कोरोना काल में सुरक्षा गार्डों ने सोसायटी और आम लोगों को बेहतर तरीके से संभाला: नितिन गडकरी


नई दिल्ली। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के दो दिवसीय 30वें अन्तराष्ट्रीय आभासी (वर्चुअल) कॉन्क्लेव के दूसरे दिन केंद्र सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री  नितिन गडकरी जी ने आईआईएसएसएम के अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष सहित 650 से ऊपर प्रतिभागियों को अपने सम्बोधन में कहा कि मैं काफी प्रभावित हूं। कोविड काल में सुरक्षा-सेफ्टी प्रबंधन से जुड़े लोगों ने सराहनीय काम किया था, मैं उनको दिल से धन्यवाद देता हूं। कोरोना वायरस संकट के समय में निजी सुरक्षा गार्डों ने उद्योग जगत, आम लोगों और सोसायटी को बेहतर तरीके से संभाला।मैं आईआईएसएसएम के कार्य से प्रभावित हूं।

श्री गडकरी ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना गरीब लोगों और सोसायटी में अपना मुख्य योगदान दिया। पिछले तीन दशकों से आईआईएसएसएम संस्था ने जिस तरह से काम किया, वह काबीलेतारिफ है। कोरोना काल में काफी नकारात्मकता लोगों के दिमागों में भर गयी थी। उस विपरित परिस्थिति में सुरक्षा गार्डों ने बहुत मेहनत की, मैं इसके लिए उनका व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद करता हू। संस्था ने भारत की तरक्की में गत तीन दशकों में श्री आरके सिन्हा के नेतृत्व में बहुत अच्छा काम किया है। एक जटिल समय में आपने (आरके सिन्हा) लोगों को रोजगार दिया, मैं इसके लिए व्यक्तिगत आपको धन्यवाद देता हूं। मैं आरके सिन्हा के जज्बे को जानता हूं, उन्होंने अपनी शुरुआत शून्य से की और आज इस क्षेत्र के दिग्गज हैं। आईआईएसएसएम सुरक्षा क्षेत्र में उच्चस्तरीय सक्षम लोगों को तैयार करती है।

अपने सम्बोधन के आखिर में गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल  की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘कदम से कदम मिलाकर चलना होगा, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है, हम होंगे कामयाब।

*-कोविड काल में सुरक्षा चुनौती बनी है इसे अवसर में बदलकर ही हम इसे हरा सकते:आरके सिंह*

आईआईएसएसएम के 30वें कॉन्क्लेव के दूसरे दिन शनिवार को मुख्य अतिथि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सह बिहार के आरा से भाजपा सांसद  आरके सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में देश सहित पूरी दुनिया के लिए सुरक्षा एक चुनौती बनकर उभरी है। इस चुनौती को अवसर में बदलकर ही हमें इसे हरा सकते हैं।  

केंद्रीय मंत्री  आरके सिंह ने कहा कि चूंकी मैं केंद्र सरकार में ऊर्जा मंत्री हूं,वर्तमान चुनौती को हमारे विभाग ने अवसर में बदला है। पॉवर सिस्टम के बिना कोई आधारभूत संरचना की कल्पना नहीं की जा सकती है। कोविड-19 काल में पॉवर सिस्टम को दुरुस्त रखना एक चुनौती थी, लेकिन हमारे विभाग ने अपनी मेहनत और लगन से इसे अवसर में बदल दिया।

 आरके सिंह ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ने गत के कुछ वर्षों में 142 लाख ग्रीड लाइट को लगाया है, पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक, 372 लाख मेगावार्ट क्षमता के साथ अपने पड़ोसी देश को बिजली की आपूर्ति हम आज कर रहे हैं। 1000 गांव बिजली से नहीं जुड़े थे, जिसमें राजस्थान, अरुणाचल और लद्दाख के गांव थे। दो करोड़ से ऊपर घरों में हमने गत तीन वर्षों में बिजली को पहुंचाया है। यह पूरी दुनिया में एक उदाहरण है। साइबर सुरक्षा एक बड़ा चैलेंज है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे है। यह हमारे पीएम की दूरदर्शिता का नतीजा है। 2030 में 40 प्रतिशत पॉवर नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त होगा। आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। हमारी अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट रही है, जिसका जीता-जागता उदाहरण है लगातार पॉवर की खपत का बढ़ना। गत चार वर्षों में पॉवर क्षेत्र में 1 लाख करोड़ का निवेश किया है हमारी  सरका ने ।,बिजली वितरण को सुचारु रुप से रखने के लिए।

