सरकार की ग़लत व जनविरोधी नीतियों के सम्बंध में लोगों को और अधिक जागरूक करने का काम व्यापक स्तर पर लगातार जारी रखें: मायावती

 बीजेपी अगर शक्तिशाली व सरकार में है तो इसके लिए सबसे बड़ी ज़िम्मेवार व कसूरवार खुद कांग्रेस पार्टी व उसकी गलत व जनविरोधी भ्रष्ट नीतियाँ 


नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती  द्वारा 5 फरवरी से उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन की ज़मीनी गतिविधियों, छोटी-छोटी कैडर बैठकों व चुनावी तैयारी आदि के सम्बन्ध में मण्डल व ज़िलावार शुरु की गई समीक्षा का पहला दौर आज की समीक्षा बैठक के बाद यहाँ समाप्त हुआ। 

इस दौरान यू.पी. के सभी 18 मण्डल व 75 ज़िलों के पार्टी के छोटे-बड़े पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी कमेटी की गतिविधियों के सम्बन्ध में विस्तार से रिपोर्ट पार्टी प्रमुख को पेश की, जिसको मद्देनजर रखते हुये गहन समीक्षा व विचार-विमर्श के उपरान्त तथा आने वाले समय की राजनीतिक व चुनावी चैलेन्जों का डटकर मुकाबला करने के लिए पार्टी संगठन में मण्डल व ज़िला स्तर पर जरूरी परिवर्तन व फेरबदल सुश्री मायावती जी ने किया जिसके बाद सभी ज़िम्मेदार लोग पूरी मुस्तैदी के साथ अपने-अपने काम में लग गए हैं।

वैसे खासकर यू.पी. के सम्बन्ध में  मायावती  अपने दिल्ली प्रवास के दौरान भी पार्टी व संगठन को कोरोना की पूरी सावधानी के साथ सक्रियता प्रदान करती रहीं तथा बी.एस.पी. के मिशनरी मानवतावादी मूवमेन्ट की गतिविधियों को जारी रखा।

यू.पी.की राजधानी लखनऊ में लगभग एक माह से अधिक समय तक लगातार चलने वाली इन समीक्षा बैठकों में बी.एस.पी. मूवमेन्ट के जन्मदाता व संस्थापक  कांशीराम 15 मार्च को होने वाली जयन्ती कार्यक्रम को, पूर्व की तरह ही, यू.पी. के कुछ मण्डल को छोड़कर अधिकांश मण्डलों में संगोष्ठी आदि के माध्यम से मनाने का निर्देंश दिया गया, जिसमें से केवल लखनऊ, कानपुर व फैजाबाद मण्डल के लोग, लखनऊ में स्थित मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल में तथा मेरठ मण्डल के लोग नोयडा में स्थित दलित प्रेरणा स्थल में पहुँचकर, उनको अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे। लेकिन ये सभी कार्यक्रम कोरोना महामारी प्रकोप से सम्बन्धित सरकारी नियमों-निर्देंशों आदि का पालन करते हुये व आवश्यक पूर्वानुमति के साथ ही मनाया जाना चाहिये। मण्डल स्तरीय संगोष्ठियों में ख़ासकर मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा बी.एस.पी. मूवमेन्ट को खड़ा करने के दौरान पेश आने वाली चुनौतियों/चैलेन्जों आदि की कड़वी वास्तविकताओं का उल्लेख करने व वर्तमान में इस मिशन के समक्ष उत्पन्न जटिल परिस्थितियों को पूरी एकजुटता व शक्ति के साथ मुकाबला करने के बारे में भी लोगों को जागरुक करना चाहिये।

