हिन्दू महासभा के नेताओं को सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई में भाग लेने से रोका।

दीपावली के पटाखों के समर्थन में याचिका की सुनवाई के दौरान वादी हिन्दू महासभा के नेताओं को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई में भाग लेने से रोकने पर वादी हिन्दू नेताओं ने इसे सर्वोच्च न्यायालय का अन्याय करार देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में कानून का नहीं जंगल का राज चल रहा है।


सर्वोच्च न्यायालय के मीडिया पार्क में पत्रकारों और मीडिया को सम्बोधित करते हुए दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने बताया कि अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की पिछले साल दीपावली से पहले 25 सितम्बर को लगायी गयी डायरी संख्या 37900/18 याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में बैठा हिन्दू विरोधी गिरोह साल भर से लटकाये बैठा था। जिसकी सुनवाई 26 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय के 10 नं. न्यायालय में आईटम नं. 30 के तहत श्री हेमन्त गुप्ता की अदालत में हुई। किन्तु सर्वोच्च न्यायालय हमें अपनी याचिका की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया और न्यायालय तक नहीं जाने दिया। श्री जैन ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 145.4 का हवाला देते हुए पत्रकारों को बताया कि इस अनुच्छेद के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाही खुली अदालत में होगी अन्यथा नहीं। हमें अपने मुकदमें की कार्यवाही देखने को पूर्ण अधिकार संविधान ने दिया है। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश साहेब ने बाधा डाल कर संविधान के प्रति ली सत्य आस्था की शपथ को तोड़ा है। संविधान के अनुच्छेद 145.4 के तहत सर्वोच्च न्यायालय खुला न्यायालय है। जिसमें हर भारतीय नागरिक को जाने का अधिकार है ताकि वें जजों द्वारा दिये जा रहे फैसलों को न केवल देख सके बल्कि जज सही फैसला दे रहे है इसकी समीक्षा भी कर सके। संविधान के अनुच्छेद 145.4 में खुली अदालत का प्रावधान इसी लिये रखा गया है ताकि जजों के फैसलों पर जनता की नजर रहे और जज गलत लोगों के प्रभाव से दूर रहकर सही फैसला दें।


मीडिया पार्क में पत्रकारों और मीडिया को सम्बोधित करते हुए दारा सेना के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी ओम जी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में बैठा जजों वकीलों और अधिकारियों का गिरोह सी आई ए और उसकी फोर्ड फाउन्डेशन की पाली नक्सली मिश्निरी आतंकवादी एन जी ओ के हाथों में खेल रहा हैजिनका एकमात्र मकसद देश की अर्थव्यवस्था की चूले हिला देना है। पटाखें पर तरह-तरह के प्रतिबन्ध लगाकर जजों ने फोर्ड फाउन्डेशन के फन्ड पर पल रही और जजों की खरीद फरोक्ष्त में माहीर इन्दिरा जय सिंह और प्रशन्त भूषण की चेली पूजा धर की याचिका को जिस प्रकार से प्रमुखता से लिया और हमें सुनने से लगातार इंकार कियावह निश्चय ही इस गिरोह की बड़ी साजिश है। पटाखें की गन्धक में जीवाणुओं और महामारियों से लड़ने की विलक्षण शक्ति का उल्लेख करते हुए स्वामी ओम जी ने सरकार को सचेत किया कि जजों और वकीलों का देशद्रोही गिरोह पटाखों पर रोक लगाकर 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को महामारी फैलाकर मारने की सी आई ए की खतरनाक साजिश में शामिल है जिसके खिलाफ सरकार का कठोर कदम डठाना जरूरी है।


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