विमलेश आर्या के ब्रह्मत्व में संचालित हवन (गुरुनानक ज्ञान यज्ञ) के उपरांत छत्तीसगढ़ से पधारे श्री बल्लभ मुनि जी के भजनों तथा अर्शदीप सिंह, जस्नूर कौर व दक्ष नामक नन्हे-मुन्ने बच्चों की सुमधुर प्रस्तुति ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से श्रीमती जननी देवी, श्रीमती गायत्री देवी, श्री रोहिणी चन्द्र, श्री उमाकांत व श्री राधेश्याम आर्य, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दिल्ली के श्री संजय सिकरिया, आर्यसमाज के संरक्षक श्री जगदीश गांधी, कोषाध्यक्ष श्री वीरेंद्र सूद, गुरुद्वारा सिंह सभा के श्री गुरुप्रीत सिंह (हेप्पी), श्री साहिब सिंह वर्मा, वेद प्रकाश शास्त्री, देवेन्द्र कालरा, श्रीमती आहूजा, अन्नू, राज सूद, चन्द्र ज्योति, पार्वती, ओमबती के अतिरिक्त अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।


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