"बता ये हुनर तूने सीखा कहां से"


आज की शाम कुछ खास थी
नोएडा
मुहम्मद रफ़ी को आज की पीढ़ी कितना जानती है? यह बात उन लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखती जिनकी सांसों में रफी साहब के नगमे आज भी वैसे ही गूंजते हैं।


नोएडा के सेक्टर ६ स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में रफी साहब के ९५ वें जन्मदिन पर आज शाम जब दर्जन भर से अधिक लोगों ने उनके गाये नगमों को आवाज दी तो लगा कि वो यहीं हैं, यहीं कहीं। अतुल बछेती, अंकिता श्रीवास्तव, सतीश सचदेवा, गीतांजलि जैसे लोग पेशेवर नहीं स्नानघर गायक हैं। इनमें से कई तो पहली बार माइक पर आये। परंतु दिलों में बसे रफी साहब जब कंठ का सहारा लेकर होंठों पर आये तो सुनने वाले वाह-वाह कर उठे।


यह आयोजन नोएडा प्राधिकरण एक्स आफिसर्स एसोसिएशन व नवरत्न फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि नौएडा लोकमंच के महासचिव महेश सक्सेना, एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी गौड़, महासचिव के लाल, कार्यक्रम संयोजक आर एन श्रीवास्तव तथा शहर के अनेक प्रमुख लोग मौजूद थे।संचालन अशोक श्रीवास्तव ने किया।


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