काशी के युवा ने नोएडा में बनाया वंदे भारत ब्राउजर , चीनी एप यूसी ब्राउजर से अधिक प्रभावी

नोएडा। नोएडा को कर्मभूमि कहने वाले काशी के मूलनिवासी देवानंद पांडे ने कहा कि उन्होंने यूसी ब्राउजर की तरह अपना वंदे भारत ब्राउजर बनाया है। उन्होंने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ भारत सरकार ने चीन के बहुत सारे एप को बंद करा दिया है। इससे सीमा पर तनातनी के कारण चीन के प्रति भारतीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था और लोग सोशल मीडिया पर चीन का विरोध कर रहे थे।


सेक्टर 29 स्थित मीडिया क्लब में मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवानंद पांडे ने बताया कि भारत सरकार का यह फैसला सामरिक ही नहीं, अपितु आर्थिक दृष्टिकोण से भी बहुत प्रभावी है। इसके साथ ही भारत को इस दिशा में प्रगति करते हुए आत्मनिर्भर बनाने का सुनहरा मौका भी हाथ आया है।


उन्होंने बताया कि चाइनीज एप के उपयोग से भारतीयों को बचना चाहिए क्योंकि चाइनीज कंपनी चाइनीस एप के माध्यम से भारतीय उपयोगकर्ताओं का डाटा चुराकर भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करते थे। भारत सरकार ने यूसी ब्राउजर सहित 59 चाइनीज एप पर 29 जून को प्रतिबंध लगाया है। इसके कारण भारतीय युवाओं को एप बनाने का प्रोत्साहन मिला है।


गौरतलब है कि वाराणसी की डिजिटल मार्केटिंग कंपनी डीगी ग्लोबस और एसआर ग्लोबस ने देश की जनता के सामने वंदे भारत ब्रोशर रखा है। देवानंद पांडे का दावा है कि वंदे भारत ब्राउजर यूसी ब्राउजर से अधिक प्रभावी है। यह ब्राउजर पूरी तरह भारतीय है और यह किसी भी डेटा को संरक्षित नहीं करता, जिससे गोपनीयता बनी रहती है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता इस प्लेटफार्म पर संचालित होने वाले विज्ञापनों को बंद कर सकता है।



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