*कोरोना वायरस के सन्दर्भ में व्यापार एवं लघु उद्योग ने सरकार से राहत पैकेज देने का आग्रह किया* 

नोएडा


कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) द्वारा नई दिल्ली में आज आयोजित "कोरोना वायरस- इम्पैक्ट ऑन ट्रेड एंड स्मॉल इंडस्ट्रीज" पर एक राष्ट्रीय सेमिनार में विभिन्न व्यापार क्षेत्रों और लघु उद्योग के संगठनों के नेताओं ने एकमत से केंद्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी को रोकने के लिए  उठाए गए कदमों की सराहना की जिसके परिणामस्वरूप दुनिया भर के अन्य देशों की तुलना में भारत में इस वायरस के संक्रमित मामले बेहद कम हैं । सेमिनार में इस बात पर भी बल दिया गया की  कोरोना वायरस को लेकर देश भर में जो भय एवं दहशत का माहौल बना हुआ है उसको कम किया जाना बेहद जरूरी है ! हालांकि, सेमिनार का यह भी विचार था कि आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावी ढंग से और निर्बाध बनाए रखने के लिए तथा  घरेलू लघु उद्योगों को अधिक उत्पादन करने और उत्पादन की अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सेमिनार में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव में सरकार से व्यापार और लघु उद्योग दोनों को राजकोषीय, वित्तीय और कराधान प्रोत्साहन प्रदान करने का आग्रह किया गया जिससे कोरोना वायरस का कोई विशेष प्रभाव देश की आपूर्ति श्रंखला पर न पड़े ! सेमिनार की अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया ने की और इसमें मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, केमिकल, मार्बल, आयरन एंड स्टील, ऑटोमोबाइल, केमिकल, टेक्सटाइल , निर्यातकों आदि विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं ने भाग लिया!


एमएसएमई फोरम के अध्यक्ष श्री रजनीश गोयनका ने कोरोना वायरस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एमएसएमई सेक्टर काफी हद तक अपने कच्चे माल के लिए चीन और अन्य देशों पर निर्भर है, लेकिन अगर सरकार फंडिंग और कुछ प्रोत्साहन प्रदान करती है, तो एमएसएमई क्षेत्र आत्म निर्भर बन सकता है।फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाईजेशन के श्री अजय सहाय ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था घरेलू बाजार से प्रेरित है लेकिन अभी भी वैश्विक गड़बड़ी घरेलू निर्यात को प्रभावित करती है। भारत को खाद्य उत्पादों और खाद्य पदार्थों जैसे चाय, टोबैको, समुद्री भोजन, मसालों आदि के निर्यात में तेजी लाते हुए वर्तमान स्तिथि का लाभ उठाना चाहिए। यह घरेलू उत्पादन को बढ़ाने का समय है। निर्यात का वित्तीय चक्र बड़ा है और इसलिए निर्यात बिक्री पर ऋण अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री पंकज मोहिन्द्रू ने कहा कि मोबाइल सेक्टर में घरेलू उत्पादन में 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, लेकिन मोबाइल हैंडसेट की कमी के कारण मैन्युफैक्चरर्स के पास मौजूद पुराना स्टॉक इस पीरियड में निकल गया है ! कपड़ा क्षेत्र के सुरेश बिंदल ने कहा कि भारतीय कपड़ा बाजार बांग्लादेश, श्रीलंका और वियतनाम से चुनौतियों का सामना कर रहा है। उनसे मुकाबला करने के लिए, भारत को वस्त्र के क्षेत्र में अत्याधुनिक अंतर्राष्ट्रीय तकनीक विकसित करनी होगी। फेरो अलॉयज डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नरेश रावत ने कहा कि सरकार की नीति के अनुसार, सिंगापुर और मलेशिया से 4-5 दिनों के लिए वास्तविक यात्रा अवधि के बजाय 14 दिनों के लिए कार्गो की अवधि बढ़ाने के बाद सभी आयातों को मंजूरी दी जाती है । इस प्रतिबंध के मद्देनजर, आयातकों को भारी क्षतिपूर्ति और शिपिंग शुल्क देना पड़ता है जिसे सरकार द्वारा हटा दिया जाना चाहिए। मार्बल उद्योग से श्री सुमित अग्रवाल ने चीन और इटली दोनों में बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की जहाँ से लगभग 75% मार्बल की घरेलू मांग पूरी होती है । मार्बल व्यापार की सोर्सिंग के लिए इन दोनों देशों की व्यक्तिगत यात्रा की आवश्यकता होती है और दोनों देशों में खराब स्थिति और सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंधों के कारण देश भर में  लगभग 1500 प्रसंस्करण इकाइयों से युक्त मार्बल व्यापार एक महीने बाद बंद होने की संभावना है। व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों के कई अन्य नेताओं ने समान भावनाओं को रखा !


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सेमिनार में व्यापार और लघु उद्योग की जमीनी हकीकत पर चर्चा हुई !सेमिनार की सिफारिशों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार को विदेशों में भारतीय मिशनों के माध्यम से विभिन्न देशों के संभावित खरीदारों के साथ भारतीय निर्यातकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि सभी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों को निलंबित कर दिया गया है। भारत में सभी विदेशी यात्रियों पर प्रतिबंध के बजाय भारतीय व्यापार और उद्योग की सहायता के लिए और चल रहे परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अनुसंधान और विकास कार्यों में शामिल होने वाले टेक्नोक्रेट को चुनिंदा अनुमति दी जा सकती है।


श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने सरकार से आग्रह किया की कोरोना वायरस से निबटने के लिए सरकार तथा व्यापार और लघु उद्योगों के बीच घनिष्ठ समन्वय होना जरूरी है वहीँ रिज़र्व बैंक को व्यापार एवं लघु उद्योग को एक मौद्रिक प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए! केंद्र सरकार और राज्य सरकार को गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस को मजबूत करने के माध्यम से व्यापारियों एवं उद्यमियों को बैंकों से वित्तीय प्रोत्साहन मिलना चाहिए ! रिज़र्व बैंक और सरकार बैंकों को कुल स्वीकृत क़र्ज़ सीमा के 7% तक कोरोना नकद ऋण प्रदान करने के लिए निर्देशित करना चाहिए  जिसे हर महीने नकद सीमा का 1% कम किया जाना चाहिए और लिया करोना ऋण खाता 7 महीने की अवधि में समाप्त होना चाहिए ! दोनों व्यापारी नेताओं ने आग्रह किया की सभी प्रकार के करों की पालना और सभी प्रकार की बैंकों की मासिक किश्त को 30 जून तक स्थगित किया जाए ।


श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने सरकार से यह भी आग्रह किया की कैश ब्रिज लोन राशि की गणना फंड और नॉन फंड आधारित सीमा दोनों पर की जानी चाहिए। क़र्ज़ लेने वाली कंपनी की मांग के अधीन स्वचालित ऋण की स्वीकृति भी की जाए ! सभी बैंक ऋण किस्तों को 12 महीने के लिए निलंबित कर दिया जाना चाहिए। घरेलू उद्योगों को घरेलू मांग को पूरा करने के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए उदारतापूर्वक वित्त दिया जाना चाहिए। 
भारत से निर्यात को और अधिक प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। घरेलू उत्पादन में तेजी लाने और निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा कर लाभ के पैकेज की घोषणा हो उद्योग और आयातकों को आवश्यक सामग्री के वैकल्पिक स्रोतों का पता लगाने के लिए तुरंत प्रयास करना चाहिए। घरेलू उत्पादन को बढ़ाया जाना चाहिए और पर्याप्त उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक इकाइयों के पास पड़ी अतिरिक्त क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए।


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