डीएसी के दिव्यांग बच्चों का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत



नई दिल्ली 
: प्रसिद्ध जादूगर गोपीनाथ मुथुकड़ और केरल स्थित उनके ‘डिफरेंट आर्ट सेंटर’ के 23 दिव्यांग बच्चों का आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बहुत उत्साह और प्यार से स्वागत किया।

 पूर्व केंद्रीय मंत्री अल्फोंसकन्नमथानमभी इसटीम के साथ थेजिसमें कुछ शिक्षक और माता-पिता भी शामिल थेने राष्ट्रपति को डीएसी की गतिविधियों के बारे में बताया। मुथुकड़ ने चार साल पहले डीएसीकी स्थापना की थी।

मुथुकड़ ने इन बच्चों के इंटेलिजेंसकोशंट (बुद्धि के विकास) और इमोशनलकोशंट (संवेगात्मक) स्तरों में कला-आधारित प्रशिक्षण की वजह से होने वाले सकारात्मक परिणामों का उल्लेख किया।

राष्ट्रपति ने मुथुकड़ने उस समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना कीजिसके साथ वह जादू में अपने शानदार कैरियर को छोड़कर संस्थान को संभाल रहे हैं।

उन्होंने कहाहम वास्तव में भगवान को नहीं देख सकते। लेकिन बच्चों के चेहरे पर जो मुस्कान मैं देख रही हूं, वह गोपीनाथ की कड़ी मेहनत और ईमानदार प्रयासों का परिणाम है। आप भी किसी भगवान से कम नहीं हैं। आप जैसे व्यक्ति ही हैं जिनमें मुझे ईश्वर दिखाई देता है।"

इन बच्चों के लिए जादू के अपने जुनून और अपनी संपत्ति को त्यागने के लिए राष्ट्रपति नेमुथुकड़ की सराहना की। "इस जन्म के अच्छे कर्मों का फल आपको अगले जन्म में अवश्य  मिलेगा।" 

उन्होंने कहा कि मुथुकड़जिस कार्य को कर रहे हैं, उसमें सहयोग करने के लिए वह क्या कर सकती हैं, इस पर अवश्य ही विचार करेंगी। "मैं भविष्य में इन बच्चों को राष्ट्रपति भवन में अपनी कला का प्रदर्शन के लिए बुलाऊंगी।"

मुलाकात के तुरंत बाद मुथुकड़ ने राष्ट्रीय एकता पर आधारित एक छोटा-सा जादुई करतब दिखाया। राष्ट्रपति बच्चों की कला का भी कुछ प्रदर्शन देखना चाहते थीं। उनकी इच्छा का मान रखते हुए एक बच्चे ने एक गीत की कुछ पंक्तियां गाईं।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि समाज में यह संदेश पहुंचाने के लिए कि दिव्यांगबच्चों को मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए, देश को मुथुकड़ जैसे लोगों की जरूरत है।

कल शामडीएसीकी टीम ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री श्री वीमुरलीधरननोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थीपूर्व मंत्री श्री के.जे. अल्फोंसएडमिरल आर हरि कुमारसुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुरियनजोसेफ और डिपार्टमेंट ऑफ़एंपावरमेंटऑफ़पर्सन्सविथडिसेबिलिटीजकी सचिव, श्रीमती अंजलि भवरा की उपस्थिति में डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, जनपथ में एक घंटे तक चले जादुई और सांस्कृतिक कार्यक्रम से दिल्लीवालों को आनन्दविभोर किया।केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में 10 से अधिक संसद सदस्यों ने भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुएसत्यार्थी ने कहा कि मुथुकड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि "कुछ भी असंभव नहीं हैऔर यह कि भारत के पास समाधानों की कमी नहीं है। उन्होंने इन दिव्यांग बच्चों के लिए सम्मान की संस्कृति का सृजन किया है। उन्होंने इन बच्चों को सशक्त बनाया है। करुणा न होने पर सहानुभूति और समानुभूतिका कोई लाभ  नहीं होता। करुणा गोपीनाथ की दुनिया को रोशन करने की चिंगारी है।"

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