आज धनतेरस का दिन भी देश भर के स्वर्ण एवं चांदी के  व्यापारियों के लिए बेहद फीका रहा

देश भर के व्यापारी दिवाली पर भी नही कर पाये व्यापार


दिवाली त्यौहार की गहमागहमी इस बार देश भर के बाज़ारों में कहीं भी देखने को नहीं मिल रही है और सभी प्रकार के व्यापारों में गहरी मंदी छाई हुई है ! आज धनतेरस के त्योहारी दिन व्यापारियों ख़ास तौर पर सोना चांदी, बर्तन, किचन इक्विपमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स के व्यापारियों को आज व्यापार में खासी बढ़ोतरी की सम्भावना थी लेकिन देश भर में व्यापार आज भी बेहद सुस्त रहा और ग्राहकों की कमी बेहद दिखाई दी ! 


*कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) दिल्ली एन सी आर के संयोजक सुशील कुमार जैन द्वारा आज देश भर के विभिन्न बाज़ारों के व्यापारियों से बातचीत के आधार पर कहा की पिछले साल के मुकाबले आज सोना चांदी के व्यापार में लगभग 35 से 40 प्रतिशत के व्यापार की गिरावट दर्ज़ की गई जो बेहद चिंतनीय* है ! देश भर के सोना चांदी के बाज़ारों में ग्राहक बेहद कम रहे और केवल शगुन के रूप में ही लोगों ने नाम मात्र का सोना चांदी ख़रीदा ! आज धनतेरस के दिन जो की सोना चांदी की खरीदी के लिए बेहद शुभ माना  जाता है पर भी व्यापार की कमी ने  सभी बाज़ारों की कमर तोड़ कर रख दी है !


पिछले साल सोने के भाव रूपए 32500 प्रति दस ग्राम था जबकि आज सोने का भाव रुपये 39500 प्रति दस ग्राम रहा वहीँ चांदी का भाव पिछले वर्ष रुपये 39000 किलो था जबकि आज चांदी का भाव रुपये 48000 प्रति किलो रहा ! *पिछले वर्ष धनतेरस के दिन लगभग 17 हजार किलो के सोने की बिक्री हुई थी जिसकी कीमत लगभग 5500 करोड़ थी जबकि आज देश भर में लगभग 6 हजार किलो का व्यापार हुआ जिसकी कीमत लगभग 2500 करोड़ है । सरकार ने चार महीने पहले सोने के आयात शुल्क में वृद्धि की है तबसे देश में सोने का व्यापार पूरी तरह ठप्प है ! हर वर्ष लगभग 900 टन सोना इम्पोर्ट होता है जबकि इस साल अभी तक केवल 150 टन सोना ही इम्पोर्ट हुआ है ! *आयात शुल्क में वृद्धि होने के बाद अवैध व्यापार तेजी से बढ़ा है जिसके कारण ईमानदारी से व्यापार करने वाले व्यापारी बेहद परेशान है।*


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की कमोबेश यही हाल बर्तन, किचन इक्विपमेंट और इलेक्ट्रॉनिक्स के व्यापार में हुआ । इन वस्तुओं में भी पिछले साल के मुकाबले आज लगभग 40 प्रतिशत व्यापार की गिरावट रही ! धनतेरस पर इन वस्तुओं की खरीदी भी बेहद शुभ मानी जाती है और सभी वर्गों के लोग अपनी स्तिथि के अनुसार इन वस्तुओं की खरीद धनतेरस पर अवश्य करते हैं लेकिन आज धनतेरस के दिन पूरे देश में इन वस्तुओं की भी कोई ख़ास कारोबारी न होने से दिवाली को उत्साह व्यापारियों में अब लगभग ख़त्म ही हो गया है ! सही अर्थों में इस बार जिस प्रकार से अनैतिक व्यापार का सहारा लेकर ऑनलाइन कंपनियों ने देश के व्यापारियों की कमर तोड़ी है और बाज़ार में नकद की तरलता बेहद कम है , इसके कारण इस वर्ष व्यापारियों के लिए दिवाली त्यौहार का कोई मतलब ही नहीं रह गया है ।


श्री सुशील कुमार जैन संयोजक टीम कैट दिल्ली एन सी आर ने  कहा की यदि समय रहते सरकार ने देश के रिटेल व्यापार की और ध्यान नहीं दिया और आवश्यक कदम नहीं उठाये तो देश के रिटेल व्यापार बुरी तरह पस्त हो जाएगा जिसका सीधा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा ।


 


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