कृषि उपज व अन्य संबंधित वस्तुओं का परिवहन निर्बाध होना चाहिए : नरेंद्र सिंह तोमर

लॉकडाउन के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने के लिए अनेक उपाय


केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर नेकंट्रोल रूम


बनाकर नियमित निगरानी के दिए निर्देश


निर्यात योग्य कृषि उपज बाहर भेजने में किसानों को नहीं आना चाहिए परेशानी


कृषि मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से की समीक्षा


नई दिल्ली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आव्हान पर प्रभावी देशव्यापीलॉकडाउन के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक उपाय किए गए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को मंत्रालय में वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से तमाम वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक लेकर, किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल किए जाने की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के दिशा-निर्देश भी दिए।


     कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से लागू लॉकडाउन केमद्देनजरदेशभरमें आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में, प्रारंभ में कई किसानों को परेशानी होने की शिकायतें मिली थी, जिन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कृषि मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर का तत्काल गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के साथ लगातार संवाद हुआ और तुरंत ही निर्णय लेकर किसानों को राहत के लिए अनेक उपाय लागू किए गए हैं। आज कृषि मंत्रालय में दोनों राज्य मंत्रियों- श्री परषोत्तमरूपाला एवं कैलाश चौधरी के साथ श्री तोमर ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों की वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली, जिसमें केंद्र सरकार के तत्संबंधी दिशा-निर्देशों को लेकर समीक्षा की गई।


बैठक में श्री तोमर ने कहा कि किसानों के हित में जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें अमल में लाने के साथ ही इस दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। अधिकारियों से श्री तोमर ने कहा कि फसलों की कटाई में किसानों को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए। साथ ही, हरसंभव कोशिश यह होना चाहिए कि उनकी कृषि उपज खेत के पास ही बिक सकें, साथ ही इसका राज्य और अंतरराज्यीय परिवहन सुगमता से हो। इस संबंध में ट्रकों की आवाजाही को भी लॉकडाउन से छूट दी गई है। आगे बुआई भी होना है, जिसे लेकर खाद-बीज की कमी कहीं भी नहीं होना चाहिए। खाद-बीज के परिवहन के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाना चाहिए।जिन कृषि वस्तुओं का निर्यात किया जाना है, वह प्रभावित नहीं होना चाहिए।


कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थनमूल्य से संबंधित कार्यों,कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्यों द्वारा संचालित मंडियों,उर्वरकों की दुकानों, किसानों व श्रमिकों द्वारा खेतमें किए जाने वाले कार्यों, कृषिउपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों औरउर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंगइकाइयों,फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि वबाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों कीअंतरराज्यीय आवाजाही को छूट दी गई है।कृषि मशीनरी वकलपुर्जों कीदुकानेंलॉकडाउनमें चालू रखी जा सकेगी। छूट में संबंधित आपूर्तिकर्ताओंको भी शामिल किया गया है।हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेजवपेट्रोलपंपभी चालू रहेंगे, ताकि कृषि उपज का परिवहन सुगमता से होसकें। इसी तरह, चाय बागानों पर अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा।


राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफ़ॉर्म की नई सुविधाएं भी लांच की गई है, जिनका इस दौरान लाभ उठाया जा सकता है।केंद्र ने किसानों के अल्पकालिक फसलीऋण जो1 मार्च2020 और31 मई2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधिभी 31 मई2020 तक बढ़ाई है। किसान31 मई2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल4 प्रतिशतप्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं।


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