अब कोरोना से अपनी रक्षा खुद करें, सिस्टम फेल


दो दो मास्क लगाएं छह ग़ज़ की दूरी बनाएं - फ्रंट

नई दिल्ली। आल इंडिया माइनोरिटीज के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि देश और दिल्ली का पूरा मेडिकल सिस्टम ध्वस्त हो चुका है। अब इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए देश की जनता को कोरोना सुनामी से बचने का इंतेज़ाम खुद करना होगा। अब ज़रूरी है कि जनता दो दो मास्क लगाए और एक दूसरे से छह छह ग़ज़ की दूरी बनाये।
डॉ आसिफ ने भारत में हो रही मौतों पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि 70 वर्षों में देश में पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर जान-माल का इतना नुकसान नहीं हुआ जितना इस कोरोना सुनामी में हुआ है। उन्होंने कहा कि जितनी मौतें  हुई हैं वे सभी कोरोना से हुई मौते नहीं हैं। दूसरे मरीज़ भी तिल तिल कर बड़ी संख्या में मर रहे हैं।अस्पताल, बेड, दवाओं, तीमारदारी,ऑक्सिजन और वेंटीलेटर के अभाव में ये मौतें हो रही हैं। हालात इस कदर भयावह है कि मेडिकल सिस्टम न कोरोना रोगियों को और न ही अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों का मुकम्मल इलाज कर पा रहा है। लोग असहाय हो चुके हैं।
डॉ आसिफ ने कहा कि कोरोना रोगियों के जीवन रक्षा की दवाइयां अब जग जाहिर हैं लेकिन इन दवाइयों की कालाबाज़ारी हो रही है। बेईमान और मुनाफाखोरों ने इस आपदा को अवसर बना लिया है। सरकार भी इसे रोकने में अक्षम साबित हो चुकी है। सरकार ने चुनाव प्रक्रिया जारी रखवाते हुए रैलियों सभाओं से कोरोना संक्रमण जम के फैलने दिया।देश की पुलिस व्यवस्था और प्रशासन में भ्र्ष्टाचार के चलते कोरोना प्रोटोकॉल का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन पूरे वर्ष जारी रहा। स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं बधाई गयीं।  मंदिर मस्जिदों और कुम्भ में भी कोरोना की परवाह नहीं की गई। इसलिए कोरोना की सुनामी बन कर हम पर सवार है।
उन्होंने कहा कि सरकारें अपना राजस्व बटोरने के लिए शराब की दुकानों पर भीड़ को छूट देती रहीं। यह शर्म की बात है। आम जन ने भी अपनी जान को जोखिम में डाला जिसके चलते कोरोना ने सामुदायिक स्तर पर फैला।
माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष ने कहा कि देश को कोरोना से बचना है तो सख्ती से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना ही होगा। उन्होंने मांग की कि सरकार कोरोना सहित हर तरह के मरीज़ों के लिए ऑन लाइन मोनोटरिंग सिस्टम शुरू करे और कोरोना अस्पतालों में मरीजों की भरपूर तीमारदारी की व्यवस्था करे। फिलहाल ऐसे मरीजों के साथ बूचड़खाने के जानवरों जैसा बर्ताव हो रहा है। उन्होंने कहा राज्यों के मुख्यमंत्रियों और खासकर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को इस ओर ध्यान देना चाहिए। दिल्ली जैसे बड़े शहरों से पलायन रोकने के लिए विशेष सहायता शिविर युद्ध स्तर पर खोलने चाहियें।

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