सरकार के रवैये से गुस्से में किसानों, दिल्ली जाने पर अड़े, बॉर्डर जाम


- खुद पहल करें पीएम, कृषि मंत्री के साथ वार्ता से लाभ नहीं : भानु प्रताप सिंह


नोएडा। किसानों की समस्या का हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पहल करें। कृषि मंत्री के साथ वार्ता करने से किसानों का कोई भला नहीं होने वाला है। यह बात भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने शुक्रवार को बातचीत के दौरान कही।

भानु प्रताप सिंह ने कहा कि देश आजाद हो गया है, लेकिन किसान आज भी गुलाम है। पहले भारत के किसान अंग्रेजों के गुलाम थे, अब देश आजाद हुआ तो किसान नेताओं के गुलाम हो गए हैं। अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री गुलामी से मुक्त करें और उन्हें फसल का दाम तय करने का अधिकार दें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उद्योगपति अपने उत्पाद का मूल्य करता है, उसी प्रकार से किसान को भी अपनी फसल की कीमत तय करने का अधिकार होना चाहिए। किसान अपनी फसल की कीमत तय करें, उसके बाद सरकार किसान द्वारा तय किए गए मूल्य पर पर फसल को खरीदे। 

किसान नेता ने कहा कि नए कृषि कानून से कालाबाजारी बढ़ेगी। किसानों की फसल उद्योगपति पैदावार के समय सस्ते दाम में खरीद रहे हैं और उसे कोल्ड स्टोर व अपने गोदामों में रख रहे हैं। बाद में वे लोग पांच गुना अधिक दाम में खाद्य पदार्थों को बाजार में बेच रहे हैं। यही कारण है कि किसान कर्ज में डूबता जा रहा है अैर आत्महत्या कर रहा है। गांवों से पलायन हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान जिस तरह से महानगरों से प्रवासी मजदूर गांव की तरफ भागे, वे कोई और नहीं, किसानों की ही संतान हैं। प्रधानमंत्री को किसानों की समस्याओं का हल निकालना चाहिए और किसान आयोग का गठन करना चाहिए, जिसमें किसानों के प्रतिनिधि भी शामिल हों। जब तक सरकार किसान आयोग बनाकर किसानों के हित की घोषणा नहीं करती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

इस बीच, नए कृषि कानून के खिलाफ चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा भारतीय किसान यूनियन (भानु) का विरोध प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी रहा। दिल्ली व नोएडा पुलिस के लाख समझाने के बावजूद किसानों ने नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता नहीं खोला। बुधवार की देर शाम को किसानों ने दिल्ली से नोएडा आने वाला रास्ता खोल दिया था, लेकिन नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता अब भी बंद है। दिल्ली व नोएडा पुलिस के आला अधिकारी किसान नेता ठाकुर भानु प्रताप सिंह से कई दौर की वार्ता कर चुके हैं, लेकिन वह जाम खोलने को तैयार नहीं है। किसान नेता ने बताया कि केंद्र सरकार तथा किसान नेताओं के बीच शनिवार को दिल्ली में फिर वार्ता होगी। उसमें जो भी निर्णय आएगा, उसके बाद ही अगली रणनीति तय की जाएगी।

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