अपने गिरेबान में तो झांको कांग्रेसियों


प्रत्येक क्षेत्र में मुँहकी खा रही कांग्रेस की बौखलाई नेता श्रीमती सोनिया गांधी ने संघ और भारतीय जनता पार्टी पर देश में नफरत का वायरस फैलाने का शर्मनाक आरोप लगा दिया है| जब कि सारा संसार जानता है कि इन दिनों में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़े जा रहे युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर कौन लड़ रहा है? और घर में बैठकर कौन शतरंजी चालें चल रहा है| भारत में हिन्दू हित की बात करना साम्प्रदायिक कैसे हो गया?


सर्वविदित है कि संघ और भाजपा के लाखों कार्यकर्ता अपनी जान को हथेली पर रख कर दूर-दराज में रह रहे और फंसे हुए बेसहारे गरीब लोगों की सेवा में जुटे हुए है| शहरों, कस्बों और गांवों तक खाद्य सामाग्री इत्यादि पहुंचाने में लगे इन कार्यकर्ताओं पर नफरत फैलाने का आरोप लगाने से पहले मेरी बहन सोनिया ने कुछ तो शर्म की होती| इस तरह की घटिया राजनीति करना युद्ध के मोर्चे पर विजय प्राप्त कर रहे सैनिकों के पांव में बेड़ियां डालने के बराबर नहीं है क्या?


दरअसल इसमें बहन सोनिया का कोई कसूर नहीं है| उसे तो कांग्रेसी नेता जो लिखकर देते हैं वह बेचारी उसे पढ़ देती है| अन्यथा सोनिया जी को तो भारत की संस्कृति, इतिहास, भूगोल और भाषा की एक धेले की जानकारी नहीं है| सोनिया गांधी ‘कांग्रेसी लीडर’ना होकर एक ‘पर्ची लीडर’ ही है| पता नहीं सोनिया गांधी जी को भारत के सभी प्रान्तों के नाम भी याद है या नहीं।


इस तरह के शर्मनाक और घटिया बयान दिलाने से पहले कांग्रेसियों को अपने गिरेबान में तो झांक लेना चाहिए था| 1947 से लेकर आज तक देश में जितने भी सांप्रदायिक दंगे हुए हैं| वो सब कांग्रेस के राज में कांग्रेसी नेताओं की देख-रेख में हुए हैं|मुस्लिम तुष्टिकरण को अपना वैचारिक आधार बना कर भारत का विभाजन स्वीकार करने वाली कांग्रेस प्रारंभ से ही हिन्दुत्व विरोधी रही है| भारत की सनातन संस्कृति, साधु-संतों, मंदिरों,गुरूद्वारों और हिन्दू नेताओं का जितना अपमान कांग्रेस ने किया है वह सब इतिहास के पन्नों पर काले कलंक की तरह दर्ज हैं|


अखंड भारत की सर्वांग स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की पीठ में छूरा घौंप कर भारत के दो टुकड़े करने वाली कांग्रेस ने सदैव हिन्दु-मुसलमान को लड़वाने का काम किया है| मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेकने वाली कांग्रेस किस मुंह से संघ एवं भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है? हाल ही में महाराष्ट्र मे दो हिन्दू संतों को मार देने की गैर इनसानी हरकत पर मौन रहने वाली कांग्रेस की नेता की आंखों में राष्ट्र समर्पित संघ एवं भाजपा के कार्यकर्ता क्यों खटक रहे हैं?


हम पूछना चाहते हैं भारत विभाजन करवा कर चालीस लाख लोगों की मौत का जिम्मेवार कौन है?नोआखाली में हिन्दुओं का कत्लेआम किसने करवाया था? भीषण कोयला नरसंहार को किसने अंजाम दिया था? दिल्ली में हजारों सिक्खों को मौत के घाट उतारने के लिए किसने भड़काया था? वो कौन था जिसने कहा था “जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है” पंजाब में भिडंरा वाले को हिन्दुओं के विरोध में किसने तैयार किया था? किसके राज में कश्मीर से चार लाख हिन्दुओं को घरों से उजाड़ कर अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया?  ऐसे अनेकों प्रश्न हैं जिनके जवाब भारत की जनता पूछ रही है|


आज जब सारा देश एकजुट होकर सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार करोना महामारी से लड़ रहा है,ऐसे संकटकालीन समय में भी कांग्रेसी नेता और प्रवक्ता अपनी औकात से बाज नहीं आ रहे हैं| शर्म की बात है कि इन्होंने तब्लीगी जमात, डॉक्टरों पर हमला करने वालों, नर्सों का अपमान करने वालों और समाज रक्षक पुलिस वालों पर कातिलाना हमला करने वालों पर एक भी शब्द नहीं बोला| दिल्ली के बाटला हाउस में मारे गए आतंकवादियों के लिए आंसू बहाने वाली श्री मति सोनिया गांधी अब क्यों चुप हैं?


आतंकवादियों की मौत पर आंसू बहाने वाली कांग्रेस, अलगाववादी धारा 370 की समर्थक कांग्रेस, तीन तलाक की समर्थक कांग्रेस, श्रीराम मंदिर निर्माण में कानूनी बाधाएं खड़ी करने वाली कांग्रेस, नागरिकता संशोधन कानून की विरोधी कांग्रेस, हिन्दुओं से गद्दारी करने वाली शिवसेना सरकार की रक्षक कांग्रेस को संघ के उन स्वयंसेवकों से शिक्षा लेनी चाहिए, जो देश पर आने वाली प्रत्येक विपत्ति के समय अपना बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं|


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