भारत में ऑनलाइन शिक्षण (लर्निंग) को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से बसंत पंचमी के अवसर पर नीट 2.0 का शुभारंभ

 दिल्ली

शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (अभातशिप) के सहयोग से  प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग (नीट) 2.0 का शुभारंभ किया.

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (अभातशिप) सभागार में, नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में  शिक्षामंत्री,  रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ मुख्य अतिथि के रूप में रहे तथा कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद थी इनमें, अभातशिप के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे, उपाध्यक्ष प्रो. एमपी पूनिया, सदस्य सचिव राजीव कुमार और नीट (NEAT) के सीसीओ श्री बुद्ध चंद्रशेखर शामिल थे। 

नीट 2.0 के शुभारंभ के अवसर पर 48 से ज्यादा शिक्षा-तकनीक (एडटेक) से जुड़ी कंपनियों ने अभातशिप के साथ समझौता-ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। नीट के पोर्टल पर शामिल करने से पहले इन कंपनियों के 79 उत्पादों का 4 चरणों में मूल्यांकन किया गया। इससे जुड़े विशेषज्ञों ने उन उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए 2500 से ज्यादा मूल्यांकन किये। ये एडटेक कंपनियां कई श्रेणियों में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराती हैं, जैसे - उच्च बिक्री-योग्य कौशल से जुड़ी ई-सामग्री, प्रमाणीकरण पाठ्यक्रम, मूल्यांकन परीक्षा, साइकोमेट्रिक टेस्ट/ मायर्स-ब्रिग्स टाइप इंडिकेटर (एमबीटीआई) परीक्षाएं, प्रयोगशाला उपकरण, कोडिंग कौशल और परीक्षा, शिक्षण से जुड़े गेम्स, कैरियर संबंधी परामर्श, इंटर्नशिप में सहयोग, प्लेसमेंट में मदद, एप्टीट्यूड टेस्ट, संज्ञानात्मक कौशल, गणितीय कौशल, प्रबंधन, लेखांकन एवं वित्त और इंजीनियरिंग/फार्मेसी/प्रबंधन छात्रों के लिए डिग्री या डिप्लोमा से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रम।  

आपको बता दें कि नीट (NEAT) 1.0 के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान देश भर में 60 हजार से ज्यादा छात्रों को मुफ्त सीट मुहैया कराई गई थी। 

नीट 2.0 का शुभारंभ करते हुए  शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल “निशंक” ने कहा,  शिक्षा मंत्रालय और अभातशिप की ओर से यह बड़ी पहल है। मुझे आशा है कि नीट 2.0 भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक अभिनव शुरुआत है, जो लाखों विद्यार्थियों को उद्योगों की आवशयकता के अनुरूप अपने कौशलों को विकसित करने में सहायता करेगी। मुझे उम्मीद है कि नीट 2.0 भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा। इससे लाखों छात्रों को उद्योग-जगत की जरूरत के मुताबिक अपने कौशल को उन्नत करने में मदद मिलेगी। यह पहल लाखों छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है और यह आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है क्योंकि नीट से अपने देश में शुरु हुई एडुटेक कंपनियों को वैश्विक स्तर तक पहुंचने में मदद मिली है।

नीट 2.0 के शुभारंभ के बाद अभातशिप के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि ये पोर्टल भारत में ऑनलाइन शिक्षण के भविष्य में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, खास तौर पर कोरोना वायरस की महामारी के बाद उन्होंने कहा, "नीट 2.0 की शुरुआत भारतीय शैक्षणिक क्षेत्र में नई उम्मीदें पैदा कर रहा है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह पोर्टल ऑनलाइन लर्निंग में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है। नया पोर्टल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग करता है, जो छात्रों को उनके मुताबिक सीखने का मौका प्रदान करेगा, और इससे छात्रों को ज्यादा फायदा होगा।"

अपने संबोधन में  प्रोफेसर एम पी पूनिया ने बताया कि, नीट 2.0 छात्रों को एडटेक समाधानों को सत्यापित करने, एकत्र करने और वितरित करने में पूरी मदद करेगा, और इस प्रकार उन्हें अपनी तकनीकी जरुरतों का चयन करने के लिए विस्तृत विकल्प मिलेगा, जो अंतत: उनकी समग्र शिक्षा में सुधार करेगा।

अभातशिप के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने कहा, "शिक्षा का भविष्य प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ा हुआ होगा। मेरा मानना है कि उन्नत तकनीकी उपकरणों के समावेश से, शिक्षा का वो तरीका ही बदल जाएगा जिससे पहले लोग सीखा करते थे। लोगों के रोजगार के अवसरों को नीट 2.0  के जरिए बढ़ाया जा सकता है, साथ ही इससे उनके कौशल को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।”

नीट के सीसीओ बुद्ध चंद्रशेखर ने बताया कि नीट पोर्टल में 2 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया है. उन्होंने यह भी कहा कि 64940 छात्रों ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का प्रयोग  किया, और नए नीट 2.0 कार्यक्रम से आशा की जा रही है कि यह आर्थिक रूप से पिछड़े हजारों छात्रों की जरूरतें पूरी करेगा।

कोड मंत्र के सीईओ रमण टीएसवी ने कहा, “नीट 1.0 अपनी तरह की अनूठी पहल थी, जिसके जरिए देश भर के हजारों छात्रों को एडुटेक सेक्टर में मौजूद बेहतरीन टूल्स और तकनीकी प्लेटफॉर्म्स से रुबरु कराया गया।”

आंध्र प्रदेश के एक छात्र साइनाथ ने कहा, "नीट के माध्यम से, मैं एक ही प्लेटफॉर्म पर कई पाठ्यक्रमों का उपयोग करने और अपने कौशल को बढ़ाने में कामयाब हो पाया। मैं ये प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए अभातशिप (एआईसीटीई) को धन्यवाद देता हूं।“ 

पश्चिम बंगाल की एक छात्रा प्रणीता ने बताया कि नीट ने उसे अपने कौशल को बढ़ाने में प्रभावी ढंग से मदद की, क्योंकि यह पाठ्यक्रम व्यक्ति-आधारित तरीके से तैयार किया गया था।

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