रेलटेल द्वारा संकट के दौरान दूरसंचार व ब्रॉडबैंड नेटवर्क चालू
New Delhi
COVID19 महामारी की लहर ने कठोराघात किया है और इस बीमारी से निपटने के लिए, पूरे देश ने सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए एक अभूतपूर्व तालाबंदी (लाक डाउन) कर दी है। हालांकि, कार्य की प्रकृति के चलते , रेलटेल जोकि रेल मंत्रालय के अन्तर्गत एक मिनीरत्न पीएसयू है ने अपने क्लाइंट को टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेलवे संचार और होम ब्रॉडबैंड की आवश्यक सेवा प्रदान करने को जारी रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण क़दम उठाये हैं।
देश में तालाबंदी(लाक डाउन) के पहले ही रेलटेल ने सरकार की सलाह का अनुपालन करते हुए ऑफिस में कम से कम कार्यबल से कार्य चालू रखने के लिए कर्मचारियों का रोस्टर तैयार किया गया और शेष कर्मचारी घर से कार्य कर रहे थे। रेलटेल कार्यालयों में स्वच्छता और सफ़ाई हमेशा सर्वोपरि रहे हैं लेकिन COVID19 के फैलने के चलते , दिन के दौरान फर्श एवं ऊपरी सतहों की सफाई और उन्हें कीटाणुरहित करने जैसे अतिरिक्त उपाय, कार्यालय परिसर में सैनिटाइज़र, सभी कर्मचारियों एवं आगंतुक के लिए प्रवेश द्वार पर तापमान की जांच करना रेलटेल के कार्यालयों कार्यप्रणाली का हिस्सा बन गया है . रेलटेल ने पहले ही एनआईसी ई-ऑफिस को अपना लिया था और इसका अधिकांश काम डिजिटल प्लेटफॉर्म में किया जा रहा था, इसलिए जब घर से काम करना समय की जरूरत बन गया, तब रेलटेल इसके लिए तैयार था और ट्रांज़िशन तेज और सुचारू सुचारु रूप से हुआ । सभी कर्मचारियों को रेलटेल के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क की सुविधा प्रदान की गई जिसके माध्यम से वे ई-ऑफिस, ईआरपी, इंट्रानेट प्लेटफार्मों का दूर से उपयोग कर सकते हैं ताकि नियमित काम में बाधा न आए।
सभी सावधनी बरतने और सभी आवश्यक कार्यों को चालू रखने के अलावा, भारत में COVID 19 विश्वव्यापी महामारी से लड़ने के नेक काम में सहयोग के लिए, रेलटेल ने, वित्त वर्ष 19-20 के सीएसआर फंड से प्रधान मंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति राहत निधि (PM- CARES फंड) में 2 करोड़ रूपए की राशि का योगदान दिया है। इसके अलावा इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए, रेलटेल कर्मचारियों ने एक दिन के वेतन बराबर 15.5 लाख रुपये की राशि का स्वैच्छिक योगदान दिया है।