मूलचन्द खैराती राम अस्पताल का प्रषासन सरकार अपने हाथ में ले

पिछले कुछ वर्श में एटक द्वारा अपनी जाॅच के अनुसार मूलचन्द अस्पताल में कोई विधि पूर्वक कार्य नही चल रहा हैै, जिसमे मुख्य हैे इसमे जमीन का मालिक व उसका ट्रस्ट का ना होना, सरकार द्वारा सभी नियमो को अनदेखा करकें लाईसंेन्स देना। स्थायी 800 स्टाफ में से अब सिर्फ 50 स्टाफ रह गये है, जिसमें नर्सो व डाक्टरों का अभाव हैं। नर्सिग विधार्थी का इस्तेमाल किया जा रहा हैे।ं स्थायी स्टाफ को बिना कारण निकाला जा रहा हैे। न्यूनतम वेतन तक का भूगतान नही दिया जा रहा । श्रम कार्यालय व सरकार चुप्पी लगाई हुईं। अनेक नामो से बिल तथा ईलाज हो रहा हैे। पिछले 23 साल से कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर संघर्श कर रहे है ,सवोच्य न्यायालय ने 2016 में कर्मचारी की मांगो को लेकर श्रम अदालत को निर्देष दिया था कि 4 महिने के अन्दर इस मुकदमा का फैसला करे परन्तु श्रम अदालत 6-6 महिने का तारिखे लगाकर प्रबधक को फायदा पहॅूचा रहा है और प्रबधक लगातार कर्मचारियों को गैर कानूनी तरिके से निकालता जा रहा हैे।
एन्टीकरप्षन द्वारा जाॅच हुई हैे तथा स्वास्थय विभाग द्वारा भी जाॅच हो चुकी हैे परन्तु रिपोर्ट नही आ रही हैे।
दिल्ली राज्य कमेटी एटक मांग करती है कि कर्मचारियों व मरिजो के हित में तथा अवैधानिक कार्यो को रोकने के लिए सरकार अस्पताल का प्रषासन तुरन्त अपने हाथो में ले।


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