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महिलाएं खुद को पहचानो:जानिए क्या हैं स्त्री प्रकृति के गुण और उन्हें कैसे जगाएं

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लेखिका - डॉ कुसुम पथरिया अपने अंदर स्त्री प्रकृति को कैसे जगाएं प्रकृति के साथ जुड़ें ,रचनात्मक रहें ,प्रतिभा का इस्तेमाल करें ,घर की सजवट करें ,भावनाओं को समझें ,ख़ुद की देखभाल करें । स्त्रैण शक्ति महिला के अंदर बसी शक्ति है। अपने मन, विचार और शरीर का पोषण करना भी स्त्री गुणों को जागृत करना है। सप्ताह में एक दिन ऐसा भी रखें, जब आपका कोई प्लान हो। चाहें आप शॉपिंग करें जाकर शरीर संवारें या घर पर किताबें पढ़ें। उस दिन आप वो करें, जिनकी आपको उस वक्त जरूरत महसूस हो रही हो। ऐसा करने से आप खुद को समय देकर बेहतर समझ पाएंगीं। एक व्यक्ति के अस्तित्व की प्रकृति दो रूपों में होती है, स्त्रैण प्रकृति और पुरुष प्रकृति। ये प्रकृति जन्म से मिले लिंग के आधार पर नहीं बल्कि गुण और पहचान से जुड़ी होती है। मर्दों और स्त्रियों में इन दोनों के गुणों से ही संतुलन बनता है। पितृसत्ता से भरे समाज में स्त्री प्रकृति को कमजोरी, त्याग, सह-निर्भरता, शक्तिहीनता के रूप में देखा जाता है। वर्तमान समय में स्त्रियों के लंबे संघर्ष के बावजूद भी ये धारणा नहीं बदली है। जबकि सच ये है कि स्त्री प्रकृति इन सबसे अलग अपने अंदर क...

SSCA इंटर स्कूल ड्राइंग कंपीटिशन में महामाया स्कूल ने जीते 7 मेडल, मिला चांदी का सिक्का

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संवाददाता नोएडा। सोसायटी फॉर स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एडवांसमेंट  की ओर से नोएडा स्टेडियम में आयोजित 14वें  इंटर स्कूल ड्राइंग कंपीटिशन में महामाया बालिका इंटर कॉलेज का दबदबा रहा. विश्व विक्लांग दिवस के अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में महामाया के स्टूडेंट्स ने 7 मेडल जीते. सबसे ज्यादा मेडल हासिल करने पर महामाया की टीम को डॉक्टर चंद्रभान मेमोरियल सिल्वर कॉइन (चांदी का सिक्का) अवार्ड से सम्मानित किया गया. गुनगुनी धूप में स्टेडियम में हुए इस कंपीटिशन में सोसायटी के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल ने दिल्ली एनसीआर के 35 स्कूलों से आए करीब 450 बच्चों का स्वागत किया. इनमें स्कूल, एनजीओ, फाउंडेशन और मदरसे के छात्र-छात्रा शामिल थे. इसके साथ दिव्यांग बच्चों ने भी प्रतियोगिता में अपनी मेधा का प्रदर्शन किया. मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर और महामाया बालिका इंटर कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल छाया जैन ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का उद्धघाटन किया. प्रतियोगिता में पहली से 12वीं क्लास तक के बच्चों के लिए कुल 4 श्रेणियां रखी गई थीं. कैटेगरी ए (पहली-दूसरी क्लास) में न्यू लाइट पब्लिक स्कूल का जलवा रहा...

