उर्वरक विभाग कर रहा देश में उर्वरकों के उत्पादन, परिवहन और उपलब्धता की बारीकी से निगरानी

कोविड – 19 महामारी को ध्यान में रखते हुए  


New Delhi


कोविड–19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न संकट की स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री  डीवी सदानंद गौड़ा, राज्य मंत्री  मनसुख मंडाविया और उर्वरक विभाग के सचिव  छबिलेन्द्र राउल देश में उर्वरकों के उत्पादन और वितरण सम्बन्धी गतिविधियों की बारीकी से निगरानी और समीक्षा कर रहे हैं। विभाग के उच्चतम स्तर पर हस्तक्षेप से पूरे भारत में किसानों को उर्वरकों की आवश्यक उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। विभाग द्वारा वास्तविक समय पर निगरानी की जा रही है ताकि उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला से जुडी समस्या का शीघ्र समाधान निकला जा सके। उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य / केंद्रशासित प्रदेश की विभिन्न एजेंसियों के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित किया गया है।


किसानों को उर्वरक आपूर्ति बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में श्री गौड़ा ने ट्वीट में कहा, "अभी तक उपलब्धता की स्थिति संतोषजनक है।"


उर्वरक विभाग (डीओएफ) आवश्यकता के अनुसार अंतर-मंत्रालयी स्तर पर हस्तक्षेप के लिए तथा परिचालन संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मुद्दों को उठाता रहा है।


डीओएफ ने सभी उर्वरक कंपनियों को संयंत्रों और बंदरगाहों से उर्वरकों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने और लॉकडाउन के कारण राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे हुए उर्वरकों के रेकों का विवरण प्रदान करने के लिए कहा है। रुके हुए रेकों से माल उतारने का काम रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य कृषि विभागों के सम्मिलित प्रयासों से पूरा किया गया है। घंटा और दैनिक आधार पर गहन निगरानी की जा रही है।


कंपनियों को आस-पास के संयंत्रों में उर्वरकों के अतिरिक्त भंडारण की संभावना का पता लगाने के लिए भी कहा गया है।


डीओएफउर्वरक को प्राथमिकता देने और बंदरगाहों पर उर्वरकों के उतारने और आवाजाही की अनुमति देने के लिए पोत परिवहन मंत्रालय के साथ समन्वय कर रहा है।


राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि विभागों तथाराज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे आवश्यक वस्तु के रूप में उर्वरकों की निरंतर आवाजाही सुनिश्चित करें।


लॉजिस्टिक श्रंखला के सुगम संचालन के लिए सभी उर्वरक कंपनियों को स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में रहने और एक स्थान के लिए कई रेक डिस्पैच न करने की सलाह दी गई है। सभी कार्यों के दौरान स्वच्छता और सामाजिक दूरी प्रोटोकॉल का पालन करने की भी सलाह दी गई है।


सरकार द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों के अनुरूप डीओएफने सक्रिय कदम उठाए हैं। विभाग ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों तथा डीओएफ के प्रशासनिक नियंत्रण वाले पीएसयू के लिए एडवाइजरी जारी किया है, ताकि स्वच्छता,सामाजिक सुरक्षा, उचित स्वच्छता अभ्यासों को सुनिश्चित करके कोविड–19 महामारी के फैलाव को रोका जा सके।


उर्वरक क्षेत्र में विकास को बहाल करने के लिए अवश्यक प्रमुख सुधारों और अन्य पहलों के बारे में रोड मैप तैयार करने तथा इसके कार्यान्वयन की देखरेख करने के लिए अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया है।


सामाजिक उत्तरदायित्व के बारे में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री ने सार्वजनिक उपक्रमों और उर्वरक उद्योगों को अपने सीएसआर बजट से दान करने की अपील की है, ताकि महामारी के प्रसार को रोकने और इसके प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए कदम उठाए जा सकें। उन्होंने विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा बनाए गए पीएम केयर्स फंड में दान करने की अपील की। अब तक, पीएसयू सहित विभिन्न कंपनियों ने पीएम केयर्स फंड में करीब 45 करोड़ रुपये का दान दिया है।


डीओएफ के कर्मचारियों और डीओएफ के प्रशासनिक नियंत्रण वाले सीपीएसयू के कर्मचारियों से भी अपील की गई है कि वे अपने वेतन से पीएम केयर्स फंड में उदारतापूर्वक दान करें।


इसके अलावा, कोविड सेप्रभावित व्यक्तियों के इलाज के लिए अस्पतालों की तैयारी के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरीसेडीओएफ के तहत दो सीपीएसयू - एनएफएल तथा आरसीएफको अवगत करा दिया गया है, जिनके पास अपने अस्पताल हैं।


 


 


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