नई दिल्ली : COVID-19 महामारी के वर्तमान समय में सरकार की अन्य एजेंसियों, हेल्थ केयर वर्कर्स, पुलिस कर्मचारी, सैनिटेशन वर्कर्स के साथ बैंक कर्मचारियों ने भी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए लॉकडाउन अवधि में अपनी सेवाओं का चालू रखा।
इस अवधि में बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी सामाजिक दूरी का ध्यान रखने के बाद भी शाखाओं में काम करने के दौरान संक्रमित हुए। COVID 19 के कारण कई बैंक कर्मचारियों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है। कोरोना संक्रमित कर्मचारियों ने अपनी जेब से चिकित्सा खर्च किया है। कोरोना संक्रमित होने पर भी उन्हें विशेष अवकाश नहीं दिया गया, जबकि सरकारी कर्मचारियों को विशेष अवकाश स्वीकृत किया गया है ।
बैंक कर्मचारियों को अन्य फ्रंट लाइन वर्कर्स की तरह कोरोना वारियर्स का दर्जा नहीं दिया गया । इसलिए कम से कम COVID 19 टीकाकरण के लिए तो बैंक कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त बैंक कर्मचारियों द्वारा किए गए सभी चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए और कोरोना पॉजिटिव अवधि के कारण उनकी अनुपस्थिति को विशेष अवकाश की मंजूरी दी जानी चाहिए।
इस सम्बंध में वॉयस ऑफ़ बैंकिंग ने एक पत्र वित् मंत्री, आई.बी.ए. चेयरमैन और सचिव, डिपार्टमेंट ऑफ़ फाइनेंसियल सर्विसेज, वित् मंत्रालय को लिखा है ।