मोदी की प्रेरक राजनीति/वंशवाद को मारा ठोकर भतीजी का चुनाव लडने का सपना टूटा

 

आचार्य श्री विष्णु गुप्त की कलम से 

नई दिल्ली 


क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी को नगर परिषद का चुनाव लडने से वंचित कर दिया गया। पर आपको विश्वास करना ही होगा। यह सच है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वंशवाद और भाई भतीजा वाद पर चाबुक चलाकर भारतीय राजनीति को प्रेरणा दी है।

.......  नरेंद्र मोदी की भतीजी सोनल मोदी अहमदाबाद नगर परिषद का चुनाव लडना चाहती थी, उसने बीजेपी प्रदेश कमिटी को आवेदन भी दिया था। सोनल मोदी  प्रधान  मंत्री नरेंद्र मोदी की अपनी भतीजी है और प्रहलाद मोदी की बेटी है। भाजपा ने सोनल मोदी को नगर परिषद का चुनाव लडने के लिए टिकट नहीं दिया। अगर सोनल मोदी को नगर परिषद का चुनाव लडने का टिकट दे दिया गया होता ती फिर नरेंद्र मोदी का परिवार को राजनीति और सत्ता से दूर रखने की प्रेरक राजनीति का विध्वंस हो जाता, नरेंद्र मोदी पर भी  वंशवाद और भाई भतीजा वाद का आरोप लगता। सोनल मोदी को टिकट से वंचित करने का फैसला प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का ही होगा।

........   भारतीय राजनीति की स्थिति देखिए। मोतीलाल नेहरू ने जो वंशवाद का जहर घोला था वह जहर आज देश की राजनीति  को प्रदूषित कर रहा है, उसके जहर से आम आदमी कराह रहा है, आम आदमी की राजनीति  में सहभागिता सुनिश्चित होने के मार्ग में संकट उत्पन्न हुआ है। मोतीलाल नेहरू की वंशवादी जहर जवाहर लाल नेहरू,इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी ,प्रियंका गांधी के रूप में  लोकतंत्र  को कलंकित और लहूलुहान कर रहा है। मोतीलाल नेहरू की जहर फसल आज पूरी भारतीय राजनीति में लहरा रही है। तथ्य देख लीजिए। लालू का बेटा तेजस्वी यादव, मुलायम का बेटा अखिलेश यादव, प्रकाश सिंह बादल का बेटा सुखबीर सिंह बादल, राजशेखर रेड्डी का बेटा जगन मोहन रेड्डी, देवीलाल का खानदान, करुणानिधि खानदान, शिबू सोरेन खानदान वंशवादी राजनीति के बदबूदार उदाहरण है।

....... प्रधान मंत्री पद की बात छोड़ दीजिए। साधारण विधायक, सांसद बने व्यक्ति का परिवार रातो रात सातवे आसमान पर पहुंच जाता है। चमचमाती गाडियां, आलीशान कोठी सहित सुख सुविधाओं से पूरी तरह लैस हो जाते हैं। धन की बारिश होती है। इनकी अमीरी इतनी ठसक वाली हो जाती है कि फिर गरीब को मुंह चिढ़ाती है। उनके साथ सरकारी और निजी सुरक्षा का घेरा होता है। कहने का अर्थ है कि फिर ऐसे लोग  यका एक आम से खास हो जाते है।

......तुलनात्मक अध्ययन और तथ्य यह है कि नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री है पर उनका परिवार आज भी आम ही है, साधारण जिंदगी जीते है, तड़क भड़क से दूर है, भारी सुरक्षा से दूर है। इनके भाई और परिवार के कई सदस्य पांच दस हजार की साधारण नौकरी करते हैं। मोदी के परिवार के सदस्य पेट्रोल पंप पर भी नौकरी करने से शर्म महसूस नहीं करते है। प्रधान मंत्री पद का फायदा उठाना भी मोदी परिवार को स्वीकार नहीं है।

....... नरेंद्र मोदी ने अपनी भतीजी सोनल मोदी का टिकट काटकर अपनी पार्टी ही नहीं बल्कि मोतीलाल नेहरू की वंशवादी फसल के जहर सहित सभी वंशवादी राजनीति को एक सीख और प्रेरणा दी है। इसीलिए तो नरेंद्र मोदी देश की जनता के दिलों में राज करते हैं। अगर विरोधी मोदी की इस शक्ति को समझ लेे तो फिर उनका ही भला होगा। अन्यथा मोदी तो अपराजित ही है।

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