18 महीने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स पर महंगाई की दोहरी मार पड़ रही



नई दिल्ली 

18 महीने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्तों की तीन किस्तों जो की लगभग 11 प्रतिशत होता है नहीं मिल रहा है। देश में लगभग 50 लाख केन्द्रीय कर्मचारी और 50 लाख पेंशनर्स हैं। देश में कोरोना महामारी के आगमन के कारण बीते साल अप्रैल में ही क्रेंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कटौती का ऐलान किया था।

 सरकार ने बीते साल में 1 जनवरी, 2020 और 1 जुलाई, 2020 को केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्तों की किस्त पर रोक लगा दी थी। इस रोक के कारण कर्मचारियों और पेंशनर्स को दोहरा नुक्सान हो रहा है एक तरह वह महंगाई की मार झेल रहे हैं दूसरी और 18  महीने से महंगाई भत्ता नहीं मिला है। महंगाई भत्ता कोई एहसान नहीं होता बल्कि महंगाई की क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाता है।

केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली महंगाई भत्तों की तीन किस्तों को लेकर एक बड़ी घोषणा हो सकती है कि ये सभी किस्तें नई दर के आधार पर 1 जुलाई 2021 से मिले लेकिन पिछले 18 महीनों का एरियर मिलेगा या नहीं सरकार ने अभी कुछ नहीं कहा है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुछ महीनों पहले यह घोषणा की थी कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की किस्तें जुलाई माह में जारी की जा सकती हैं। केंद्र सरकार को जल्द ही देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत देनी चाहिए ताकि महंगाई की मार झेल रहे कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका लाभ मिल सके ।         

अश्विन राणा ने बताया कि जो कर्मचारी 30 जून 2021 तक सेवानिवृत होने वाले हें उनको और भी ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि ग्रेचुय्टी और लीव इनकेश्मेंट की गर्णना बेसिक पे और महंगाई भत्ते के आधार पर होती है।  यदि सरकार महंगाई भत्ते के क़िस्त जारी करने की घोषणा 1 जुलाई से करती है तो इन कर्मचारियों को न तो 18 महीने का महंगाई भत्ते का एरियर मिलेगा और ग्रेचुय्टी और लीव इनकेश्मेंट में भी भारी नुक्सान होगा। इसलिये सरकार को महंगाई भत्ते को 1 जनवरी 2020 से जारी करना चाहिए ।

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