वैसे यह जग-ज़ाहिर ही है कि हर पार्टी के समक्ष उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जनसंघ/बीजेपी आज़ादी के बाद लगभग 70 वर्षों तक लगभग लुप्तप्रायः रहने के बाद आज उसकी साम्प्रदायिकता व घिनौनी जनविरोधी एवं जातिवादी नीतियाँ, कांग्रेस पार्टी की तरह ही, चरम पर हंै, ऐसा किसने सोचा था। लेकिन आज बीजेपी अगर शक्तिशाली व सरकार में है तो इसके लिए सबसे बड़ी ज़िम्मेवार व कसूरवार खुद कांग्रेस पार्टी व उसकी गलत व जनविरोधी भ्रष्ट नीतियाँ ही हैं। कुल मिलाकर बी.एस.पी. मिशन व मूवमेन्ट के लिए दोनों ही पार्टियाँ बराबर की जिम्मेवार हंै, कोई कम तो कोई ज्यादा अर्थात् बहुजन समाज व अपरकास्ट समाज के गरीबों को अपना उद्धार स्वयं करने के योग्य बनना है तो गुलाम मानसिकता वाले समाज के बिकाऊ लोगों से सावधान रहना बहुत ही जरूरी है, जिसके लिए परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व उनके अधूरे कारवाँ को नई शक्ति व ऊर्जा प्रदान करके यहाँ यू.पी. जैसे बड़े राज्य की सत्ता तक पहुँचाने वाले कांशीराम के बताए हुए रास्ते पर हर संकट झेलते हुए चलते रहना है व सन् 2007 की तरह आगे ही बढ़ते रहना है। वक्त की जरूरत व माँग है कि इसी संकल्प के साथ बी.एस.पी के लोग हर स्तर पर लगातार काम करते रहें। यही मेरी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व   कांशीराम  के सभी अनुयाइयों व समर्थकों से अपील भी है।

 मायावती  ने अपनी मण्डल व ज़िला स्तरीय समीक्षा बैठकों में अति-शीघ्र घोषित होने वाले पंचायत व स्थानीय निकाय के चुनाव से सम्बंध में पार्टी की तैयारियों की भी समीक्षा की। उत्तर प्रदेश में ये चुनाव अगर स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से कराए गए तो आगामी विधानसभा आमचुनाव से पहले पूरे प्रदेश में केन्द्र व राज्य की सरकार के खिलाफ सर्वसमाज में से खासकर गरीबों, किसानों, छोटे व्यापारियों व अन्य मेहनतकश लोगों में जो व्यापक जन असंतोष व जनाक्रोश व्याप्त है वह बीजेपी के खिलाफ जरूर रंग लाकर उसे काफी महंगा पड़ सकता है। खासकर ऐसे समय में बी.एस.पी. की बेहतर विकल्प बनकर जनता के सामने आना है, यही हमारा प्रयास पहले भी था और आगे भी होना चाहिये।

उन्होंने कहा कि केन्द्र व यू.पी. की सरकार, जन, समाज व देशहित को भी त्याग कर, अपने विरोधियों को सरकार की शक्ति का गलत इस्तेमाल करके हर प्रकार से कुचलने में ही में ज्यादा लगी हुई है, जो भारत के लोकतंत्र के लिए अति-दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है तथा जिसको लेकर हर तरफ चिन्ताओं की लहर है। इसीलिए खासकर यू.पी. में स्थानीय लोगों की जनहित से जुड़ी समस्याओं आदि को लेकर व उन पर होने वाली जुल्म-ज्यादतियों के विरूद्ध न्याय दिलाने के लिए सम्बंधित अधिकारियों से समय लेकर समय-समय पर उनसे मिलकर पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास पार्टी स्तर पर लगातार जारी रहना चाहिये। 

साथ ही, पार्टी की जो कमेटियाँ बनी हुई हैं उनके कामों की समीक्षा जरूर करने तथा पूरे प्रदेश में पार्टी मेम्बरशिप का जोरदार अभियान चलाने आदि का उन्होंने निर्देश दिया। इसके अलावा, छोटी-छोटी मीटिंगों के माध्यम से केन्द्र व यू.पी. सरकार की गलत व जनविरोधी नीतियों व कार्यकलापों आदि के सम्बंध में लोगों को और अधिक जागरूक करने का काम व्यापक स्तर पर लगातार जारी रखें, ऐसा निर्देश भी पार्टी प्रमुख सुश्री मायावती जी ने समीक्षा बैठकों में दिया।


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