'सभी के लिए पुस्तकें' थीम के साथ गोमती पुस्तक महोत्सव का 9 दिसंबर से आरंभ

 


लखनऊ 

गोमती किनारे पुस्तकों का सबसे बड़ा महोत्सव पाठकों के लिए तैयार है। नौ दिवसीय इस महोत्सव में देश—विदेश के प्रख्यात साहित्यकारों का जमावड़ा लगेगा। पूर्व संध्या पर नेशनल बुक टस्ट, इंडिया, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में जनसंपर्क प्रमुख अमित सिंह ने सूचित किया कि इस वर्ष देश—विदेश के 300 से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकों से सजे 100 से अधिक बुक स्टॉल होंगे। प्रदर्शनी में एनबीटी, प्रकाशन विभाग, अमर चित्रकथा, रूपा, हार्पर कॉलिन्स, मैकमिलन, मंजुल, वितास्ता, आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस जैसे प्रकाशकों की बेस्ट सेलर्स के साथ—साथ बुकर अवॉर्ड के लिए नामित पुस्तकें भी शामिल हैं। 

'सभी के लिए पुस्तकें' थीम के अंतर्गत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए ब्रेल पुस्तकों के मुफत वितरण की व्यवस्था यूआईडी प्रस्तुत करने पर की गई है। एनबीटी ने सूचित करते यह भी बताया कि बच्चों के लिए विशेष रचनात्मक कार्यशालाओं का आकर्षण केंद्र 'कहानी सुनो, कहानी बुनो' जैसे कार्यक्रमों से जेनअल्फा से लेकर जेनजी तक के युवा पाठकों की अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसमें अखबार लिखने की कला से लेकर पुस्तक बनाने की कला तक सम्मिलित हैं।

पुस्तक मेले में महिला एवं युवा साहित्यकारों को विशेष रूप से स्थान मिला है। इस कड़ी 'अनब्रोकन द ब्रसल्स टेरर अटैक सर्वाइवर' की लेखिका निधि चापेकर की प्रेरक यात्रा से लेकर सती, द्रोपदी, अहिल्या जैसे पौराणिक पात्रों पर लिखने वाली प्रख्यात लेखिका कोरल दास गुप्ता, रचना छाबड़िया शामिल होंगी। उत्तर से दक्षिण एवं पूर्व से पश्चिम के साहित्य को जोड़ते हुए साहित्यिक कार्यक्रमों की सूची में निलोत्पल मृणाल, कल्पेश रत्ना, रवि भट्ट, प्रसून रॉय, संदीप दत्त, संजीव पालिवाल, आशुतोष शुक्ल, राजेश व्यास जैसे कई स्थापित लेखक एवं केविन मिसल अंतर अत्रेय जैसे युवा लेखक सम्मिलित होंगे। 

नौ दिवसीय इस पुस्तक महोत्सव में रीडिंग टी के साथ—साथ सांस्कृतिक और म्यूजिकल कार्यक्रम गोमती तट पर अपनी ओर आकर्षित करेंगे। यूनिवर्सल बुक स्टोर के को—फाउंडर और गोमती पुस्तक महोत्सव के आयोजन समिति के मनोनीत सदस्य श्री चंद्र प्रकाश ने एनबीटी के प्रयासों की सराहना करते हुए लखनउ के नागरिकों को इस पुस्तक मेले में आने के लिए आमंत्रित किया ताकि यह पुस्तक महोत्सव न केवल लखनउ बल्कि देश के महत्वपूर्ण साहित्यिक कैलेंडर इवेंट के रूप में स्थापित हो सके।   

पुस्तक मेला 9 से 17 दिसंबर, सुबह 11 से रात 8 बजे तक इस अवसर पर बसों के विशेष रूट का आयोजन भी किया जा रहा है।  


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