लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेलों के द्वारा ई-ऑफिस का किया गया दोगुना उपयोग
नई दिल्ली
96112 रेलवे अधिकारी अब मैन्युअल फाइलों के स्थान पर,एनआईसी ई-ऑफ़िस के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर कार्य करने में सक्षम हैं, और लॉकडाउन पूर्व और लॉकडाउन के दौरान क्रमश: ई-फाइलों की संख्या 1.30 लाख से बढ़कर 2.70 और ई-प्राप्तियों की संख्या4.5 लाख से बढ़कर7लाख अर्थात् ई-ऑफिस का उपयोग दोगुनाहो गयाहै। डिजिटल फाइलिंग का उपयोग तेजी से बढ़ने के साथ, भारतीय रेलवे पेपररहितऑफिस कल्चर को अपनाने में फास्ट ट्रैक पर है जो न केवल परिचालन लागत को बचाएगा बल्कि कार्बन फुट प्रिंट को भी कम करेगा।
ई-ऑफिस की उपलब्धता की बदौलत, रेलवे के अधिकांश फ़ाइल संबंधी कार्य कार्यालयों में भौतिक उपस्थिति के बिना सुचारू रूप से जारी रह सकते हैं, जो इससंकट के समय में एक वरदान है। रेलटेल ने रेलवे के अधिकारियों को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क कनेक्शन भी उपलब्ध कराए हैं, ताकि वे फ़ाइल कार्यों को दूरस्थ रहकर भी संसाधित करने में सक्षम हो सकें।
रेलटेल, जोरेल मंत्रालय के अधीन एक मिनीरत्न पीएसयू है, ने दो चरणों में भारतीय रेलों के (क्षेत्रीय मुख्यालयों, मंडलों, केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, उत्पादन इकाइयों, कारखानों आदि) 106संस्थापनाओं के 96112 रेलवे अधिकारियों के लिए एनआईसीई-ऑफिस सुइट क्रियान्वितकिया है जिसने घर से कार्य करने की संस्कृति को सक्षम बनाने का कार्य किया है।रेलटेल कीटीम द्वारा रेलवे के अधिकारियों को ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म को कुशलतापूर्वक संभालने और उन्हें मैनुअल फाइल सिस्टम का उपयोग करने की आदत छोड़ने के लिए कठोर प्रशिक्षण भीउपलब्ध कराया गया है।
एनआईसी ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित एक क्लाउड सक्षम सॉफ्टवेयर है जिसे सिकंदराबाद और गुरुग्राम में स्थितरेलटेल टीयर III अपटाईम यूएसए प्रमाणित डेटा केंद्रों से डिप्लाय / होस्ट किया जा रहा है।फाइलों का त्वरित और व्यवस्थित निपटान, लंबित फाइलों की समय पर निगरानी एनआईसी ई-ऑफिस के अन्य तात्कालिक लाभ हैं। उपरोक्त लाभों के साथ, भारतीय रेलें जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कार्य संस्कृति को बदलने का एक सक्रिय प्रयास कर रही है।