देश के किसानों ने साबित किया है कि वे किसी भी कठिन चुनौती का सामना करने में सक्षम

कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने की जरूरत. केंद्रीय मंत्री श्री तोमर
कृषि क्षेत्र की समृद्धता बढ़ने से देश में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और ज्यादा समृद्धि भी आएगी
आजादी के बाद इस पहली महामारी कोविड.19 में हमारे गांवों की व्यवस्था पूरी तरह पास
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने व कठिनाइयां कम करने के लिए वैज्ञानिकों से किया आव्हान
चौधरी चरणसिंह विण्विण्ए मेरठ व जूनागढ़ कृषि विण्विण् के वेबिनार में वीडियोकांफ्रेंसिंग से शिरकत


नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याणए ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि इससे कृषि क्षेत्र की समृद्धता बढ़ेगीए जिससे देश में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और ज्यादा समृद्धि भी आएगी। श्री तोमरने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने व कठिनाइयां कम करने के लिए भी वैज्ञानिकों से आव्हान किया। श्री तोमर ने ये बातें शनिवार को दो विभिन्न वेबिनार में कही। 

श्री तोमर ने मेरठ की ई.संगोष्ठी में कहा कि खाद्यान्न में भारत न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि सरप्लस है। किसानों ने साबित किया है कि वे किसी भी कठिन चुनौती का सामना करने में सक्षम है। हमारे सामने आबादी बढ़ने की चुनौती है , वर्ष 2050 में देश की जनसंख्या 160 करोड़ तक होने की संभावना है.
श्री तोमर ने कहा कि खेती के क्षेत्र में बड़ा निवेश लाने के संबंध में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने कृषि अवसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।इसके साथ ही मत्स्य पालनए पशुपालनए हर्बल खेतीए मधुमक्खी पालनए फूड प्रोसेसिंग आदि सब क्षेत्रों में भारत एक बड़ी छलांग लगाए इस बात का प्रबंध करोड़ों रूण् के पैकेज के माध्यम से करने की कोशिश की है। नए रिफार्म व नया निवेश आएगा तो कृषि के क्षेत्र में सभी चुनौतियों से पार पाने में सफल होंगे। नए रिफार्म का फायदा भी ग्रामीण क्षेत्र को मिलेगा। कृषक सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है जिससे निजी क्षेत्र का निवेश आने पर खेती का क्षेत्र बुलंदियों पर होगा। विण्विण् व केवीके  सहित सभी पक्षों को इस संबंध में प्रयत्न करना होगा। श्री तोमर ने मृदा स्वास्थ्य परीक्षण का महत्व प्रतिपादित करते हुए परीक्षण कराने पर जोर दिया व जागरूकता लाने की अपील की।
जूनागढ़ विण्विण् के वेबिनार में मंत्री श्री तोमर ने कहा कि खेती के क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए किसानों के साथ ही वैज्ञानिकों ने बहुत अच्छा प्रयत्न किया है। आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाकरए बदलती जलवायु के अनुरूप खेती के श्रेष्ठ तरीके अपनाए जाएं। कम पानी में अधिकए गुणवत्तापूर्ण उपज की पैदावार पर ध्यान देने की जरूरत है। सभी प्रतिनिधि यह देखे कि छोटी.छोटी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स कैसी खड़ी हो सकती हैए इनमें कृषिछात्रों की भी भूमिका हो सकती है।प्रधानमंत्री श्री मोदी भी कहते हैं कि जब तक हम गांवों को आत्मनिर्भर नहीं बनाएंगे, तब तक काम नहीं चलेगा। इसके लिए गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत करना पड़ेगीए जिसके लिए खेती को मजबूत व समृद्ध करना होगा,अकेले खेती ही नहीं बल्कि इसके साथ सिस्टर कन्सर्न को भी फोकस कर मजबूत करने की जरूरत है। इनके सबके बाद भारत किसी भी बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना करने में सक्षम हो सकेगा। 
मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कोविड संकट में जब दुनिया का पहिया थम गया था तब ऐसी स्थिति में भीभारत के किसानों ने गांवों में उपलब्ध साधनों से ही बंपर पैदावार कीए लाकडाउन में फसल कटाई का काम ठीक से हुआ और पिछली बार से उपार्जन भी अधिक हो गयाए ग्रीष्मकालीन फसलें भी पिछली बार से 45 प्रतिशत अधिक बोई गई है। कोरोना वायरस के सामुदायिक विस्तार को भी होने नहीं दिया। ये सब किसानों व हमारे गांवों की ताकत को प्रदर्शित करता है। आजादी के बाद से यह पहली महामारी है जिसमें हमारी गांवों की व्यवस्था पूरी तरह पास हुई है। इस व्यवस्था को और ताकतवर कैसे बनानाए विचार करना चाहिए।


श्री तोमर ने कहा कि मोदी सरकार ने खेती.किसानी के लिए जितना निवेश किया उतना कभी.किसी सरकार ने नहीं किया। पहले मंत्रालय का जितना कुल बजट होता थाए उससे अधिक तो अकेले पीएम.किसान स्कीम का ही बजट है जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। श्री तोमर ने इस वेबिनार में भी निजी निवेश पर विस्तृत चर्चा कर सहयोग का आव्हान किया। उन्होंने नए बनने वाले 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों ;एफपीओद्ध में ज्यादा से ज्यादा छोटे किसानों को जोड़ने पर भी जोर दिया। 


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