काशी तमिल संगमम 4.0 ज्ञान परंपराओं, संस्कृतियों और समुदायों को फिर से जोड़ना

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नई दिल्ली:  काशी तमिल संगमम 4.0, 2  दिसम्‍बर  को शुरू हो रहा है , जो तमिलनाडु और काशी के बीच सांस्‍कृतिक और सभ्‍यतागत सम्‍पर्क को आगे बढ़ाएगा।   प्रमुख विशेषताएं यह संस्‍करण “ लेट्स लर्न तमिल – तमिल करकलम ” पर आधारित है, जिसमें तमिल भाषा सीखने और भाषा की एकता को संगमम के केन्‍द्र में रखा गया है। प्रमुख कार्यक्रम में  तमिल करकलम  (वाराणसी के स्कूलों में तमिल पढ़ाना),  तमिल करपोम  (काशी क्षेत्र के 300 छात्रों के लिए तमिल सीखने का स्टडी टूर) ,  और  ऋषि अगस्त्य वाहन अभियान   (तेनकासी से काशी तक सभ्‍यतागत मार्ग का पता लगाना) शामिल हैं। इस वर्ष का संगमम  रामेश्वरम में एक विशालसमापन समारोह  के साथ खत्म होगा, जो काशी से तमिलनाडु तक संस्‍कृति के उद्भव और विकास को सांकेतिक तौर पर पूरा करेगा। एक पुराने रिश्ते को नये रुप में रखना: काशी तमिल संगमम क्या है ?     Source: Kashi Tamil Sangamam website काशी तमिल संगमम एक ऐसे रिश्ते का जश्न है जो सदियों से भारतीय कल्पना में बसा हुआ है। अनगिनत तीर्थयात्रियों,  विद्वानों और साधक...

विश्व विक्लांग दिवस के अवसर पर होगा इंटर स्कूल ड्राइंग कंपीटिशन का आयोजन

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  दिल्ली-एनसीआर के करीब 35 स्कूलों के 450 बच्चे लेंगे भाग  नोएडा। सोसायटी फॉर स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एडवांसमेंट की ओर से विश्व विक्लांग दिवस के अवसर पर 3 दिसंबर केा 14वें इंटर स्कूल ड्राइंग कंपीटिशन का आयोजन किया जा रहा है. नोएडा स्टेडियम में होने वाले इस कंपीटिशन में दिल्ली-एनसीआर के करीब 35 स्कूलों के 450 बच्चे भाग लेंगे. इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा मेडल जीतने वाले स्कूल को सोसायटी की ओर से चांदी का सिक्का देकर पुरस्कृत किया जाएगा. यह जानकारी रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता में संस्था के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल ने दी. उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के सहयोग से प्रतिवर्ष नोएडा स्टेडियम में होने वाली इस प्रतियोगिता को इस बार और आकर्षक बनाने का फैसला लिया गया है. प्रतियोगिता में बच्चों की कुल 5 श्रेणियां होंगी, जिनमें से 4 सामान्य बच्चों के लिए और 1 दिव्यांग बच्चों के लिए होगी. सामान्य बच्चों की हरेक श्रेणी में 10-10 बच्चों को मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा. जबकि सभी दिव्यांग बच्चों को पुरस्कार देकर उनका हौसला बढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि सामान्य बच्चों की श्रेणी में जो स्कूल स...

वोटर लिस्ट की आख़िरी घड़ी BLO और वोटर की लुका-छिपी

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मनोवैज्ञानिक डॉ उमेश शर्मा का विश्लेषण नोएडा। सेक्टर 122 के आवासीय कल्याण संगठन के अध्यक्ष और देश के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ उमेश शर्मा ने वोटरर लिस्ट के सर्वेक्षण की आखरी घड़ी में आम जनता और बीएलओ की जो मनोस्थिति होती है उसका बड़ा ही सूक्ष्म ढंग से विश्लेषण किया है। उनके अनुसार वोटर लिस्ट के Special Intensive Revision (SIR) के समय में जो स्थिति बनती है, वह बिल्कुल परीक्षा की अंतिम घड़ी जैसी है। इसमें तीन तरह की मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलरही हैं 1. आख़िरी समय का दबाव  जैसे छात्र पढ़ाई पूरे साल नहीं करते, पर परीक्षा से ठीक पहले घबराकर दौड़ने लगते हैं, वैसे हीदृ ऽ वोटर आख़िरी दिनों में नाम जोड़ने/सुधारने के लिए भागते हैं ऽ BLO अंतिम दिनों में रिकॉर्ड पूरा करने के लिए इससे तनाव, जल्दबाज़ी और चिड़चिड़ाहट स्वाभाविक रूप से बढ़ती है। 2.बचने की मनोवृत्ति कुछ लोग वोट बनवाने में रुचि नहीं लेते, क्योंकि ऽ काम बोझ लगता है ऽ सोचते हैं कि “क्या फ़र्क पड़ेगा” ऽ या सरकारी प्रक्रिया को झंझट समझते हैं इसे मनोविज्ञान में Avoidance Tendency कहा जाता है,लोग ऐसे कामों से बचते हैं ज...

