श्रम कानूनों के संशोधन के विरोध में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में चक्का जाम

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किये जा रहे मजदूर विरोधी संशोधनों के खिलाफ श्रम संगठनों द्वारा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया। दिल्ली में 2 अगस्त को केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा प्रतिरोध दिवस के रूप में मनाया गया। 44 श्रम कानूनों को 4 लेबर कोड में बदलने के लिए किए जा रहे कोडीफिकेशन के विरोध में एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी, एमईसी और आईसीटीयू से जुड़े श्रमिकों और मजदूर नेताओं ने जंतर-मंतर से संसद मार्ग तक विरोध मार्च निकाला। मजदूर संगठनों की रैली को दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग थाने तक जाने से पहले जंतर मंतर चौराहे पर ही रोक दिया। पुलिस और आंदोलनकारी कामगारों के बीच रैली मार्च में पुलिस द्वारा अवरोध उत्पन्न करने के लिए टकराव भी हुआ और अंत में सभी प्रदर्शनकारियों की रैली जंतर मंतर चौराहे पर जनसभा में तब्दील हो गई। विरोध कर रहे कामगारों और उपस्थित मजदूर नेताओं को सभी श्रम संगठनों के राष्ट्रीय नेताओं ने संबोधित किया। कॉमरेड अमरजीत कौर, कॉमरेड शत्रुजीत, कॉमरेड सबीना (पत्रकार यूनियन), कॉमरेड पुष्पलता, कॉमरेड ए। एस। सिद्धू, कॉमरेड शिव गोपाल मिश्र, ऋषिपाल सिंह, कॉमरेड जवाहर प्रसाद, कॉमरेड संतोष कुमार ने जनसभा को संबोधित करते हुए उपस्थित श्रमिकों को केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किये जा रहे मजदूर विरोधी संशोधनों के बारे में जागरूक किया। विरोध रैली और और जनसभा का नेतृत्व एटक के मजदूर नेता कॉमरेड मुकेश कश्यप, कॉमरेड राजेंद्र सिंह, कॉमरेड अनुराग सक्सेना, कॉमरेड मैनेजर चौरसिया, कॉमरेड सुभद्रा, कॉमरेड अभिषेक, कॉमरेड आर। एस। डागर और कॉमरेड बिरजू नायक ने किया। प्रतिरोध दिवस में एक हजार से अधिक की संख्या में मजदूर नेताओं और कामगारों में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।


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