भारत समावेशी वैश्विक सहयोग के लिए प्रसिद्ध है -- श्री बिड़ला
नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष माननीय श्री
ओम बिड़ला ने आज इण्डिया इण्टरनेशनल सेंटर में 52 देशों के मुख्य न्यायाधीशों व अन्य प्रख्यात हस्तियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और शांति व स्थिरता के प्रबल समर्थक के रूप में भारत समावेशी वैश्विक सहयोग के प्रति प्रतिबद्ध है। श्री बिड़ला आज बतौर मुख्य अतिथि सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.), लखनऊ द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ के प्रथम सत्र को सम्बोधित कर रहे थे, जिसमें विश्व के 52 देशों के 160 से अधिक मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों साथ ही विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष एवं विश्व प्रतिष्ठित हस्तियाँ प्रतिभाग कर रहे हैं। आगे बोलते हुए श्री बिड़ला ने कहा कि सी.एम.एस. द्वारा आयोजित यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘सौहार्दपूर्ण भविष्य’ एवं भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य हेतु अत्यन्त प्रासंगिक है। इससे पहले, श्री बिड़ला ने इस ऐतिहासिक सम्मेलन के प्रथम सत्र का शुभारम्भ किया जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद श्री सुधंाशु त्रिवेदी की उपस्थिति ने सम्मेलन की गरिमा को बढ़ाया।
सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.) के तत्वावधान में आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का प्रथम सत्र आज नई दिल्ली के इण्डिया इंटरनेशनल सेन्टर में सम्पन्न हुआ। इसके उपरान्त यह सम्मेलन अब 20 से 23 नवम्बर तक लखनऊ में सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किया जायेगा। ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है। इस वर्ष यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘ए न्यू लुक एट द यूनाइटेड नेशन्स एण्ड इट्स चार्टर: ग्लोबल गवर्ननेन्स फॉर ए सस्टेनबल फ्यूचर इन ए फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ थीम पर आयोजित किया जा रहा है।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने विचार रखते हुए विशिष्ट अतिथि श्री सुधांशु त्रिवेदी, सांसद, राज्यसभा, ने कहा कि भारत अपनी अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत, विविध धार्मिक परंपराओं और लोकतांत्रिक परंपरा के कारण आज एक आर्थिक महाशक्ति एवं लोकतन्त्र के सजग प्रहरी के रूप में उभरा है और विश्व को नेतृत्व प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सी.एम.एस. की प्रशंसा करते हुए श्री त्रिवेदी ने कहा कि यह सम्मेलन ‘वसुधैव कुटम्बकम’ के आदर्श पर आधारित है और भारत द्वारा अभी हाल ही में आयोजित किया गया जी-20 सम्मेलन भी इसी विचार पर आधारित था।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम सत्र के अन्तर्गत देश-विदेश से पधारे गणमान्य अतिथियों व न्यायविद्ों ‘पैनल डिस्कशन’ में अपने विचार व्यक्त किये, जिनमें लेसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री माननीय डा. पकालिथा बी. मोसिलिली; न्यायमूर्ति रिकार्डो ली रोसी, न्यायाधीश, अर्जेन्टीना; न्यायमूर्ति सुश्री रोसा एकॉन, न्यायाधीश, कोस्टारिका समेत क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति माननीय श्री स्टीपन मेसिक, घाना संसद के सभापति माननीय श्री अल्बन किंग्सफोर्ड सुमाना बैगबीन एवं एंटीगुआ एवं बरबूडा संसद के अध्यक्ष माननीय श्री आस्बर्ट आर. फ्रेडरिक ने अपने विचार व्यक्त किये। परिचर्चा का संचालन स्पेन से पधारे वैश्विक शिक्षाविद् डा. ऑगस्टो लोपेज़-क्लारोस ने किया।
इस ऐतिहासिक सम्मेलन की संयोजिका एवं सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने विभिन्न देशों से पधारे न्यायविद्ों, कानूनविद्ों व अन्य गणमान्य हस्तियों का हार्दिक स्वागत-अभिनंदन करते हुए कहा कि विश्व भर के बच्चों को सुरक्षित व सुखमय भविष्य का अधिकार दिलाना एक ऐसा मुद्दा है जिसे वसुधैवे कुटुम्बकम की भावना से ओतप्रोत विश्व नागरिकता की शिक्षा पद्धति एवं वैश्विक शासन संरचनाओं के सुदृढ़ीकरण एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था से हासिल किया जा सकता है। मुझे खुशी है कि इस अन्तर्राष्ट्रीय ऐतिहासिक सम्मेलन के माध्यम से सी.एम.एस. के लगभग 10,000 से अधिक छात्रों को विश्व की प्रख्यात हस्तियों से रूबरू होने व उनसे अपने विचारों को साझा करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी के हित में विश्व के न्यायविद्ों व कानूनविद्ों समेत तमाम प्रख्यात हस्तियों का एक मंच पर पधारना देश के लिए गौरव की बात है।
सी.एम.एस. के हेड, कम्युनिकेशन्स श्री खन्ना ने बताया कि विभिन्न देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों व प्रख्यात हस्तियों ने आज प्रातः 9.00 बजे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की समाधि ‘राजघाट’ पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। सम्मेलन के प्रथम सत्र के उपरान्त ये सभी गणमान्य अतिथि राष्ट्रपति भवन में आयोजित जलपान एवं लोटस टेम्पल में आयोजित स्वागत समारोह एवं रात्रिभोज में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर माननीया सुश्री शोभा करन्दलाजे, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री, भारत सरकार बतौर मुख्य अतिथि गरिममय उपस्थिति दर्ज करायी एवं न्यायविद्ों व अन्य विशिष्ट अतिथियों से मुलाकात कर सम्मेलन पर विस्तार से चर्चा-परिचर्चा की। ये सभी गणमान्य अतिथि 20 नवम्बर को आगरा में ताजमहल का दीदार कर लखनऊ के लिए रवाना हो जायेंगे।
