अम्बेडकर के अनुसार अपना उद्धार स्वयं करने के लायक बन जाए, जिसके लिए बी.एस.पी मूवमेन्ट एकमात्र सबसे बड़ा व शक्तिशाली माध्यम : मायावती

नई दिल्ली: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में बी.एस.पी. द्वारा देश के संविधान निर्माता भारतरत्न बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर आज देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों/संगोष्ठी व उनकी मूर्ति पर पुष्पांजलि/माल्यार्पण आदि के माध्यम से भावभीनी श्रद्धांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया तथा देश में उनकी मावनतावादी सोच पर आधारित जाति-मुक्त समतामूलक समाज स्थापित करने के संकल्प को दोहराया गया।
देश में गरीबों व बहुजनों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की प्रतीक सुश्री मायावती जी ने    बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश कार्यालय 12 माल एवेन्यू में आज प्रातः बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की ऊँची प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ लोग भी इस असवर पर मौजूद थे, जबकि उत्तर प्रदेश के विभिन्न मण्डलों में जनभागीदारी वाले कार्यक्रम/संगोष्ठी आयोजित किये गये तथा खासकर लखनऊ मण्डल के बी.एस.पी. के लोगों ने    बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित भव्य व ऐतिहासिक डा. अम्बेडकर सामाजिक परिर्वतन स्थल, गोमती नगर, लखनऊ स्थित गुम्बदाकार डा. भीमराव अम्बेडकर स्मारक में वहाँ लिंकनमुद्रा में स्थापित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि व माल्यार्पण आदि के माध्यम से उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया और उनकी सोच व उनके नक्शेकदम पर चलने का प्रयास करने का संकल्प दोहराया।
इसी प्रकार के संगोष्ठी व श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम पूरे देशभर में बी.एस.पी. के सौजन्य से आयोजित किए गए तथा बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के बताये हुये रास्ते पर चलकर सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए संघर्ष अनवरत् जारी रखने का भी संकल्प दोहराया गया ताकि बहुजन समाज किसी अन्य का मोहताज न होकर बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कथनानुसार अपना उद्धार (भला) स्वयं करने के लायक बन जाए जिसके लिए बी.एस.पी मूवमेन्ट एकमात्र सबसे बड़ा व शक्तिशाली माध्यम है।



सुश्री मायावती जी ने देशभर में बी.एस.पी. के कार्यकर्ताओं व परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के अनुयाइयों का इसके लिए तहेदिल से शुक्रिया/धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि बाबा साहेब का मानवतावादी संविधान अगर इस देश में सही व सच्ची नीयत व नीति तथा पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ लागू किया गया होता तो पिछले 70 वर्षें में देश के बहुसंख्यक समाज में सर्वसमाज के गरीबों, शोषितों, पीड़ितों का दुःख-दर्द, शोषण-उत्पीड़न व गरीबी व उपेक्षा आदि काफी हद तक दूर हो गया होता और भारत एक चिन्ता-मुक्त अग्रणी देश बन गया होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसके लिए अब तक केन्द्र में रही विभिन्न पार्टियों की सरकारें खासकर कांग्रेस व बीजेपी ही असली तौर पर जिम्मेदार व कसूरवार हैं। 
इससे स्पष्ट है कि केन्द्र व देश के विभिन्न राज्यों में अब तक जो भी सरकारें रही हैं वे ज्यादातर मामलों में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की सही व सच्ची मान्यता व सोच वाली सरकारें नहीं रही हैं बल्कि वोटों के लालच व स्वार्थ में केवल ऊपरी दिल से बाबा साहेब का नाम लेती रहती हैं व ज्यादातर केवल दिखावटी काम ही करती रहती हैं जिस कारण ही उनके अनुयाइयों में से खासकर दलितों, आदिवासियों, अति-पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों शोषितों-पीड़ितों का वास्तविक सामाजिक राजनीतिक व आर्थिक उत्थान नहीं हो पाया है तथा वे आज भी वंचित व उपेक्षित ही बने हुए हैं जो अति-दुःख व दुर्भाग्य की बात है। 
देश के धन व संसाधनों पर उनके जो हक हैं, उनसे उन्हें ज्यादातर वंचित रखा गया है और अब तो बाबा साहेब की अथक मेहनत व अनवरत प्रयासों के बाद करोड़ों दलितों आदिवासियों व पिछड़ों आदि को मिले आरक्षण की संवैधानिक सुविधा को भी अनेक प्रकार के षड़यंत्रों के माध्यम से या तो निष्क्रिय अथवा निष्प्रभावी बनाकर रख दिया गया है। 
उन्होंने जानना चाहा कि अगर सत्ता की मास्टर चाबी बहुजन समाज के अपने हाथों में होती तो क्या यह सब शोषण व अन्याय संभव था, मैं समझती हँू कभी नहीं संभव होता, जैसाकि उत्तर प्रदेश में चार बार बी.एस.पी. की सरकार बनने से भी हर प्रकार से साबित है। सत्ता प्राप्त करने व सत्ता में उचित भागीदारी के लिए सामाजिक परिवर्तन के साथ-साथ राजनीतिक शक्ति, एकता व एकजुटता तथा इस लक्ष्य के लिए लगातार संघर्ष करना लाजिमी है, जिसके लिए भी बी.एस.पी. का संघर्ष हर स्तर पर लगातार जारी है और आगे भी लगातार जारी रहेगा।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित देश की जो दुर्दशा है उसका सबसे ज्यादा शिकार यहाँ के करोड़ों गरीब, उपेक्षित व मेहनतकश लोग ही हो रहे हैं। उनका व उनके परिवार का भविष्य लगातार अनिश्चितता के दांव पर लगा हुआ है जबकि बी.एस.पी. का आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मूवमेन्ट उन्हीं करोड़ों लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए जबर्दस्त चुनौतियों का सामना करते हुए लगातार संघर्ष कर रहा है, जो जग-जाहिर है। 
साथ ही, देश में खासकर महिला वर्ग व हर वर्ग के करोड़ों बेरोजगार लोगों का जीवन आज तनाव व त्रस्त बना हुआ है क्योकि केन्द्र व खासकर यूपी सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही समर्थन में केवल काम करती हुई नजर आती है। देश की बड़ी-बड़ी सम्पत्तियों व कम्पनियों को, जिनसे सर्वसमाज के लोगों को रोजगार की आस बनी रहती है, औने-पौने में निजी कम्पनियों के हवाले किये जाने की गलत नीति पर अमल किया जा रहा है। इन सबसे देश में निराशा का माहौल है।
इसके अलावा, केन्द्र व यूपी सरकार हर उस नीति पर जबर्दस्ती काम कर रही है जिससे देश की सावसौ करोड़ जनता में सुख-शान्ति नहीं बल्कि ज्यादातर अशान्ति व अफरा-तफरी ही फैलेगी, जिस आशंका से पूरा देश त्रस्त व परेशान नजर आता है जिसमें नागरिकता कानून में संशोधन करने का प्रयास भी शामिल है।


 


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