कोविड-19 संकट को लेकर कृषि उत्पादों के निर्यात के संबंध में समीक्षा

निर्यात प्रभावित नहीं होने देने के कृषि मंत्री श्री तोमर के निर्देश, मंत्रालय ने की वीडियोकांफ्रेंस


उत्पादकों व निर्यातकों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने वीडियोकांफ्रेंसमें भाग लिया


वर्ष 2018-19 के दौरान भारत का कृषि व संबद्ध निर्यात 2.73 लाख करोड़ था


नई दिल्ली कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के निर्देशों के बाद मंत्रालय के सचिव ने कृषि वस्तु उत्पादक/निर्यातक संगठनों के साथ वीडियोकांफ्रेंसकी,ताकि उनके मसले सुलझाए जा सकें व निर्यात प्रभावित नहीं होने पाए।


कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के नतीजतन कृषि क्षेत्र पर जो असर पड़ा है, उन मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार निगरानी रखे हुए हैं। इसी तारतम्य में श्री तोमर के निर्देश पर मंत्रालय ने कृषि और संबद्ध वस्तुओं के निर्यातकों के साथ बातचीत शुरू की है।


 नरेंद्र सिंह तोमर के निर्देशों के बाद कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के सचिव श्री संजय अग्रवाल ने एक वीडियोकांफ्रेंस आयोजित की, ताकि कृषि एवं संबद्ध वस्तुओं के निर्यातकों के सामने आ रही समस्याओं का सीधा हल पता लगाया जा सके और मौजूदा कोविड-19 संकट में उनकी मदद करने के लिए उनकी समस्याओं के शीघ्र निवारण के लिए सार्थक हस्तक्षेप करके आवश्यक कदम उठाए जा सकें। 


फल, सब्जियां, बासमती और गैर-बासमती चावल, बीज, फूल, पौधे, जैविक उत्पाद, कृषि उपकरण एवं मशीनरी जैसी कृषि वस्तुओं के उत्पादकों/निर्यातकों के संगठनों के प्रतिनिधियों व निर्यातकों ने बैठक में भाग लिया। प्रतिभागियों ने कई सामान्य और क्षेत्र विशिष्ट मुद्दों को उठाया। सभी कृषि जिंसों के निर्यातकों द्वारा जो आम मसले उठाए गए,वो इन विषयों से संबंधित थे: मजदूरों की उपलब्धता और आवाजाही, अंतरराज्य परिवहन में रूकावटें, मंडियों के बंद होने के कारण कच्चे माल की कमी, फाइटो-सेनिटरी प्रमाणन, कूरियर सेवाओं के बंद होने के कारण शिपिंग दस्तावेजों की आवाजाही में बाधा, माल सेवाओं की उपलब्धता, बंदरगाहों/यार्डों तक पहुंच, आयात/निर्यात के लिए माल निकासी की मंजूरी। 


खाद्य प्रसंस्करण, मसाले, काजू और मशीन एवं उपकरण से संबंधित उद्योगों के प्रतिनिधियों ने कम से कम 25-30 प्रतिशत क्षमता पर काम खोलने/संचालित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया और संचालन के दौरान स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों का पूरी प्रतिबद्धता से पालन करने का प्रस्ताव रखा।


आंतरिक परिवहन मुद्दे का गृह मंत्रालय द्वारा समाधान कर आवश्यक निर्देश जारी किए जा रहे हैं। फाइटो-सेनिटरीप्रमाणनों को निरंतर/नियमित जारी करने व ऑनलाइन सर्टिफिकेट की स्वीकृति के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं।


श्री अग्रवाल ने कहा कि बंदरगाह,महासागर माल सेवाओं, कूरियर सेवाओं से संबंधित मुद्दों के समाधान पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कामकाज और क्षेत्र विशेष के लिए उद्योग को खोलने के अनुरोध को मंत्री श्री तोमर के समक्ष ले जाया जाएगा और उचित तरीके से उसका हल निकाला जाएगा।


भारत कृषि और संबद्ध जिंसों का शुद्ध निर्यातक देश है। वर्ष 2018-19 के दौरान भारत का कृषि और संबद्ध निर्यात 2.73 लाख करोड़ रूपए का था और यह क्षेत्र व्यापार संतुलन में हमेशा सकारात्मक रहा है। निर्यात बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी देश के लिए कीमती विदेशी मुद्रा अर्जित करने के अलावा कृषि निर्यात किसानों/उत्पादकों/निर्यातकों को व्यापक अंतरराष्ट्रीय बाजार का लाभ उठाने और अपनी आय बढ़ाने में मदद करता है। क्षेत्र कवरेज और उत्पादकता में वृद्धि के जरिए निर्यात के नतीजतन कृषि क्षेत्र के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।


 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*"आज़ादी के दीवानों के तराने* ’ समूह नृत्य प्रतियोगिता में थिरकन डांस अकादमी ने जीता सर्वोत्तम पुरस्कार

ईश्वर के अनंत आनंद को तलाश रही है हमारी आत्मा

सेक्टर 122 हुआ राममय. दो दिनों से उत्सव का माहौल