ऑक्सिरिस फिल्टर को सीडीएससीओ की मिली मंजूरी : रविंदर डांग

कोविड-19 से लड़ने में उपयोगी साबित होगी ऑक्सीरिस 


नोएडा। बैक्सटर इंडिया ऑक्सिरिस रक्त शोधन फिल्टर के इस्तेमाल की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से अनुमति मिल गयी है। ऑक्सिरिस रक्त शोधन फिल्टर का इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के मरीजों में रक्त शुद्धि की आवश्यकता के लिए नियत किया गया है, जहां अत्यधिक इन्फ्लैमेटरी मिडिएटर्स/ सूजन उत्पन्न करने वाले मध्यस्थ मौजूद होते हैं यानी साइटोकाइन स्ट्रॉम रिलीज होता है।


कंपनी के वीपी रविंदर डांग ने बताया कि भारत में कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामले हमारी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर दबाव डाल रहे हैं। यह अनुमोदन एक बहुत ही निर्णायक समय पर आया है, जब स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर अत्यधिक दबाव को कम करने के लिए ऐसे फिल्टर की आवश्यकता होती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऑक्सीरिस की उपलब्धता, भारत में कोविड-19 के मामलों से लड़ने में उपयोगी साबित होगी। 


कोविड-19 के गंभीर मामलों में साइटोकाइन स्टार्म सामान्य प्रतीत होता है। यह एक छत्र शब्दावली है, जिसमें विशाल मात्रा में साइटोकाइन रिलीज होता है। यानि प्रतिरक्षा प्रोटीन, जिसके कारण इसमें कईं अंग सम्मिलित हो सकते हैं। साइटोकाइन स्टार्म जीवन के लिए घातक हो सकता है और इसमें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के 67 प्रतिशत मरीज फेफड़ों के अलावा एडिशनल आर्गेन डिसफंक्शन सिंड्रोम के शिकार/से ग्रस्त हो सकते हैं  जो कि साइटोकाइन के उच्च स्तर से प्रेरित हो सकते हैं।


रक्तशोधन थेरेपी के दौरान रोगी का रक्त ऑक्सीजन फिल्टर से होकर गुजरता है, जहां वह रोगी के रक्त को शरीर में लौटाने से पहले, सूजन उत्पन्न करने वाले मध्यस्थों, द्रव, इलेत्ट्रोलाइट्स और यूरीमिक विषाक्त पदार्थों को अवशोषित कर सकता है। 


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