नई दिल्ली में 13 से 23 फरवरी तक "हुनरहाट
"कौशल को काम" थीम पर आधारित यह'हुनर हाट" 13 फरवरी से 23 फरवरी 2020 तकआयोजित किया जा रहा है जहाँ देश भर के "हुनरके उस्ताद" दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भागले रहे हैं जिनमे 50 प्रतिशत से अधिक महिलादस्तकार शामिल हैं।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवंभारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष डॉविनय सहस्रबुद्धे; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव प्रमोद कुमार दास; विभिन्न देशों केराजनयिक; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एवं अन्यविभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी एवं देश-विदेश से गणमान्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर पीयूष गोयल ने कहा कि "हुनर हाट" से देश की पारम्परिक विरासत कोराष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल रही है। अगरकिसी को भारत की संस्कृति की झलक देखनी होतो उसे "हुनर हाट" का भ्रमण करना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि "हुनर हाट" ने कईविलुप्त हो रही कला/क्राफ्ट को पुनर्जीवित कियाहै। "हुनर हाट", देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारोंको मौका-मार्किट मुहैया कराने का मजबूतअभियान है। वाणिज्य-उद्योग मंत्रालय;अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एवं जन जातीय कार्यमंत्रालय स्वदेशी "हुनर के उस्ताद" दस्तकारों,शिल्पकारों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजार मुहैयाकराने के लिए समन्वय के साथ कार्य करेंगे।
श्री विनय सहस्रबुद्धे ने कहा किअल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय "कौशल को काम" केमिशन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण काम कररहा है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्;अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ इस दिशा मेंमिल कर काम करेगा।
श्री नकवी ने इस अवसर पर कहा कि देशभर के दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों के"स्वदेशी विरासत के सशक्तिकरण" का "मेगामिशन" साबित हो रहा है "हुनर हाट"।
श्री नकवी ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यककार्य मंत्रालय, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी केदेश की विरासत को मौका-मार्किट मुहैया कराने के"ड्रीम प्रोजेक्ट" को मजबूत कर रहा है। केंद्रीयअल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश के कोने-कोने केहुनरमंदों की शानदार विरासत का संरक्षण करनेएवं उन्हें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मार्किट उपलब्धकराने का ऐतिहासिक कार्य कर रहा है।
श्री नकवी ने कहा कि पिछले लगभग 3वर्षों में "हुनर हाट" के माध्यम से लगभग 3 लाखदस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोजगारऔर रोजगार के मौके उपलब्ध कराये गए हैं।इनमे बड़ी संख्या में देश भर की महिला दस्तकारभी शामिल हैं।
इससे पहले दिल्ली, मुंबई, प्रयागराज,लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुदूचेरी,इंदौर आदि स्थानों पर "हुनर हाट" आयोजित किएजा चुके हैं। अगले "हुनर हाट" का आयोजन रांचीमें (29 फरवरी से 8 मार्च, 2020), चंडीगढ़ में 13मार्च से 22 मार्च, 2020 तक आयोजित कियाजाएगा। आने वाले दिनों में "हुनर हाट" काआयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता,देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, पुडुचेर्री,अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी,भुबनेश्वर, अजमेर आदि में किया जायेगा।
नई दिल्ली में आयोजित किये जा रहे"हुनर हाट" में 250 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैंजिनमें देश भर से दस्तकार, शिल्पकार, खानसामेभाग ले रहे हैं जो देश के कोने-कोने के स्वदेशीहस्तशिल्प और हथकरघा के शानदार स्वदेशीउत्पाद अपने साथ लाये हैं। इन दुर्लभ स्वदेशीउत्पादों के उत्पादन में हर एक कारीगर, दस्तकारके साथ सैंकड़ों लोग शामिल होते हैं। यहाँविभिन्न राज्यों के पारंपरिक लज़ीज़ पकवान भी"बावर्चीखाने" सेक्शन में अपनी सुगंध बिखेर रहेहैं। इसके अलावा रोजाना होने वाले सांस्कृतिककार्यक्रम लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगे।