उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में सत्ता व सरकारी मशीनरी का भारी दुरुपयोग : मायावती

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न चार चरणों के पंचायत चुनाव, जिसके लिए मतों की गणना कल तक जारी रही, में सत्ता व सरकारी मशीनरी का भारी दुरुपयोग एवं विरोधी पार्टियों द्वारा अपार धनबल के अनुचित इस्तेमाल के बावजूद बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) ने लगभग पूरे प्रदेश में जो रिजल्ट प्रदर्शित किया है वह अति-उत्साहवर्द्धक है तथा यहाँ होने वाले अगामी विधानसभा आमचुनाव के लिए लोगों में नई उर्जा, जोश भरने व हौंसले बुलन्द करने वाला है।


पंचायत चुनाव परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जी ने इसके लिए प्रदेश की जनता का तहेदिल से आभार प्रकट करते हुए तथा पार्टी के हर स्तर के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि विरोधी पार्टियों के उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए जितने भी निर्दलीय उम्मीदवार कामयाब हुए हैं उनमें से ज्यादातर वास्तव में बी.एस.पी. से ही जुड़े हुए लोग हैं, जिन्होंने खासकर रिजर्व सीटों पर आम सहमति नहीं बन पाने पर अपने-अपने बूते पर ही चुनाव लड़कर जीत हासिल की है।


मायावती ने कहा कि कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश के जिन ज़िलों में बी.एस.पी-समर्थित उम्मीदवार के लिए आम सहमति बन गई थी वहाँ बी.एस.पी. का अच्छा रिजल्ट आ गया तथा जिन जिलो में आमसहमति नहीं बनने के कारण, एक-एक सीट पर कई लोग बी.एस.पी. का झण्डा-बैनर आदि लेकर चुनाव लड़ते रहे, वहाँ सामान्य सीटो पर तो पार्टी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ क्योंकि वहाँ दलितो ने जीतने वालेे उम्मीदवार को देखकर एकतरफा अपना वोट ट्रांसफर कर दिया जिससे उन पर भी बी.एस.पी. के काफी उम्मीदवार चुनाव जीत गये जिनकी गिनती अब निर्दलीय के रूप में गिनी जा रही है। लेकिन सुरक्षित सीटो पर पार्टी के कई-कई उम्मीदवार खड़े होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका, जिसका फिर ज्यादातर फायदा विरोधी पार्टियों को ही पहुँच गया। इससे काफी कुछ सबक सीखकर अब पार्टी के लोग खुद ही आगे ऐसी गलती नहीं करेंगे, ऐसी उनसे बी.एस.पी को पूरी-पूरी उम्मीद है।


पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव परिणामों के सम्बंध में कहा कि यू.पी. पंचायत चुनाव में बी.एस.पी. का पूरे प्रदेश में विशेषकर बड़े जिलो में से कुछ जिलो को छोड़कर अधिकांश जिलो में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। और खासकर आगरा, मथुरा, मेरठ, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद, हापुड़, शाहजहाँपुर, कानपुर देहात, जालौन, बाँदा, चित्रकूट, लखीमपुर खीरी, हरदोई, सुल्तानपुर, बलरामपुर, सन्तकबीर नगर, महाराजगंज, आजमगढ़, मऊ, प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर, चन्दौली आदि जिलो में बी.एस.पी का काफी बेहतरीन रिजल्ट आया है इसके साथ ही इस चुनाव में पार्टी के लोगों ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए जिस प्रकार से जबर्दस्त मेहनत करके अपना अच्छा रिजल्ट दिखाया है वह सराहनीय है और इस चुनाव में भी अगर सब कुछ स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से होता तथा बी.एस.पी के कई-कई उम्मीदवार एक सीट पर खड़े नहीं होते तो फिर निश्चय ही  बी.एस.पी. का प्रदर्शन और भी ज्यादा बेहतर हो सकता था, फिर भी पार्टी के लोगों द्वारा विरोधियों के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों का सामना करते हुए अपने अति-सीमित संसंाधनो से अच्छी सफलता अर्जित करना जीत की खुशी को दोगुणा करता है।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*"आज़ादी के दीवानों के तराने* ’ समूह नृत्य प्रतियोगिता में थिरकन डांस अकादमी ने जीता सर्वोत्तम पुरस्कार

ईश्वर के अनंत आनंद को तलाश रही है हमारी आत्मा

सेक्टर 122 हुआ राममय. दो दिनों से उत्सव का माहौल