प्रधानमंत्री करेंगे भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ

नई दिल्ली (इंडिया साइंस वायर):  देश में विज्ञान जगत की गतिविधियों के महत्वपूर्ण समागमों में शामिल इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) का छठा संस्करण 22 दिसंबर से आरंभ होने जा रहा है। इस बार का आयोजन महान गणितज्ञ रामानुजन की जयंती के दिन शुरू होगा और समापन 25 दिसंबर को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के दिन होगा। विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। समापन समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू उपस्थित होंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और  पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने सोमवार को इस आशय की घोषणा की। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इस बार का आईआईएसएफ भी वर्चुअल ही आयोजित किया जाएगा। 

इस बार भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने वाली तकनीकों और नवाचार पर विशेष बल दिया जा रहा है। आईआईएसएफ की औपचारिक घोषणा से जुड़े कार्यक्रम में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे ने कहा है कि आईआईएसएफ के आयोजन से विज्ञान के क्षेत्र में मिली उपलब्धियों को उत्सव के रूप में मनाने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी हर चुनौती को हमने अवसर में बदलने का प्रयास किया है। इस क्रम में उन्होंने डॉ. हर्ष वर्धन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही विज्ञान का यह उत्सव इतने बड़े स्तर पर पहुँचा है।

इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, "2020 विषम परिस्थितियों का वर्ष रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस वर्ष अधिकतर आयोजन आभासी रूप में संपन्न हुए हैं। इस विज्ञान महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करना और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ाना है। अगर मैं 2020 को विज्ञान का वर्ष या वैज्ञानिक उपलब्धियों का वर्ष कहूँ, तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। विज्ञान की क्षमता और वैश्विक स्तर पर एक साथ मिलकर काम करने के भाव की आवश्यकता को हमने इस वर्ष साकार होते हुए देखा है। हमारे प्रधानमंत्री जी ने कोविड काल में भी लोगों में आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए ‘आत्मनिर्भर’ बनने की बात कही है। यही वजह है कि इस वर्ष महोत्सव की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत एवं विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ रखी गई है।"

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान से जुड़ी उपलब्धियों के बारे में न तो लोगों को अधिक जानकारी है और न ही विज्ञान के प्रति हमारे युवा और बच्चों में कोई विशेष जिज्ञासा है। यही वजह है कि विज्ञान को एक बड़ा जनांदोलन बनना चाहिए। इसके लिए इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल की परिकल्पना भारत सरकार के विज्ञान मंत्रालय ने की। इस महोत्सव से कैसे आम जनता को विज्ञान से जोड़ना है, और कैसे भविष्य में आने वाले विज्ञान के छात्रों में अभिरुचि लानी है, इस सोच के साथ इसे शुरू किया गया था। आज इसके माध्यम से विज्ञान से संबंधित सभी तरह के लोग, हर उम्र के प्रतिभागी, हजारों बच्चे, नवोन्मेषकों, विज्ञान से जुड़ी फिल्मों के लोग, विज्ञान एवं कला से जुड़े लोग इस विज्ञान महोत्सव का हिस्सा बनते हैं।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*"आज़ादी के दीवानों के तराने* ’ समूह नृत्य प्रतियोगिता में थिरकन डांस अकादमी ने जीता सर्वोत्तम पुरस्कार

ईश्वर के अनंत आनंद को तलाश रही है हमारी आत्मा

सेक्टर 122 हुआ राममय. दो दिनों से उत्सव का माहौल