एक लाख करोड़ के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी,रबी में 152 मिलियन टन पैदावार, खरीफ की बुआई पिछली बार से 88 प्रतिशत ज्यादा

फंड के माध्यम से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलने से कृषि व ग्रामीण क्षेत्र का होगा चहुंमुखी विकास


75 लाख किसानों को मिला केसीसी, और ढाई करोड़ किसान भी कवर होंगे - श्री तोमर


पीएम-किसान योजना के अंतर्गत 10 करोड़ किसानों को 20 हजार करोड़ रू. जारी


प्रधानमंत्री जब भी कोई योजना बनाते हैं तो कृषि-ग्रामीण क्षेत्र का विशेष ध्यान रखते हैं- तोमर


आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत दो नए अध्यादेश लाना साहसिक कदम- केंद्रीय मंत्री तोमर


नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणानुरूप एक लाख करोड़ रूपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुए फैसले के कारण, इस फंड के माध्यम से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलने से कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए देशभर में अधोसंरचना विकसित होगी, जिससे कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।


पत्रकार वार्ता में श्री तोमर के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री  प्रकाश जावड़ेकर व कृषि सचिव  संजय अग्रवाल मौजूद थे। श्री तोमर ने बताया कोरोना वायरस के संकट के दौर में कृषि का क्षेत्र और ताकतवर बनकर उभरा है। लाकडाउन की स्थिति में अन्य गतिविधियां लगभग बंद थी, लेकिन कृषि का क्षेत्र अपनी गति से काम कर रहा था। किसानों ने किसी भी प्रकार से इस क्षेत्र में नुकसान होने का अवसर प्रदान नहीं किया। रबी फसल की दृष्टि से देंखे तो गत वर्ष 144 मिलियन टन पैदावार हुई थी और इस बार 152 मिलियन टन पैदावार हुई है। खरीफ की बुआई अभी चल रही है जो इस बार अभी तक 432.97 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है व पिछले साल से 202 लाख हैक्टेयर (88 प्रतिशत) ज्यादा है और अभी बुआई चल ही रही है। कुल मिलाकर, रबी में पहले से अधिक पैदावार करना, उसका उपार्जन करना, बाकी सारी व्यवस्थाएं बनाना और ग्रीष्म ऋतु व खरीफ की फसलों में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होना, ये सब कृषि क्षेत्र की ताकत का परिचायक है। इसलिए, प्रधानमंत्रीजी जब भी कोई योजना बनाते हैं तो उसमें कृषि व ग्रामीण क्षेत्र का विशेष ध्यान रखते हैं।


      श्री तोमर ने प्रधानमंत्री जी का आभार जताते हुए कहा कि पिछले दिनों जब आत्मनिर्भर भारत पैकेज की भी उन्होंने घोषणा की तो कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का प्राथमिकता से ध्यान रखा। आत्मनिर्भर पैकेज की जब घोषणा हुई तो देशभर में एक अलग प्रकार की ऊर्जा का कृषि व ग्रामीण क्षेत्र में संचार हुआ। प्रधानमंत्री जी ने सिर्फ घोषणा ही नहीं की, उन्होंने जो कल्पना की, उसे मूर्त रूप देने का काम भी भारत सरकार ने त्वरित गति से प्रारंभ कर दिया। पिछले दिनों दो अध्यादेश जारी हुए, यह इसी दिशा में बढ़ता हुआ एक कदम है। किसान उत्पाद व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) अध्‍यादेश तथा मूल्‍य आश्‍वासन और कृषि सेवाओं के करारों के लिए किसानों का सशक्‍तिकरण और संरक्षण अध्‍यादेश, ये दोनों का 5 जून को निर्णय हुआ। ये दोनों ऐसे अध्यादेश है कि सामान्य तौर पर लोग सोचते तो होंगे, लेकिन इस दिशा में साहस नहीं कर पाएं, लेकिन आत्मनिर्भर पैकेज के अंतर्गत इन दोनों अध्यादेशों को मूर्त रूप दे दिया गया है।


श्री तोमर ने कहा कि पूरे देश में कृषि फायदे में आएं और जो छोटे किसान है, उनकी ताकत बढ़े, उत्पादन में भी ताकत बढ़े, उत्पादकता में भी ताकत बढ़े, विपणन की दृष्टि से भी उन्हें अच्छे प्लेटफार्म मिलें और वो प्रोसेसिंग में जाएं, पैकेजिंग में जाएं, इसके लिए 10 हजार कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की थी और प्रसन्नता की बात है कि मंत्रिपरिषद् ने उसे पारित कर दिया और विभाग ने भी उसकी गाइडलाइंस बनाकर जारी कर दी है।


श्री तोमर ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड की बात भी आत्मनिर्भर पैकेज में कही थी, 75 लाख नए किसानों को केसीसी दे दिया गया है। और ढाई करोड़ किसानों को इसमें कवर किया जाना है। अभियान के माध्यम से यह कार्य पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत 10 करोड़ किसानों को 20 हजार करोड़ रू. जारी कर दिए गए हैं।


केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि आत्मनिर्भर पैकेज में एक महत्वपूर्ण घोषणा थी- कृषि अधोसंरचना गांव-गांव में खड़ी हों, किसान अपना उत्पादन ठीक प्रकार से रख सकें, रोकना चाहे तो रोक सकें, जब उपयुक्त अवसर व उचित कीमत मिलें तब वे उसे बेच सकें, इन सबके लिए आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कैबिनेट ने एक लाख करोड़ रू. के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की पूरी परियोजना को भी आज स्वीकृति दे दी है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का सृजन भी होगा, यह पैकेज इसका माध्यम बनेगा। यह योजना भारत के कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने में सहायक होगी। इस परियोजना में एक लाख करोड़ रू. के ऋण दिए जाएंगे। प्रोजेक्ट कितनी भी राशि के बनाए जा सकते हैं, लेकिन इनमें दो करोड़ रू. ऋण राशि तक क्रेडिट गारंटी व उस पर ब्याज में तीन प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।


श्री तोमर ने बताया कि इस फंड में पूरी तरह पारदर्शिता रहे, इसके लिए आनलाइन प्लेटफार्म बनाए जाएंगे, योजना की अवधि दस साल होगी, इससे निश्चित रूप से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। इसमें अनेक योजनाओं को शामिल किया गया है। इन सभी परियोजनाओं का लाभ निचले स्तर तक वास्तव में पहुंच सकें, इसके लिए केंद्र सरकार आवश्यक तकनीकी समर्थन भी देगी। इस प्रकार की अधोसंरचनाएं खड़ी होने से निश्चित रूप से किसानों को बहुत फायदा होगा। यह एक लाख करोड़ रू. का पैकेज कृषि उपज को नुकसान से भी बचाएंगा, किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल पाएं यह सुनिश्चित करेगा, नीचे तक प्रोसेसिंग इकाइयां पहुंचेगी, गांवों में बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर सृजित करने में भी सहायक होगा। यह पूरी योजना कृषि की अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने के लिए ऐतिहासिक परियोजना है, जिसके लिए श्री तोमर ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद और किसानों को बधाई दी।


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