नोएडा में अद्भुत जंगल ट्रेल: मैंने देखे लोहे के शेर

 



 _-राजेश बैरागी-_ 

'कागज के शेर' एक प्रसिद्ध मुहावरा है परंतु नोएडा में मैंने लोहे के शेर देखे। ये शेर इतने सजीव हैं कि असल शेर उन्हें देखे तो आपा खो दे या भाग खड़ा हो। दरअसल नोएडा में महामाया फ्लाईओवर पर जहां तेज गति से गाडियां नोएडा दिल्ली की ओर भाग रही होती हैं और उससे भी ऊपर नोएडा जनकपुरी मेट्रो दौड़ रही होती है, ठीक उसके नीचे ये लोहे के शेर,हाथी, घोड़े और दूसरे देशी विदेशी,जल थल पर विचरण करने वाले और आकाश में उड़ने वाले जानवर अपनी प्राकृतिक मुद्रा में दिखाई देते हैं। 

नोएडा प्राधिकरण की पहल पर पीपीपी मॉडल पर यहां लगभग 20 एकड़ भूमि पर प्रकृति और प्रतिकृतियों का मिला-जुला एक जंगल विकसित किया जा रहा है। ऐसे कृत्रिम पार्क विकसित करने में विशेषज्ञता रखने वाली जेडटेक इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी ने यहां दुनिया भर में कबाड़ हो चुकीं लोहा,रबर व अन्य धातुओं को बटोर कर लगभग साढ़े सात सौ पशु पक्षियों की प्रतिकृति तैयार कर स्थापित की हैं।इसे जंगल ट्रेल नाम दिया गया है और चार भागों में बांटा गया है।यहां प्रवेश करते ही ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के जानवरों के दर्शन होते हैं। उससे आगे एशियन महाद्वीप, फिर सामुद्रिक जीव एक्वा जोन में और उसके बाद यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका तथा आखिर में साइबेरियन पशु पक्षियों के दर्शन होते हैं।जेडटेक इंडिया लिमिटेड के मैनेजर अनुरंजन अग्रवाल बताते हैं कि नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर विकसित किए गए इस जंगल ट्रेल को जोन ए और जोन बी दो भागों में बांटा गया है।जोन ए निशुल्क होगा। वहां जंगल में घूमने के लिए पाथवे और ओपन थियेटर जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।जोन बी में प्रवेश के लिए शुल्क चुकाना होगा। यहां चार वाटर बॉडीज भी बनाई गई हैं जिनमें स्थानीय के साथ साथ विदेशी पक्षी भी अभी से विहार करने लगे हैं। भ्रमण करने वाले आगंतुकों के लिए जंगल के बीच बैठने व सेल्फी के लिए कई स्थल बनाए गए हैं। खानपान की दुकानें और कैफ़े भी बनाए गए हैं। इलेक्ट्रिक कार्ट से घूमते हुए जंगल सफारी का अहसास होता है।पशु पक्षी सजीव जैसे होकर भी सजीव नहीं हैं परंतु जंगल को प्राकृतिक स्वरूप देने के लिए सैकड़ों प्रकार के पेड़, झाड़ी और घास उगाई गई है। यह अपनी तरह का पहला जंगल है जहां आकर कोई भी कुछ देर के लिए कभी खुद को इस महाद्वीप में तो कभी उस महाद्वीप में पाकर अचंभित हो सकता है। 

हालांकि एक बार आने के बाद दोबारा यहां क्यों आना चाहिए,यह प्रश्न बड़ा है जो विकास कर्ता कंपनी और प्राधिकरण के साथ इस अद्भुत जंगल ट्रेल के भविष्य को तय करेगा। प्राधिकरण के उद्यान विभाग के निदेशक आनंद मोहन सिंह कहते हैं कि यह भूमि निष्प्रयोज्य थी, जंगल ट्रेल बनने से यह दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा ग्रेटर नोएडा और आसपास के जनपदों के लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन जाएगी। शीघ्र ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करेंगे।(नेक दृष्टि)(ऐसे ही अन्य समाचारों आलेख के लिए हमारी वेबसाइट www.nekdristi.com देखें)

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