आज एक बेटी की मुस्कान, हमारी सबसे बड़ी सफलता: डॉ कुसुम पथरिया

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  नोएडा। समाजिक न्याय व महिला अधिकारिता बोर्ड की महिला विंग की  अध्यक्ष डॉ कुसुम पथरिया ने आज अपनी टीम के साथ बेटी की विवाह की तैयारी कर रहे गरीब परिवार केा ज़रूरी सामान डबल बेड , मैटरेस,गद्दा, कपड़े, सिलाई मशीन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराईं।  उन्होंने बताया कि एक गरीब परिवार अपनी बेटी की शादी की तैयारियों को लेकर संघर्ष कर रही थी। उनके पास  न बिस्तर, न गद्दा, न कपड़े, और न ही सिलाई मशीन थी जिससे की वह दो पैसे कमा सके। लेकिन उम्मीद हमेशा रास्ता ढूंढ ही लेती है। हमारी टीम ने उनसे मिलकर उसके सपनों को सहारा दिया और इस बेटी के लिए ज़रूरी सामान डबल बेड , मैदरेस,गद्दा, कपड़े, सिलाई मशीन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराईं। डॉ पथरिया ने बताया कि यह कार्य सामाजिक न्याय एवं महिला सशक्तिकरण बोर्ड के अंतर्गत किया गया। इस टीम में उमा जायसवाल (उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश), ममता तिवारी (सचिव, उत्तर प्रदेश) व किरण कुशवाह (संयुक्त सचिव, उत्तर प्रदेश) शामिल थीं। उन्होंने बताया कि आज उस परिवार की  मुस्कुराहट, उसकी आँखों की चमक यही बताती है कि सही मदद सही समय पर किसी का भविष्य बदल सक...

निष्काम कर्म: अशान्त संसार में शान्ति प्राप्त करने के लिए गीता की गुप्त कुंजी

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लेखिका : रेणु सिंह परमार श्रीमद्भगवद्गीता युद्धभूमि पर घटित भगवान् श्रीकृष्ण और अर्जुन के मध्य एक संवाद है। परन्तु इसका वास्तविक सन्देश केवल युद्ध के विषय में ही नहीं अपितु यह भी है कि प्रत्येक दिन बुद्धिमानीपूर्वक कैसे जीवन व्यतीत किया जा सकता है। इसकी सर्वाधिक प्रभावशाली शिक्षाओं में से एक है निष्काम कर्म अर्थात् फल के प्रति आसक्त हुए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना। महान् भारतीय आध्यात्मिक गुरु, श्री श्री परमहंस योगानन्द के अनुसार, निष्काम कर्म योग का एक महत्वपूर्ण पक्ष है। श्रीमद्भगवद्गीता की अपनी चिरस्मरणीय व्याख्या, ईश्वर-अर्जुन संवाद : श्रीमद्भगवद्गीता, में उन्होंने यह समझाया है कि श्रीकृष्ण का सन्देश कोई अमूर्त दर्शन नहीं अपितु प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक व्यावहारिक पथप्रदर्शक है, चाहे वह गृहस्थ धर्म का पालन कर रहा हो, किसी व्यवसाय का संचालन कर रहा हो, अथवा ईश्वर की खोज कर रहा हो। श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 2, श्लोक 47 में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं : “तुम्हारा मानव-अधिकार केवल कर्म करने के लिए है, परिणामस्वरूप कर्मफलों पर नहीं। स्वयं को अपने कर्मों के फलों का स्रष्टा न मानो...