*-आईआईएसएसएम नॉन प्राफिट सोसोयटी होते हुए भी स्कील का विस्तार कर रही*

 केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  अर्जुन राम मेघवाल  ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के दो दिवसीय 30वें अन्तराष्ट्रीय आभासी (वर्चुअल) कॉन्क्लेव के दूसरे दिन कहा कि सुरक्षा के बीच का यह काम केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक के काम में आता है। इस तरह का सेमिनार जो होता है, वह केंद्र सरकार के लिए ही नहीं सबके लिए उपयोगी है। 

उन्होंने कहा कि आज का टॉपिक “कोविड-19 फार्म सर्वाइवल टू रिवाइवल: इमर्जिंग पैराडाइज इन सिक्योरिटी एंड सेफ्टी सर्विसेज” अपने आपमें बहुत महत्वपूर्ण है। सारी कहानी गाथा यह कह देता है। कोविड काल में भी तकनीकि के माध्यम से हम आज इस कार्यक्रम में एकसाथ हैं, यह अवसर में बदलना ही है। यह नॉन प्राफिट सोसायटी होते हुए नए-नए प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा स्कील का विस्तार कर रही है। देश के लिए इसी तरह अपना काम ईमानदारी से करते रहें, यही मेरी शुभकामनाएं है।

*-सुरक्षा इंडस्ट्री को भी अपनी क्षमता का विस्तार करते हुए काम करना होगा*

केंद्रीय आवास और शहरी तथा नागरिक उड्डयन मंत्री  हरदीप सिंह पुरी ने आईआईएसएसएम के दूसरे दिन अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना ने देश के सभी इंडस्ट्री को काफी नुकसान पहुंचाया। हालांकि इसने नए-नए अवसरों को भी जन्म दिया। हमें आत्मनिर्भर भारत का सपना सकार करना है, जो हमारे प्रधानमंत्री का विजन है। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री  अशोक गहलौत ने भी पत्र भेजकर अपनी शुभकामनाएं दी।

*निजी सुरक्षा एजेंसी ने उच्च तकनीक की मदद से सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किया है*

कार्यक्रम के दूसरे हॉफ में जम्मू कश्मीर के  उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने अपने सम्बोधन में कहा कि गत दो दशकों में सरकार, निजी सुरक्षा एजेंसी ने उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर इस क्षेत्र में बहुत काम किया है। कोरोना काल में लोगों के स्वास्थ और इंडस्ट्री को जब सबसे ज्यादा जरुरत थी तो इस क्षेत्र के पेशेवरों ने आगे बढ़कर काम किया, और सोसायटी, इंडस्ट्री और आम लोगों की सुरक्षा बेहतर तरीके से की। मार्च 2020 में कोरोना वायरस की भयवहता को समझते हुए हमारे दूरदर्शी माननीय प्रधानमंत्री ने जो काम किया उसका नतीजा है कि 135 करोड़ की आबादी वाले इस देश में जानमाल का नुकसान अन्य विकसीत देशों के मुकाबले कम रहा।

सेफ्टी के क्षेत्र में आईआईएसएसएम वैज्ञानिक तरीके से काम कर रही है

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि हिमाचल के राज्यपाल श्री बण्डारू दत्तारेय ने कहा कि सेफ्टी के क्षेत्र में आईआईएसएसएम वैज्ञानिक तरीके से काम कर रही है। सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना गरीब लोगों और सोसायटी में अपना मुख्य योगदान दिया। पिछले तीन दशकों से आईआईएसएसएम संस्था ने जिस तरह से काम किया, वह काबीलेतारिफ है। कोरोना काल में काफी नकारात्मकता लोगों के दिमागों में भर गयी थी। इसका लाभ पूरे देश को ही नहीं, अपितु वैश्विक दुनिया को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बहुत सारे चुनौती आई तो अवसर भी आए है।

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